आजमगढ़ जिले के कोतवाली क्षेत्र में सदमा नूरी से बनी रानी प्रजापति और राजा बाबू प्रजापति की शादी खूब चर्चा में है। इस वैवाहिक कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य साक्षी बने और नव दंपत्ति को आशीर्वाद भी दिया। दोनों की शादी पुरानी कोतवाली स्थित प्राचीन शिव मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से संपन्न हुई। मुबारकपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले राजा बाबू विहिप से जुड़े हैं। राजा और सदमा की प्रेम कहानी तीन महीने पहले ही शुरू हुई थी। दोनों ने जब शादी का फैसला लिया तो धर्म की दीवार आड़े आ रही थी। सदमा नूरी को हिंदू रीति रिवाज पहले से काफी पसंद था। वो सदमा नूरी से रानी बन गई।
नगर पालिका क्षेत्र की रहने वाली राजा बाबू को पसंद करती थी। वो आगे का जीवन राजा के साथ ही व्यतीत करना चाहती थी। राजा ने संगठन के लोगों से इस बात की चर्चा की। दोनों ने पहले कोर्ट मैरिज किया। पुरानी कोतवाली स्थित शिव मंदिर में दोनों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच साथ फेरे लिए। राजा बाबू ने रानी के मांग में सिंदूर भरा और दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। इस शादी में रानी के परिजन शामिल नहीं हुए।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संयोजक गोरखपुर क्षेत्र के गौरव रघुवंशी ने बताया कि दोनों की रजामंदी से विवाह संपन्न हुआ। दोनों ने पहले कोर्ट मैरिज किया। उसके बाद हिंदू रीति रिवाज से शादी किया।
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