सोशल मीडिया पर हाल ही में तेजी से वायरल हो रही एक कथित समाचार रिपोर्ट, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। भारत सरकार की फैक्ट चेकिंग एजेंसी पीआईबी (PIB) फैक्ट चेक ने पूरी तरह फर्जी और भ्रामक बताया है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल के माध्यम से जनता को आगाह किया कि वायरल हो रही छवि मॉर्फ्ड (संशोधित) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जनरेट की गई है। एजेंसी ने स्पष्ट रूप से कहा कि “ऐसा कोई लेख कभी किसी आधिकारिक या विश्वसनीय मीडिया संस्थान द्वारा प्रकाशित नहीं किया गया है।” फैक्ट चेक टीम ने आगे चेतावनी दी कि ऐसी भ्रामक छवियों या लेखों में दिए गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, क्योंकि यह फिशिंग अटैक का हिस्सा हो सकता है, जिसका मकसद उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी चुराना हो सकता है।
🕵️♂️ #Fraudulent_Website_Alert
The headline of a #FAKE news article claims that accusations against Prime Minister Narendra Modi have been confirmed
📣This image is morphed & AI-generated
⚠️No such article has ever been carried out by @timesofindia
🚨Do NOT… pic.twitter.com/FplALtHkLO
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 16, 2025
भ्रामक सूचनाओं से बचने की सलाह
PIB फैक्ट चेक ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली किसी भी खबर की प्रामाणिकता जांचे बिना उस पर भरोसा न करें। साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसी संदिग्ध खबरों की सत्यता जांचने के लिए नागरिक PIB Fact Check पोर्टल या उनके आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल की सहायता ले सकते हैं। यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि एआई तकनीक के दुरुपयोग से कैसे गलत सूचनाएं फैलाई जा सकती हैं।
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