इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रह चुके वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस के मंचों पर अवैध मतांतरण के मुद्दे को कई बार उठाया था। लेकिन वहां इसे लेकर मौन प्रतिक्रिया रही और आज भी कांग्रेस के लिए हिंदुओं का अवैध कन्वर्जन प्राथमिकता में नहीं है। कन्वर्जन के मुद्दे पर कांग्रेस के पास रटे-रटाये उत्तर होते हैं। वास्तविकता सब जानते हैं लेकिन उसके बारे में कोई बोलता नहीं है। अरविंद नेताम ने यह बात पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर के साथ विशेष बातचीत में कही। उनका कहना है कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है।
सनातन परंपरा से जनजातीय समाज को कभी नहीं रही समस्या
अरविंद नेताम का कहना है, मैंने साल 2023 से पहले ही कांग्रेस से नाता तोड़ दिया था। जब संघ ने मुझे अपने प्रशिक्षण वर्ग के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल किया तो मेरे कुछ परिचितों ने इस पर आपत्ति जताई थी। मैंने उन्हें स्पष्ट किया कि संघ कोई राजनीतिक मंच नहीं है। एक सांस्कृतिक मंच है। संघ के मंच पर मुझे अपने समाज की बात रखने का अवसर मिला। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक संवाद था। अरविंद नेताम कन्वर्जन को सबसे बड़ी पीड़ा बताते आये हैं।
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उन्होंने अपने विशेष साक्षात्कार में कन्वर्जन को लेकर कई बातें कही हैं। उनका कहना है कि सनातन परंपरा से जनजातीय समाज को कभी समस्या नहीं रही। वे स्वंय को उसी धारा का हिस्सा मानते हैं। लेकिन कन्वर्जन का कांटा बहुत पीड़ा देता है। उनका कहना है कि मेरी कोशिश यही है कि जनजाति समाज संघ को समझे और संघ इस समाज को और निकट से देखें. उन्होंने कहा कि कन्वर्जन के मामले में छत्तीसगढ़ के बस्तर की जो स्थिति है उसे वह पिछले 25-30 सालों से देखते आए हैं। पांचजन्य संपादक हितेश शंकर के साथ अरविंद नेताम का विशेष साक्षात्कार पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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