Maulana Changur Balrampur Conversion Case: मौलाना छांगुर को लेकर जांच एजेंसियां दिन प्रति दिन नये-नये खुलासे कर रही हैं। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि मौलाना छांगुर के तीन हजार अनुयायी कौन थे? साथ ही प्रशासन में उसके सक्रिय मददगारों की भी तलाश की जा रही है। ATS अब उसके अनुयायियों और नेपाल में मददगार की तलाश में जुटी है। दरअसल, मौलाना छांगुर के नेटवर्क की पूरी संरचना को उजागर करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने मिशन पहचान अभियान की शुरुआत कर दी है।
LIU भी छांगुर के अनुयायियों का पता लगाने में जुटी
जांच एजेंसियों को अभी तक तीन हजार अनुयायियों के अवैध कन्वर्जन से जुड़ाव की जानकारी मिली है। अब इन अनुयायियों का नाम और पता खोजा जा रहा है। ATS के साथ ही स्थानीय खुफिया इकाइयां (LIU) भी इन अनुयायियों की गतिविधियों और इनके संपर्कों की जानकारी जुटा रही है।
प्रशासन- पुलिस तंत्र में कौन था छांगुर का मददगार?
सुरक्षा एजेंसियों का फोकस अब प्रशासन और पुलिस तंत्र में छांगुर के मददगारों पर भी है। ये ही वो लोग थे जो अपने पावर की बदौलत मौलाना छांगुर के हिंदुओं के अवैध कन्वर्जन को सुचारू रूप से चलने दे रहे थे और उसकी मदद कर रहे थे। इनके छांगुर से जुड़ाव की भी जांच की जा रही है।
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9 राज्यों में फैला था कन्वर्जन नेटवर्क, नेपाल में मददगार की तलाश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कन्वर्जन के सरगना मौलाना छांगुर का नेटवर्क 9 जिलों और 3 राज्यों में फैला हुआ था। उसका गिरोह उत्तर प्रदेश के बलरामपुर, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती समेत नौ जिलों में फैला था। जांच एजेंसियां महाराष्ट्र, हरियाणा और बिहार में भी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर बनाये हुए है। वहीं, नेपाल में छांगुर के मददगारों की भी पहचान की जा रही है। माना जा रहा है कि जांच एजेंसियां जल्द ही इसे लेकर अहम खुलासे कर सकती हैं।
मिशन पहचान के तहत ही जांच एजेंसियों ने बलरामपुर न्यायालय में तैनात लिपिक राजेश उपाध्याय को गिरफ्तार किया था। उस पर छांगुर की मदद करने का आरोप है। आजमगढ़, बहराइच, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती में भी स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयां छांगुर के अनुयायियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। गौरतलब है कि मौलाना छांगुर ने 1500 से ज्यादा हिंदू युवतियों का इस्लाम में कन्वर्जन किया है। छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन अभी पुलिस गिरफ्त में हैं। छांगुर को विदेशों से 500 करोड़ से ज्यादा का फंड कन्वर्जन के लिए हुआ था। जांच एजेंसियां फंड देने वाले उसके विदेशी सहयोगियों का भी पता लगाने में जुटी हैं।
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