गत 27 मई को पूरा देश 10 वर्षीय श्रवण सिंह से परिचित हुआ। इस दिन उसे भारतीय सेना ने सम्मानित किया और उसके कार्य की प्रशंसा की। श्रवण सिंह पंजाब के फिरोजपुर जिले का रहने वाला है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान उसके गांव में भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला था। श्रवण के पिता ने उन सैनिकों की छोटी-मोटी मदद की। इसे देखते हुए श्रवण भी इस सेवा कार्य में लग गया। वह प्रतिदिन सैनिकों के लिए पानी, दूध, लस्सी और बर्फ लेकर जाता था। उसकी इस निःस्वार्थ सेवा और साहस को भारतीय सेना ने सराहा और 27 मई को एक विशेष समारोह में उसे सम्मानित किया।
सेना के अधिकारियों ने उसे स्मृति चिन्ह, विशेष भोजन और उसकी पसंदीदा आइसक्रीम भेंट की। सेना के 7वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल रणजीत सिंह मानराल ने स्वयं उसे सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया। श्रवण ने मुस्कराते हुए कहा, ”मुझे खाना और आइसक्रीम मिली, मैं बहुत खुश हूं।”
श्रवण ने कहा कि वह बड़ा होकर सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहता है। श्रवण के पिता ने बताया, ”सेना हमारे खेत में तैनात थी। पहले दिन से ही श्रवण जवानों की मदद करने लगा। हमने उसे रोका नहीं, बल्कि उसका उत्साह बढ़ाया।”
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