चंडीगढ़, (हि.स.)। विश्व के उम्रदराज एथलीट फौजा सिंह (World’s oldest athlete ) नहीं रहे। सड़क हादसे में घायल सिंह ने बीती रात पंजाब के जालंधर में निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। वो 114 वर्ष के थे। परिजनों के अनुसार मंगलवार को फौजा सिंह के पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सिंह कुछ वर्षों से जालंधर के निकट ब्यास पिंड में अपने बेटे के साथ रह रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
फौजा सिंह को टर्बन टॉरनेडो (Turban Tornado) के नाम से जाना जाता था। परिवार के सदस्यों ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा कि सोमवार शाम फौजा सिंह खाना खाने के बाद घर के बाहर टहल रहे थे। तभी एक गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। इससे वह घायल होकर गिर गए।
परिजनों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां बीती रात उनका निधन हो गया। आदमपुर थाना प्रभारी हरदेव सिंह के अनुसार फौजा सिंह के बेटे की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। अभी तक हादसे को अंजाम देने वाली गाड़ी के बारे में पता नहीं चल सका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि फौजा सिंह जी अद्वितीय व्यक्तित्व और फिटनेस को लेकर भारत के युवाओं को प्रेरित किया। वे अद्भुत दृढ़ संकल्प वाले एक असाधारण एथलीट थे। उनके निधन से बहुत दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और दुनिया भर में उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।
कौन थे फौजा सिंह
फौजा सिंह का जन्म 01 अप्रैल, 1911 को पंजाब के जालंधर जिले के ब्यास पिंड में हुआ था। फौजा सिंह उस समय चर्चा में आए जब 90 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैराथन में दौड़ना शुरू किया। कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने टर्बन टॉरनेडो का टैग हासिल किया। वर्ष 2004 में उन्होंने 93 साल की उम्र में लंदन में मैराथन पूरी की। 2011 में 100 साल की उम्र में उन्होंने टोरंटो में मैराथन पूरी की। फौजा सिंह को अब तक विश्व का सबसे उम्रदराज मैराथन धावक माना जाता था। वर्ष 1990 में विदेश में शिफ्ट हुए फौजा सिंह के पास इंग्लैंड की नागरिकता थी। उन्होंने 100 साल की उम्र में कुल आठ रिकॉर्ड बनाए और वर्ष 2013 में 102 वें जन्मदिन के अवसर पर प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ से संन्यास लेने का ऐलान किया था।
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