गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार ने हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिलों में प्रवास किया। प्रवास के दौरान उन्होंने बौद्ध अनुयायियों से भी भेंट की। किन्नौर और लाहौल स्पीति में प्रवास के बाद श्री इंद्रेश कुमार शिमला पहुंचे और यहां उन्होंने 15 जून को पत्रकारों से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा चीन अधिकृत तिब्बत से लगता है और कैलास- मानसरोवर पर भी चीन का अवैध कब्जा है। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार और प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उस समय चीन के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था, जो ऐतिहासिक रूप से एक बड़ी भूल थी।
उन्होंने आगे कहा कि देश में कन्वर्जन को रोकने की आवश्यकता है, क्योंकि कन्वर्जन के बाद किसी भी व्यक्ति की पूरी पहचान बदल जाती है। सभी नागरिकों को अपनी पूजा-पद्धति पर चलने का अधिकार है और किसी की पूजा-पद्धति में हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। कन्वर्जन संघर्ष और द्वेष को बढ़ाता है।
उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि इस घटना ने चीन की भूमिका को उजागर किया है। हमें चीन की विस्तारवादी नीति से सावधान रहने की आवश्यकता है। चीन तिब्बती और हिमालयी बौद्धों को समाप्त करने की कोशिश में लगा है। हमें इससे सतर्क रहना होगा।
टिप्पणियाँ