पाकिस्तान की संसद उस वक्त सन्न रह गई जब अवामी नेशनल पार्टी के सांसद उमर फारूख ने प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के बलूचिस्तान को लेकर भारत को बदनाम करने के आरोपों की एक एक करके धज्जियां उड़ानी शुरू कीं। उमर ने खुलकर कहा कि ‘बलूचिस्तान में हमले हो रहे हैं जिनके पीछे पाकिस्तान की ओर से बार बार भारत पर आरोप लगाए जाते रहे हैं। लेकिन ऐसे में देश की सुरक्षा एजेंसियां तथा सेनाएं कहां सो रही हैं, वे कर क्या रही हैं? संसद हमारी सेना के सामने यह सवाल क्यों नहीं उठा रही? क्या बम या धमाके करने वाले भारत से आ रहे हैं, नहीं। वे हमलावर अपने ही हैं। वे भारत के नहीं हैं।’ उमर के इन बयानों ने प्रधानमंत्री शरीफ के उन दावों का फर्जीवाड़ा उजागर कर दिया कि ‘भारत बलूचिस्तान में अराजकता फैला रहा है। वह वहां हथियार और लोग भेज रहा है।’
सांसद फारूख इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में जिन्ना के देश की सुरक्षा तथा गुप्तचर एजेंसियों की भी खुलकर क्लास लगाई। बलूचिस्तान से आने वाले उमर ने उस सूबे को लेकर जिन्ना के देश की सरकार के झूठ तार तार कर दिए। उमर ने साफ कर दिया कि कैसे जिन्ना का देश दुष्प्रचार तंत्र का सहारा लेकर भारत के विरुद्ध प्रोपेगैंडा फैला रहा है।

एएनपी के पाकिस्तानी सांसद ने अपने भाषण में सवाल किया कि आखिर भारत इतने अंदर आकर हम पर चोट कर ही कैसे सकता है? पाकिस्तान की रक्षा एजेंसियां और सेना क्या सो रही है। वे सक्षम हैं भी कि नहीं? उमर ने भारत के हमलों में चकलाला एयरबेस के बताह होने की चर्चा करते हुए पूछा कि पाकिस्तान की सेना का मुख्यालय वहां से बहुत पास होते हुए भी कहीं कोई सवाल नहीं खड़ा कर रहा है कि भारत इतने अंदर तक कैसे आ गया। लोग इस विषय में मुंह क्यों नहीं खोल रहे, इस पर कोई बात क्यों नहीं कर रहा। अपनी नाकामियों को छुपाया क्यों जा रहा है?
इस कड़ी में आगे उमर बलूचिस्तान को लेकर पाकिस्तान सरकार द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर आए। उन्होंने कहा कि हमारे यहां से बलूचिस्तान में हमलों के पीछे भारत का हाथ बताया जाता है जो सरासर गलत है। आखिर हमारी सेनाएं वहां कर क्या रही हैं? हमारी सेना से सवाल क्यों नहीं पूछा जाता? क्या वहां फट रहे बम अथवा लोग भारत से आ रहे हैं? नहीं, हमला करने वाले लोग हमारे ही तो हैं।
उमर ने बलूचिस्तान में मासूमों की गिरफ्तारी का जिक्र किया जो वहां बलूचों को प्रताड़ित किए जाने और इससे उनके आक्रोशित होने का कारण बनता है। इन्हीं वजहों और पाकिस्तान सरकार की सरासर अनदेखी की वजह से बलूचिस्तान उबल रहा है, बलूच आंदोलन कर रहे हैं। बलूचों की मांग रही है कि इस जगह के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों पर उनका पहला हक है जो उन्हें नहीं दिया जा रहा है।
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