हल्द्वानी: नैनीताल जिले के कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र में चौंसला बसानी क्षेत्र में एकाएक मुस्लिम आबादी के बसने के मामले को राज्य की डेमोग्राफी चेंज की समस्या से जोड़ा जा रहा है। सीएम धामी के निर्देशों के बाद की गई शुरुआती जांच में क्षेत्र की पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
चौंसला में जांच पड़ताल में अब यहां बनाई गई अवैध मस्जिद मदरसा का मामला भी सामने आया है। जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम राहुल ने यहां जाकर पाया कि मस्जिद के आसपास की सरकारी जमीन भी कब्जाई हुई है और उस पर अवैध निर्माण किया गया है।
ये भी मामला सामने आया है जो मस्जिद बनाई गई उसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि 2009 के बाद कोई भी धार्मिक स्थल बिना डीएम की अनुमति के नहीं बनाया जा सकता। बताया जाता है कि निलंबित पटवारी के संरक्षण में ये काम होता रहा पहले यहां मदरसा बनाया गया फिर उसे मस्जिद का रूप दे दिया गया। मदरसा भी अवैध बताया गया है जिसकी कहीं भी मान्यता नहीं है। बहरहाल चौंसला बसानी एक बार फिर से प्रशासनिक जांच के घेरे में है।
डेमोग्राफी चेंज और अवैध कब्जे
चौंसला में एकाएक मुस्लिम आबादी को बसाने के षडयंत्र को लेकर, सत्तादल भारतीय जनता पार्टी और हिंदुत्व निष्ट कार्यकर्ता ने धरना प्रदर्शन किया था। इनका कहना था कि यहां पहले दो तीन मुस्लिम परिवार आकर बसे उसके बाद ये परिवार अपने परिचितों को लाकर एक योजनाबद्ध तरीके से बसाने लगे धीरे धीरे यहां मस्जिद मदरसा बना दिया गया। शिकायत ये भी थी कि यहां के मूल निवासियों को बरगला फुसला कर उनकी भूमि को अपने कब्जे में लेकर सौ-सौ रु के स्टांप पेपर पर मुस्लिमों को बेच दिया गया। यहां सरकारी भूमि पर भी अवैध कब्जे कर वहां फोम फैक्ट्री खड़ी कर दी गई।
शुरू हुई जांच पड़ताल, पटवारी पर गिरी गाज
राजस्व ग्राम चौसला में फैक्ट्री निर्माण से संबंधित प्रकरण में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अवगत कराया गया कि राजस्व उप निरीक्षक क्षेत्र फतेहपुर के अन्तर्गत ग्राम चौसला में जुलाई 2021 में फैक्ट्री का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ था, जो मार्च 2022 में पूर्ण होना विदित हुआ है। उक्त प्रकरण में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उपजिलाधिकारी कालाढूंगी को जांच हेतु नामित किया गया। जांच के दौरान इस मामले से संबंधित तकनीकी व भौगोलिक तथ्यों का विश्लेषण किया गया। उपजिलाधिकारी के जांच से यह स्पष्ट हुआ कि उक्त निर्माण के दौरान निर्माणकर्ता द्वारा राजकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है।
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि अगस्त 2018 से फरवरी 2024 तक शबनम परवीन फतेहपुर क्षेत्र में राजस्व उप निरीक्षक के रूप में कार्यरत थीं। उनके द्वारा न तो इस अतिक्रमण की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई, न ही खसरे/पड़ताल में इसका कोई उल्लेख किया गया और न ही कोई वैधानिक कार्यवाही की गई।
उपजिलाधिकारी ने बताया कि पड़ताल के समय अवैध कब्जे का विवरण प्रपत्र क-24 में दर्ज कर, राजस्व अभिलेखों में प्रविष्ट कराना, तथा ज़मींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम की धारा 122-बी के अंतर्गत वाद संस्थित कराना राजस्व उप निरीक्षक का कर्तव्य होता है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक फतेहपुर शबनम परवीन, को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है तथा उन्हें अग्रिम आदेशों तक तहसील कालाढूंगी में सम्बद्व किया जाता है।
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