क्या सुप्रीम कोर्ट तय कर सकता है विधेयक की समयसीमा ? राष्ट्रपति ने SC से पूछे 14 सवाल
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

क्या सुप्रीम कोर्ट तय कर सकता है विधेयक की समयसीमा ? राष्ट्रपति ने SC से पूछे 14 सवाल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के विधेयक मंजूरी की समयसीमा वाले फैसले पर सवाल उठाए। संविधान के अनुच्छेद 200, 201 और 142 के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए 14 संवैधानिक प्रश्नों पर राय मांगी।

by Kuldeep Singh
May 15, 2025, 09:32 am IST
in भारत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यपाल और राष्ट्रपति को किसी भी विधेयक को तीन माह के अंदर मंजूरी देने का निर्देश देने के मामले में अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सवाल किए हैं। सुप्रीम कोर्ट से सवाल किया कि अगर कोई मामला संघीय विवाद (केंद्र-राज्य का विवाद) से जुड़ा हुआ है तो राज्य सरकारें किस प्रकार से अनुच्छेद 32 का इस्तेमाल (मौलिक अधिकारों की रक्षा) कर सकती हैं, जबकि मामले अनुच्छेद 131 से जुड़ा हुआ है।

लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 8 अप्रैल 2025 को संविधान के अनुच्छेद 141 (1) का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति को निर्देश देने के फैसले पर सवाल किया है। राष्ट्रपति का कहना है कि ये पूरी तरह से व्यवस्थाओं संवैधानिक मूल्यों के विपरीत है औऱ इससे संवैधानिक सीमाओं का अतिक्रमण होता है। इसी के साथ उन्होंने सर्वोच्च अदालत से 14 संवैधानिक प्रश्नों पर राय भी मांगी है।

संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं

सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति और राज्यपाल को 3 माह के अंदर विधेयकों पर हस्ताक्षर करने वाले फैसले पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 200 या 201 में इस प्रकार की समय सीमा का वर्णन ही नहीं है। संविधान में राष्ट्रपति या फिर राज्यपाल के विवेक पर आधारित फैसलों के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। अगर इसी प्रकार से संविधान के अनुच्छेद 142 का दुरुपयोग किया गया तो इससे देश में संवैधानिक असंतुलन पैदा हो सकता है। दरअसल, अनुच्छेद 142 के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट को पूर्ण न्याय का अधिकार मिलता है।

क्या है पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल के बीच चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए राज्यापाल रवि एन को तुरंत राज्य सरकार के विधेयकों पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया था। जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने अपने फैसले में टिप्पणी की थी कि राज्यपाल को किसी भी विधेयक पर तीन माह के भीतर ही फैसला लेना होगा। इसी समयसीमा के भीतर राज्यपाल को या तो विधेयक को स्वीकृत करना होगा या फिर उसे पुनर्विचार के लिए वापस करना होगा। अगर दोबारा से राज्य सरकार विधेयक पारित करके लाती है तो उसे मंजूरी देनी ही होगी। इसी तरह का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को दिया था।

इसी को लेकर देश की सियासत में बवाल मचा हुआ है।

Topics: President Draupadi Murmuराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूतमिलनाडु राज्यपालविधेयक मंजूरीअनुच्छेद 142संवैधानिक विवादBill approvalArticle 142Supreme CourtConstitutional disputeसुप्रीम कोर्टTamil Nadu Governor
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार में 10 बीघा सरकारी जमीन पर बना दी अवैध मजार, हिंदू संगठनों में रोष, जांच के आदेश

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

Supreme court OBC reservation

सुप्रीम कोर्ट की नौकरियों में ओबीसी आरक्षण: क्या यह सामाजिक न्याय की नई शुरुआत है?

UMEED portal waqf

केंद्र सरकार ने लागू किए UMEED नियम: वक्फ संपत्तियों का डिजिटल प्रबंधन शुरू

women layer digitel arrest

महिला वकील को 9 दिन डिजिटल अरेस्ट में रखकर 3.25 करोड़ की साइबर ठगी: SC ने जताई चिंता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies