संघ से मिली है लोगों की सेवा की प्रेरणा- मोहन चरण माझी
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

उत्कल विपन्न सहायता समिति के वार्षिक उत्सव में बोले मुख्यमंत्री: ‘संघ से मिली है लोगों की सेवा की प्रेरणा

प्राकृतिक आपदाएं हों या आपातकालीन स्थितियां, उत्कल विपन्न सहायता समिति ने हर बार संकटग्रस्त ओडिशावासियों की मदद के लिए तत्परता दिखाई है।

by डा समन्वय नंद
Apr 17, 2025, 01:07 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भुवनेश्वर। प्राकृतिक आपदाएं हों या आपातकालीन स्थितियां, उत्कल विपन्न सहायता समिति ने हर बार संकटग्रस्त ओडिशावासियों की मदद के लिए तत्परता दिखाई है। 43 वर्षों की सेवा यात्रा में यह संस्था गरीब, असहाय और जरूरतमंदों को विभिन्न क्षेत्रों में सहायता प्रदान कर अग्रणी सामाजिक संस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह बात मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के उत्कल मंडप में आयोजित सेवा भारती से जुडे उत्कल विपन्न सहायता समिति के वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रमुख चिकित्सा स्थलों—कटक, भुवनेश्वर, ब्रह्मपुर—में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए समिति द्वारा संचालित स्वास्थ्य सहायता केंद्रों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। ये केंद्र मरीजों की आवास, भोजन, डॉक्टर और अस्पतालों से समन्वय में मदद करते हैं ताकि वे उचित उपचार प्राप्त कर सकें।

उन्होंने याद दिलाया कि 1982 की प्रलयंकारी बाढ़, बारिपदा मधुबन की भयावह अग्निकांड और 1999 के सुपर साइक्लोन के समय समिति ने देवदूत की तरह पीड़ितों की सहायता की थी। विशेष रूप से 1999 की सुपर साइक्लोन के दौरान स्वयंसेवकों की कठिन मेहनत, त्याग और सेवा भावना को राष्ट्रीय मीडिया ने भी सराहा था।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 1999 की महावात्या के समय वह स्वयं आनंदपुर, क्योंझर जिले में एक सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में सेवा कार्यों में शामिल थे। उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि एक सामान्य व्यक्ति के रूप में लोगों के सेवक के रुप में कार्य करने प्रेरणा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मिली है। समाज के प्रति संवेदनशीलता और समर्पण की भावना भी उन्होंने संघ के विचारों से ही ग्रहण की है।

मुख्यमंत्री ने गजपति जिले के पारालाखेमुंडी और मयूरभंज जिले के उदला में जनजातीय बच्चों के लिए आवासीय छात्रावासों की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में समिति के योगदान की भी प्रशंसा की। भुवनेश्वर में समिति द्वारा 50 से अधिक केंद्रों में 1000 से अधिक बच्चों को संस्कृति, परंपरा और नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रदान की जा रही है।
महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की रथयात्रा, लिंगराज महाप्रभु की रुकुना रथयात्रा और ढेंकानाल के जोरंदा माघ मेला जैसे आयोजनों में समिति की सेवा कार्यों को पूरे ओडिशा ने देखा और सराहा है।

मुख्यमंत्री ने अंत में कहा, “हमारा मंत्र है – ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’। इस आधार पर हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के संकल्प को आत्मसात कर रहे हैं और राज्य सरकार काया, वाचा, मनसा से इसका पालन कर रही है।”

सेवा भारत का स्वभाव है : विजय मनोहर पुराणिक
मुख्य वक्ता के रूप में सेवा भारती के संयुक्त महामंत्री विजय मनोहर पुराणिक ने कहा कि, “राजनीतिक परिवर्तन के लिए बहुमत जरूरी है, लेकिन सामाजिक परिवर्तन के लिए रचनात्मकता की आवश्यकता होती है।” उत्कल विपन्न सहायता समिति जैसी संस्थाओं की सेवा भावना के कारण ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव हो सका है। भारत की संस्कृति में सेवा की यह सभ्यता प्राचीन काल से चली आ रही है, जिसे समिति ने विशेष रूप से कोरोना लॉकडाउन के दौरान आम लोगों की सेवा कर पुनः जीवित किया।

श्री पुराणिक ने कहा कि सेवा भारत का स्वभाव है । यह भारत के लिए विदेशी देन नहीं है । यह हजारों वर्षों से चला आ रहा है । उन्होंने महर्षी व्यास को उद्धृत करते हुए कहा कि परोपकार करना ही पुण्य है तथा दूसरों को कष्ट पहुंचाना ही पाप है ।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सेवा के बहुत कार्य किये गये । सरकार के अलावा समाज ने अपना कार्य बखुबी किया । पहले लाक डाउन हटने के बाद माइग्रेंट श्रमिक जब पैदल अपने अपने गांव की ओर जा रहे थे तब गांव वालों ने उनकी सेवा की । न उनको उनकी भाषा मालूम थी न उनके जातिपाति के थे । जो मजदूर अपने अपने गांव की ओर जा रहे हैं, ऐसे मजदूरों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है, यह मान कर सेवा करने वाले लोग थे । ये सामान्य लोग ही थे । यह भारत का सेवा का स्वभाव है ।
उन्होनें कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपने पूरे जीवन में सेवा पर ध्य़ान दिय़ा । उन्होंने कहा कि नर सेवा यानी नारायण सेवा । उन्होंने कहा कि मैं उस भगवान का सेवा करना चाहता हूं जिसे अज्ञानी लोग मनुष्य़ कहते हैं । उत्कल विपन्न सहायता समिति व इस तरह के हजारों संगठन इस तरह के सेवा कार्य कर रहे हैं । इस कारण समाज में एक परिवर्तन दिख रही है ।

उन्होने कहा कि सेवा करने वाले लोगों में विनम्रता आती है। उसके हृदय का भाव निर्मल हो जाता है। इसी तरह जिनकी सेवा की जाती है उन्हें सरकारी भाषा में बेनिफिसियरी कहा जाता है । हम उन्हें बेनिफिसियरी नहीं मानते हैं । ऐसे लोगो में आत्म विश्वास को बढाना तथा याचक मनोवृत्ति से उसे बाहर निकाल कर उनके मन में तुम भी हमारे साथ कंधे से कंधा मिला कर हमारे साथ चल सकते हो इस प्रकार की विश्वास व भावना का निर्माण सेवा के आधार पर हमें करना है ।

उन्होंने कहा कि दो प्रकार की सेवा होती है । पहला जीवन रक्षण करने की सेवा तथा दूसरा जीवन निर्माण की सेवा । हम ऐसा मानते हैं कि जीवन निर्माण की सेवा, जिसके कारण व्यक्ति का चरित्र निर्माण हो, व्यक्ति में आत्म विश्वास की जागरण हो. व्यक्ति अपने बलबूते स्वयं खडा होने की स्थिति में रहे ऐसे भावन का निर्माण करना है । आज मुझे लेने की नौबत आयी है, लेकिन धीरे धीरे मैं लेने वाला न रह जाउं, में कमाने वाला बन जाउं. ऐसी भावना उनके मन में आना चाहिए । धीरे धीरे यह लेने वाला व्यक्ति सेवा करने वाले व्यक्ति बनें । । जो सेवित परिवारों से आये हैं लेकिन आज सेवा कार्य कर रहे हैं, आज ऐसे हजारों उदाहरण आज हमें देश भर में देखने को मिलते हैं ।

इस अवसर पर समाज सेवा और कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विशिष्ट समाजसेवियों और किसानों को सम्मानित किया गया। साथ ही समिति की दो स्मरणिकाओं का विमोचन भी किया गया।

समारोह में समिति के अध्यक्ष अक्षय कुमार बिट ने स्वागत भाषण दिया, जबकि अच्युतानंद पाणिग्राही ने संपादकीय विवरण प्रस्तुत किया और हिमांशु शेखर नायक ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Topics: भुवनेश्वर सामाजिक संगठनमुख्यमंत्री मोहन चरण माझीओडिशा आपदा राहत समितिओडिशा में जनजातीय शिक्षाRSSराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघउत्कल विपन्न सहायता समितिसेवा भारती ओडिशा
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को केशव कुंज कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के संबंध में जानकारी दी। साथ में  दिल्ली प्रांत के संघचालक अनिल अग्रवाल जी।

आरएसएस के 100 साल:  मंडलों और बस्तियों में हिंदू सम्मेलन का होगा आयोजन, हर घर तक पहुंचेगा संघ

भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर

राजनीति से परे राष्ट्र भाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies