केसरी 2′ फेम अभिनेता आर माधवन ने हाल ही में बच्चों को पढ़ाए जा रहे इतिहास को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में जो इतिहास पढ़ाया जाता है, उसमें भारत की असली और गौरवशाली विरासत को सही तरीके से नहीं दिखाया गया है। खास तौर पर उन्होंने यह सवाल उठाया कि इतिहास की किताबों में मुगलों पर तो आठ अध्याय हैं लेकिन चोल जैसे महान दक्षिण भारतीय साम्राज्य पर सिर्फ एक ही अध्याय क्यों है?
न्यूज़18 शोशा को दिए गए इंटरव्यू में माधवन ने कहा कि वे जानते हैं कि इस विषय पर बोलने से उन्हें मुश्किल हो सकती है लेकिन फिर भी वे यह सवाल उठाना ज़रूरी समझते हैं। उन्होंने बताया कि जब वे स्कूल में थे, तब इतिहास की किताबों में अंग्रेज़ों और स्वतंत्रता संग्राम पर चार अध्याय, हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यता पर दो अध्याय, मुगलों पर आठ अध्याय थे लेकिन चोल, पांड्या, पल्लव और चेरा जैसे महान राजवंशों पर सिर्फ एक अध्याय था।
माधवन ने यह भी कहा कि मुगलों और अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 800 साल तक शासन किया लेकिन चोल साम्राज्य की विरासत 2400 साल पुरानी है। चोल वंश समुद्री शक्ति में अग्रणी था, उनका व्यापार रोम तक फैला हुआ था और उन्होंने कंबोडिया में प्रसिद्ध अंगकोर वाट मंदिर का निर्माण भी करवाया था। जैन, बौद्ध और हिंदू धर्म चीन तक पहुंचे और कोरिया में आज भी तमिल भाषा के शब्द इस्तेमाल होते हैं, जिससे साबित होता है कि तमिल संस्कृति दूर-दूर तक फैली थी। अंत में माधवन ने पूछा कि आखिर यह पाठ्यक्रम तय कौन करता है? तमिल जैसी प्राचीन भाषा के बारे में लोगों को क्यों नहीं बताया जाता?
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