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सुप्रीम कोर्ट करेगा राष्ट्रपति के 14 सवालों पर विचार

सुप्रीम कोर्ट की एक पांच जजों वाली संविधान पीठ जल्द ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उठाए गए 14 अहम संवैधानिक सवालों पर विचार करने जा रही है।

by Mahak Singh
Jul 23, 2025, 11:56 am IST
in भारत
Suprime Court

Suprime Court

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सुप्रीम कोर्ट की एक पांच जजों वाली संविधान पीठ जल्द ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उठाए गए 14 अहम संवैधानिक सवालों पर विचार करने जा रही है। यह सवाल संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत उठाए गए हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को एक फैसले में कहा था कि राज्यपाल को राज्य विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक पर निर्णय लेने की कोई समयसीमा तय होनी चाहिए। इस फैसले में अदालत ने यह भी कहा कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे होते हैं और उनके पास कोई व्यक्तिगत विवेकाधिकार नहीं होता। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कई सवाल उठाए हैं। ये सवाल इस बात से जुड़े हैं कि क्या न्यायालय राज्यपाल और राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों की शक्तियों और कर्तव्यों में हस्तक्षेप कर सकता है या उनकी समयसीमा तय कर सकता है।

संविधान के अनुच्छेद 143(1) का क्या अर्थ है- संविधान का अनुच्छेद 143(1) राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि यदि उन्हें किसी कानूनी या संवैधानिक सवाल पर अदालत की राय चाहिए, तो वे उस सवाल को सुप्रीम कोर्ट के पास भेज सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट उस विषय पर सुनवाई कर राष्ट्रपति को अपनी राय देता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछे ये सवाल-

  1. जब कोई विधेयक राज्यपाल के पास भेजा जाता है तो अनुच्छेद 200 के तहत उनके पास क्या विकल्प होते हैं?
  2. क्या राज्यपाल इन फैसलों पर सोचते समय मंत्रिपरिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य होते हैं?
  3. क्या राज्यपाल द्वारा लिए गए फैसलों की न्यायिक समीक्षा हो सकती है? (अनुच्छेद 200 के तहत)
  4. क्या अनुच्छेद 361 राज्यपाल के फैसलों की समीक्षा को पूरी तरह रोकता है?
  5. क्या अदालत राज्यपाल के फैसले के लिए समयसीमा तय कर सकती है?
  6. क्या राष्ट्रपति के अनुच्छेद 201 के तहत लिए गए फैसले की जांच की जा सकती है?
  7. क्या अदालत राष्ट्रपति को फैसले के लिए समयसीमा तय करने को कह सकती है?
  8. अगर राज्यपाल ने विधेयक राष्ट्रपति को भेजा है तो क्या सुप्रीम कोर्ट से राय लेनी चाहिए?
  9. क्या राष्ट्रपति और राज्यपाल के फैसलों पर पहले ही अदालत सुनवाई कर सकती है?
  10. क्या सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 के तहत राष्ट्रपति या राज्यपाल की शक्तियों में बदलाव कर सकता है?
  11. क्या राज्य सरकार राज्यपाल की मंजूरी के बिना कानून लागू कर सकती है?
  12. क्या सुप्रीम कोर्ट की कोई पीठ संविधान की व्याख्या से जुड़े मामले को पांच जजों की बेंच को भेज सकती है? (अनुच्छेद 145(3))
  13. क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसे आदेश दे सकता है जो संविधान या कानूनों से मेल न खाते हों?
  14. क्या अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र और राज्य के विवाद सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही सुलझा सकता है?

सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को अपने फैसले में कहा था कि राज्यपाल किसी विधेयक को अनिश्चितकाल तक रोक नहीं सकते। उन्हें मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करना होता है और यह एक संवैधानिक बाध्यता है। कोर्ट ने यह भी साफ कहा कि अगर राज्यपाल किसी विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजते हैं और राष्ट्रपति उसे मंजूरी नहीं देते, तो राज्य सरकार सीधे सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।

Topics: timeline for bill assentSupreme Courtसुप्रीम कोर्टराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूPresident Murmuassent to billspresident 14 question to supreme court
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