मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन जिस तेजी से स्त्री अस्मिता के सम्मान में आगे आया है, यदि ऐसा पहले होता तो शायद प्रदेश में इतने मामले कभी सामने नहीं आते, जितने अब एक के बाद एक हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर अपने जाल में फंसाने के सामने आ रहे हैं।
दरअसल, ताजा मामला भोपाल, इंदौर, दमोह, सागर, छतरपुर, रीवा, उज्जैन के बाद मुरैना से सामने आया है। मुरैना शहर के जीवाजीगंज क्षेत्र में पिछले ढाई साल से ‘इंसानियत कंप्यूटर कोचिंग’ के नाम से सेंटर चलाने वाले असलम खान ने अब तक कई हिंदू छात्राओं को अपना शिकार बनाया है। हिंदू छात्राओं को झांसे में लेने के लिए असलम ने स्वयं को महाकाल का भक्त बताया हुआ था। आरोपी ने अपनी मूल पहचान भी अब तक छिपा कर रखी थी, ये यहां पर अभि ठाकुर, अभि राजपूत, अभि चौहान के रूप में अपना परिचय देता था। सेंटर पर भगवान शिव की तस्वीर लगा रखी थी। इतना ही नहीं, जब इसने इन छात्राओं के साथ शारीरिक संबंध बनाए तब उनके अश्लील वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिए। इसके लिए उसने सेंटर पर हिडन कैमरे लगाए थे। जिसके मैमोरी कार्ड में कई छात्राओं के अश्लील वीडियो मिले हैं। ऐसे ही बहुत सारे वीडियो हैं, जिनमें कंप्यूटर सीखने आने वाली छात्राएं नाबालिग हैं। इसके बाद इसने इन अश्लील वीडियो में से कुछ वायरल तक कर दिए।
इस प्रकरण में यह भी पता चला कि असलम के साथ कंप्यूटर सेंटर में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी प्रदीप शर्मा भी बराबर का पार्टनर है, जोकि कभी-कभी इस सेंटर पर जाता था। उसने पूरा सेंटर असलम के भरोसे पर उसे ही संचालित करने के लिए दे रखा था, लेकिन जब कुछ दिन पहले वह अपने इस सेंटर पर गया तो वहां के कुछ छात्रों ने असलम खान के बारे में शिकायत की और उसे बताया कि अभी सर (असलम का झूठा नाम) लड़कियों के साथ गलत हरकत करते हैं। इसके बाद प्रदीप शर्मा वहां से बिना असलम को कुछ बोले वापिस घर चला गया। बाद में वह रविवार को अवकाश वाले दिन अपने इस कम्प्यूटर सेंटर पर पहुंचा। उसने वहां जांच शुरू की, तब उसे छत में लगे हिडन कैमरे का पता चला, जिसका मेमोरी कार्ड निकालकर फुटेज देखी तो हैरान रह गया। इस मैमोरी कार्ड में एक से चार मई तक की रिकार्डिंग थी। जिससे पूर्व की सभी रिकार्डिंग को असलम खान मिटा चुका था। जिसके बाद यह सारी जानकारी पुलिस और हिंदू संगठनों तक पहुंच गई।
दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि कुछ छात्राएं बदनामी के डर से चुप रहती थी, लेकिन उनमें से एक छात्रा ने अपने परिजनों को इस हरकत की जानकारी दे दी। जिसके बाद पीड़िता के परिजनों ने हिंदू जागरण मंच के प्रभारी देवेन्द्र मुदगल से संपर्क किया और उन्हें सारी घटना के बारे में बताया, तब हिंदू जागरण मंच के कुछ साथियों ने आरोपित असलम को पकड़कर पुलिस के हवाले किया है। वहीं, इस मामले में यह भी पता चला है कि इसके सेंटर पर दिल्ली, नोएडा और मेरठ के लोगों का आना-जाना था। जब इसके खिलाफ एक पीड़ित छात्रा के पिता की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई, तब उसे छुड़ाने के लिए ये दिल्ली, नोएडा और मेरठ तक से लोग मुरैना कोतवाली में आकर सक्रिय हो उठे, जब इन सभी से पुलिस ने उल्टा सख्ती से पूछताछ करना शुरू किया तो एक-एक कर ये सभी वहां से चले गए। पुलिस के हाथ जब इसका एक अन्य साथी लगा तो उसने बताया कि असलम खान ने कोचिंग के अंदर तीन से चार लड़कियों के साथ गलत काम उसके सामने ही किया, वह छिपा हुआ था। अब पुलिस इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच कर रही है। वहीं, इसके घर के बारे में जानकारी लगी है कि यह मध्य प्रदेश के भिंड जिले में गोरमी का रहनेवाला है। उसके पिता बीएसएनएल के रिटायर्ड अधिकारी हैं।
इस संबंध में मुरैना की सीएसपी दीपाली चंदौरिया का कहना है कि असलम के नेटवर्क की जांच की जा रही है। पुलिस पता लगा रही है कि कितनी लड़कियों के साथ उसने अब तक गलत हरकत की है। मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी। हम तमाम एंगल से केस की जांच कर रहे हैं। जल्द ही सब कुछ सामने आ जाएगा। उधर हिन्दू संगठनों का कहना है कि इसे सख्त से सख्त सजा दी जाए, पुलिस पता लगाए कि भोपाल, उज्जैन की तरह कोई संगठित इस्लामिक गिरोह तो इसके पीछे काम नहीं कर रहा। विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक सुनील चावला ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को वह छात्राओं की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो भेजता रहा है, उनका पता लगाया जाना चाहिए और उन सभी को इस मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए।
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