वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज (मंगलवार, 20 मई) सुनवाई कर रहा है। जिसमे कांग्रेस सांसद और वक्फ कानून का विरोध करने वालों के वकील कपिल सिब्बल ने अजीब तर्क देते हुए कहा कि वक्फ अल्लाह को दिया गया दान है, जिसे बदला नहीं जा सकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सिब्बल ने वक्फ कानून को अपनी सुविधा के हिसाब से सियासत में ढालते हुए कहा कि वैसे तो वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 को वक्फ की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन हकीकत में गैर न्यायिक प्रक्रिया, कार्यकारी प्रक्रिया के जरिए वक्फ पर कब्जा करने के लिए सरकार ने बनाया है।
Supreme Court begins hearing a batch of petitions challenging the constitutional validity of the Waqf (Amendment) Act, 2025 pic.twitter.com/uNSf862pzR
— ANI (@ANI) May 20, 2025
वक्फ को अल्लाह का दान मानते हैं सिब्बल
कपिल सिब्बल का कहना है कि वक्फ अल्लाह को दिया गया दान है। जो भी संपत्ति एक बार भी वक्फ की हो गई, वो हमेशा के लिए वक्फ की हो गई। सिब्बल का कहना है कि हालांकि, पहले वक्फ संपत्तियों को प्राचीन स्मारक के रूप में संरक्षित किया गया था, लेकिन, संपत्ति की पहचान वक्फ होने से नहीं बदली और सरकार को हस्तांतरित हो गई। अब से ऐसी वक्फ संपत्ति शून्य हो जाएगी, और एक बार वक्फ शून्य हो जाने पर लोगों को नमाज से रोक दिया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ये नरैटिव पैदा करने की कोशिश की कि वक्फ कानून के जरिए सरकार लोगों को प्रार्थना करने से रोक दिया गया है।
उन्होंने तर्क दिया इस कानून के कारण धार्मिक गतिविधि को स्वतंत्र रूप से आयोजित करने के अधिकार पर अंकुश लग जाएगा। इस मामले में चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि लोग अभी भी खजुराहो के मंदिर में जाकर प्रार्थना करते हैं, हालांकि, इसे एक प्राचीन स्मारक के तौर पर संरक्षित किया गया है।
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