वॉशिंगटन/नई दिल्ली । अमेरिका के नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारतीय मूल के एक छात्र के साथ हुई कथित बदसलूकी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि कैसे सुरक्षाकर्मियों ने छात्र को पेट के बल कर उसके पीछे की तरफ से उसके हाथ और पैरों को मोड़कर बांध रखा है। इस पूरे घटनाक्रम को वहां मौजूद भारतीय-अमेरिकी कारोबारी कुणाल जैन ने रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर साझा किया।
कुणाल जैन ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- “मैंने कल रात एक युवा भारतीय छात्र को नेवार्क हवाई अड्डे से निर्वासित होते देखा – हथकड़ी लगाई गई, रोते हुए, एक अपराधी की तरह व्यवहार किया गया। वह सपनों का पीछा करते हुए आया था, कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहा था। एक एनआरआई के रूप में, मुझे असहाय और टूटा हुआ महसूस हुआ। यह एक मानवीय त्रासदी है।
ये बेचारा हरियाणवी भाषा में बोल रहा था। मैं उसके उच्चारण को पहचान सकता था जहां वह कह रहा था, “मैं पागल नहीं हूं, ये लोग मुझे पागल साबित करने लगे हैं।”
Here more videos and @IndianEmbassyUS need to help here. This poor guy was speaking in Haryanvi language. I could recognise his accent where he was saying “में पागल नहीं हूँ , ये लोग मुझे पागल साबित करने में लगे हुए हे” pic.twitter.com/vV72CFP7eu
— Kunal Jain (@SONOFINDIA) June 8, 2025
यह बच्चे वीज़ा ले कर सुबह उड़ान से उतरते हैं। किसी कारण से वहां इमीग्रेशन अथॉरिटीज को आने का कारण समझा नहीं पाते और फिर शाम की उड़ान से इन्हें हाथ पाँव बांध कर मुज़ारिमों की तरह भेजा जाता है। रोज़ 3-4 केस ऐसे हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे केसों की बाढ़ आ गई हैं।
इस गरीब बच्चे के माता-पिता को पता नहीं चलेगा कि उसके साथ क्या हो रहा है। इस बच्चे के माँ बाप से उसका मिलाप हो जायें बस इस से बढ़िया कोई बात नहीं हो सकती। यही कामना है।
बहुत सीधी सी बात हैं! उतने ही स्टूडेंट्स को वीसा दो जितनी नौकरियां दे सकते हों। अन्यथा उनसे पहले ही पूछ लो की नौकरी नहीं मिले तो वापस जाओंगे क्या..? क्यों उनके माँ बाप की बदुआयें लेते हों”!
जब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा तो, इस घटना को लेकर न्यूयॉर्क स्थित भारतीय दूतावास ने भी प्रतिक्रिया दी है। दूतावास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- “हमने सोशल मीडिया पर उन पोस्टों को देखा है जिनमें यह दावा किया गया है कि एक भारतीय नागरिक को नेवार्क एयरपोर्ट पर परेशान किया गया। हम इस मामले में स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए कौंसुलेट सतर्क और तत्पर है।”
अपराधी जैसा बर्ताव
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र जमीन पर पेट के बल लेटा हुआ है और दो सुरक्षाकर्मी उसके हाथ और पैर बांध रहे हैं। छात्र बार-बार मदद की गुहार लगाता नजर आता है। बता दें कि अमेरिकी प्रशासन ने उसे अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के आरोप में हिरासत में लिया था और बाद में उसे भारत वापस भेज दिया गया।
अमेरिका में विदेशी छात्रों पर बढ़ी सख्ती
उल्लेखनीय है कि हाल के महीनों में अमेरिका में विदेशी छात्रों और कामगारों के वीजा रद्द करने की घटनाएं बढ़ गई हैं। अमेरिकी प्रशासन द्वारा कई बार बिना पूर्व सूचना के वीजा रद्द किए जा रहे हैं। इस मामले ने अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय में भी चिंता की लहर पैदा कर दी है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारतीय दूतावास इस घटना पर आगे और क्या कदम उठता हैं।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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