उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छोटे धार्मिक स्थलों वाले शहरों का कायाकल्प करने की तैयारी में है। इन शहरों में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएंगी जिससे उन्हें सुखद अनुभव मिले। नगर विकास विभाग ने उच्च स्तरीय सहमति के बाद इस पर कार्य करना शुरू कर दिया है। अमृत-दो और अन्य योजनाओं के तहत निकायों को विकास कार्यों के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए निकायों से भी जल्द प्रस्ताव मांगे जाएंगे।
बता दें कि प्रदेश में अयोध्या, काशी, मथुरा और विंध्यधाम जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों का विकास होने के बाद से यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज हुई है। इसी के चलते छोटे धार्मिक स्थलों, जैसे सीतापुर का नैमिषारण्य, बलरामपुर का देवीपाटन, कानपुर का भीतरगांव मंदिर, सहारनपुर का शाकंभरी देवी, बांदा का बामदेवेश्वर, गाजीपुर के गहमर में मां कामाख्या देवी और बाराबंकी का महादेवा, पर भी श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ रहा है। जिसके चलते इन स्थलों के आसपास सड़क, नाली, पार्क और अन्य आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
इसके लिए निकायों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें स्पष्ट करना होगा कि कौन-से कार्य किए जाएंगे, उनकी लागत कितनी होगी और किस योजना से धनराशि चाहिए। प्रस्ताव को निकाय बोर्ड से पारित कराना होगा। शासन स्तर पर प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद धनराशि आवंटित की जाएगी। निकायों को कार्य प्रगति की नियमित रिपोर्ट शासन को देनी होगी। इसके लिए वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी जैसे साक्ष्य भी प्रस्तुत करने होंगे, जिनके आधार पर अगली किस्त जारी होगी।
इस पहल से छोटे धार्मिक स्थलों की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता बढ़ेगी, साथ ही श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
टिप्पणियाँ