Iran-Israel War: 10,000 भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित निकालेगा भारत, अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर के
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

Iran-Israel War: 10,000 भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित निकालेगा भारत, अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर के

मोदी सरकार पहले भी अनेक देशों में संकट की स्थिति बनने पर हजारों नागरिकों और छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाई है

by Alok Goswami
Jun 17, 2025, 12:19 pm IST
in विश्व, रक्षा, विश्लेषण
ईरान के कई शहरों में बम धमाकों और मिसाइल हमलों की खबरें लगातार आ रही हैं

ईरान के कई शहरों में बम धमाकों और मिसाइल हमलों की खबरें लगातार आ रही हैं

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पश्चिम एशिया में ईरान और इस्राएल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को चुनौती दी है, बल्कि वहां रह रहे विदेशी नागरिकों, विशेषकर छात्रों के लिए गंभीर सुरक्षा संकट पैदा कर दिया है। इस संदर्भ में भारत सरकार द्वारा ईरान में फंसे लगभग 10,000 भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी की पहल एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक और मानवीय कदम है। भारत सरकार ने ईरान सरकार से राजनयिक स्तर पर अपने छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए मार्ग देने का अनुरोध किया था जिसे तेहरान ने स्वीकार करके सड़क मार्ग से उन्हें निकालने की अनुमति दी है। ईरान में भय का माहौल है, इस्राएल की ओर से बरसती मिसाइलों के बीच अफरातफरी में नागरिक दबे—छुपे बैठे हैं। बहुत से लोग तो टनलों में जाकर, इस्राएल के हमलों को समर्थन दे रहे हैं।

ईरान और इस्राएल के बीच करीब पांच दिन से जारी संघर्ष में दोनों देशों के बीच सैन्य हमले और जवाबी कार्रवाइयां तेज हो गई हैं। इस संघर्ष का प्रभाव केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि वहां रह रहे अन्य देशों के नागरिकों, विशेषकर छात्रों, पर भी पड़ा है। ईरान के कई शहरों में बम धमाकों और मिसाइल हमलों की खबरें लगातार आ रही हैं, जिससे स्थानीय और विदेशी नागरिकों में भय का माहौल है।

एक आकलन के अनुसार, ईरान में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में भारतीय छात्र वहां के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। उनमें भी अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं। रिपोर्ट है कि तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज़ के हॉस्टल के पास हुए हमले में दो कश्मीरी छात्र घायल भी हुए हैं। इस वातावरण से भयभीत छात्रों ने भारतीय दूतावास से अपील की कि उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए, क्योंकि वे लगातार बम धमाकों की आवाज़ों के बीच बेसमेंट में छिपे हुए हैं।

भारत सरकार ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की है। विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने मिलकर छात्रों को ईरान के भीतर ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त, भारत ने ईरान सरकार से औपचारिक रूप से छात्रों की सुरक्षित निकासी की अनुमति मांगी थी, जिसे ईरान ने स्वीकार कर लिया है।

ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद किया हुआ है, जिससे हवाई मार्ग से छात्रों की निकासी संभव नहीं है। इसके चलते भारत सरकार अब सड़क मार्ग से निकासी की योजना बना रही है। ईरान ने अफगानिस्तान, अज़रबैजान और तुर्कमेनिस्तान की सीमाओं को भारतीय नागरिकों के लिए खोल दिया है, जिससे छात्रों को इन देशों के ज़रिए सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।

इधर भारत में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने विदेश मंत्रालय से छात्रों की तत्काल निकासी के कदम उठाने की अपील की है। साथ ही, कई सामाजिक संगठनों और आहत परिवारों ने सरकार से अनुरोध किया है कि छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

श्रीनगर में रहने वाला कादरी परिवार अब कुछ राहत की सांस ले रहा है। तेहरान के मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले उनके बेटे और बेटी भारी बमबारी के बीच वहां फंस गए थे, जिन्हें भारतीय दूतावास और भारत के विदेश मंत्रालय के प्रयासों के बाद आखिरकार वहां से निकालकर सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया गया है। सुहैल कादरी ने बताया, “मेरी बेटी और बेटे को तेहरान से सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। यह हमारे लिए बहुत दर्दनाक समय रहा है। कल, जब मैंने अपनी बेटी से बात की, तो वह बहुत डरी हुई थी क्योंकि उसके कॉलेज के पास एक बम गिरा था।” श्री कादरी तेहरान में भारतीय दूतावास और विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा छात्रों को तेहरान से बाहर निकालने के प्रयासों की प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं तेहरान स्थित हमारे दूतावास के कर्मचारियों का बहुत आभारी हूं। दूतावास के एक अधिकारी ने कल मुझे फोन किया और आश्वासन दिया कि मेरी बेटी और बेटे सहित सभी फंसे हुए छात्रों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा। आज, वे किसी सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं।”

नि:संदेह, भारत की यह पहल न केवल मानवीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उसकी कूटनीतिक क्षमता और वैश्विक जिम्मेदारी को भी दर्शाती है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटेगा। साथ ही, ईरान के साथ संवाद और सहयोग के ज़रिए इस संकट को सुलझाने की दिशा में भी भारत ने कूटनीतिक परिपक्वता दिखाई है।

ईरान-इस्राएल संघर्ष के बीच भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी एक जटिल लेकिन आवश्यक प्रक्रिया है। यह घटना न केवल भारत की विदेश नीति की संवेदनशीलता को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि संकट की घड़ी में सरकार और समाज मिलकर कैसे अपने नागरिकों की रक्षा कर सकते हैं। भारत की मोदी सरकार पहले भी अनेक देशों में संकट की स्थिति बनने पर हजारों नागरिकों और छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाई है। यमन, यूक्रेन, पोलैंड, रूस, अफगानिस्तान जैसे देशों में संकट में फंसे भारत के ही नहीं, दूसरे देशों के भी नागरिकों, छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए दुनियाभर के देश भारत के प्रति आभार प्रकट कर चुके हैं।

Topics: missile attackभारतमोदी सरकारwarisraeldiplomacyindia students in iranईरान-इस्राएल संघर्षevacuation
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

PM Modi Urban Naxal left extremism

मोदी सरकार का समावेशी विकास: शहरी नक्सल और वामपंथी उग्रवाद पर अंकुश

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नहीं गए

BRICS से गायब शी जिनपिंग, बीजिंग में राष्ट्रपति Xi Jinping के उत्तराधिकारी की खोज तेज, अटकलों का बाजार गर्म

विश्व में भारत का गौरव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोर्ट ऑफ स्पेन स्थित रेड हाउस में शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से भेंट की।

भारत-त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच 6 समझौते, भारतीय मूल की छठी पीढ़ी तक मिलेगा ओसीआई कार्ड

कहूटा रिसर्च लैबोरेटरी में यूरेनियम संवर्धन की गतिविधियां तेज हो गई हैं

कहूटा में परमाणु ईंधन क्यों जमा कर रहा जिन्ना का देश? क्या आतंकवादी सोच का भारत का पड़ोसी बना रहा परमाणु अस्त्र?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies