राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के साथ ही राष्ट्र और समाज की सेवा अनवरत रूप से करता आ रहा है। चाहे कड़कड़ाती ठंड हो या फिर चिलचिलाती धूप, भूकंप हो फिर अन्य कोई प्राकृतिक आपदा, संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्य में सबसे पहले दिखते हैं। इन्हें न तो कैमरे की जरूरत है और न ही किसी प्रचार की। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि संघ करीब 90 हजार सेवा कार्य नियमित रूप से कर रहा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में भी संघ के सेवा कार्य नियमित रूप से चल रहे हैं।
मातृ संस्थाओं सहित कुल 89,706 सेवाकार्य (दैनिक या साप्ताहिक) चल रहे है। इस वर्ष 34,974 अन्य सेवा उपक्रम किये गए है।
नियमित सेवा कार्य
स्वास्थ्य – 17,461
सामाजिक– 20,546
शिक्षा – 40,920
स्वावलम्बन 10,779
योग – 89,706
31 प्रांतों के 723 जिलों में 8,426 शाखाओं ने सेवा सप्ताह का आयोजन किया गया। उत्तर तमिलनाडु चेन्नई महानगर में 5 जनवरी 2025 को रक्तदान शिविर का कार्यक्रम आयोजित किया था। महानगर के 68 नगरों में से 33 नगरों में शिविर का आयोजन था। एवं 35 अन्य नगरों ने इसी में सहभाग किया।
80 संगठनों के 673 स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं ने इसमें अपना समय दिया। 2750 लोगों ने पंजीयन किया था एवं 1667 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया। पहली बार रक्तदान करने वाले 265 थे। शाखा के गट रचना के कारण इतने बड़े प्रमाण में रक्त दाताओं को शिविर तक लाना संभव हुआ है।
सौराष्ट्र पश्चिम कच्छ जिला पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है। इस बन्नी नाम के इलाके में रहने वाले वाढा समुदाय के लोग बहुत ही कष्टमय जीवन व्यतीत करते हैं। ऊपर आकाश और नीचे पृथ्वी। पीने योग्य पानी उपलब्ध नहीं है। खुद को साफ कैसे रखा जाए इसकी समझ नहीं है। भगवान की भक्ति से कोसों दूर निरक्षरता, शारीरिक मानसिक विकास नहीं। चाहे गर्मी हो या ठंड एकमात्र सहारा बबूल का पेड़ ही है। ऐसी यहाँ के समाज की स्थिति है।
सेवा साधना कच्छ ने दानदाताओं की मदद से रहने के लिए चार गांवों में कुल पैंसठ मकानों का निर्माण किया। मंदिरों का भी निर्माण किया गया । समरसता युक्त माहौल में, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ, पूज्य संत-महंत, दानदाताओं और सामाजिक व राजनितिक नेताओं की मौजूदगी में 8 दिसंबर 2024 को उस समाज में पहला सामूहिक विवाह संपन्न हुआ। वाढा समाज की खुशी को शब्दों में बयान करना संभव नहीं है।
जयपुर – जयपुर महानगर में घुमंतू समाज के बीच कार्य चल रहा है। एक सिलाई केंद्र संचालित है। जिसके कारण महिलाओं को रोजगार का साधन मिला है। 15 परिवारों को गैस कनैक्शन एवं 5 बस्तियों में 550 लोगों को सरकारी दस्तावेज दिलाएं गए है। 44 बालक बालिकाओं को निःशुल्क निजी विद्यालय में प्रवेश दिलाया है। 9 आरोग्य केंद्र चलायें जाते है। देव दर्शन यात्रा का लाभ 205 परिवारों को मिला है। समरसता संदेश यात्रा में 7 संत जयपुर से प्रयागराज गए।
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