Andhra Pradesh Liquor Scam: आंध्र प्रदेश में 3,500 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मामले में आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक 305 पेज की चार्जशीट दायर की है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का नाम रिश्वत लेने वाले के रूप में सामने आया है। हालांकि, उन्हें अभी तक आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है। यह मामला 2019 से 2024 तक के वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) शासनकाल से जुड़ा है।
क्या है शराब घोटाला?
यह घोटाला आंध्र प्रदेश में शराब की बिक्री और वितरण से जुड़ा है। चार्जशीट के मुताबिक, YSRCP सरकार ने शराब नीति को इस तरह बदला कि कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचे। इसके लिए शराब बनाने वाली कंपनियों (डिस्टिलरीज) से हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली जाती थी। यह रकम कथित तौर पर कई लोगों के जरिए जगन मोहन रेड्डी तक पहुंचाई जाती थी। इस पैसे को 30 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के जरिए लॉन्ड्रिंग किया गया और इसका इस्तेमाल जमीन, सोना, और दुबई व अफ्रीका में लग्जरी संपत्तियां खरीदने में हुआ।
कैसे काम करता था यह रैकेट?
चार्जशीट में दावा किया गया है कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड केसिरेड्डी राजशेखर रेड्डी था, जो जगन का पूर्व आईटी सलाहकार था। उसने शराब नीति में बदलाव करवाए और स्वचालित ऑर्डर सिस्टम (OFS) को मैनुअल कर दिया, ताकि पारदर्शिता कम हो और रिश्वत लेना आसान हो। डिस्टिलरीज को धमकाया जाता था कि अगर उन्होंने 12-20% रिश्वत नहीं दी, तो उनके ऑर्डर रोक दिए जाएंगे। यह रकम नकद, सोने या अन्य कीमती चीजों में ली जाती थी। 2019 में हैदराबाद के पार्क हयात होटल में डिस्टिलरी मालिकों की एक बैठक हुई, जहां सज्जला श्रीधर रेड्डी ने उन्हें सहयोग करने या कारोबार बंद होने की धमकी दी।
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कौन-कौन शामिल?
चार्जशीट में 48 लोगों और कंपनियों का जिक्र है, लेकिन अभी 16 को ही आरोपी बनाया गया है। इसमें YSRCP के सांसद पीवी मिधुन रेड्डी का नाम भी शामिल है, जिन्हें हाल ही में गिरफ्तार किया गया। मिधुन पर नीति बनाने और रिश्वत लेने में अहम भूमिका का आरोप है। इसके अलावा, विजय साई रेड्डी, बालाजी गोविंदप्पा और भास्कर रेड्डी जैसे लोग भी इस रैकेट का हिस्सा बताए गए हैं। चार्जशीट के मुताबिक, 250-300 करोड़ रुपये का नकद YSRCP की चुनावी फंडिंग के लिए इस्तेमाल हुआ।
जगन मोहन रेड्डी ने कहा राजनीतिक साजिश
जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक साजिश” बताया। उनके मुताबिक, यह मामला मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की ओर से बनाया गया है ताकि YSRCP नेताओं को निशाना बनाया जा सके। जगन का कहना है कि नायडू खुद 2014-19 के शराब नीति मामले में जमानत पर हैं, इसलिए वे YSRCP की नीतियों को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह पूरा केस जबरदस्ती, धमकियों और रिश्वत के जरिए बनाए गए बयानों पर आधारित है।
विपक्ष का विरोध
YSRCP नेताओं, जैसे बोत्सा सत्यानारायण, पेरनी वेंकटरमैया, अंबाती रामबाबू और अन्य ने मिधुन रेड्डी की गिरफ्तारी को “राजनीतिक बदला” करार दिया। उनका कहना है कि नायडू सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत इस मामले की जांच शुरू की है।
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