गत 9-10 मार्च को रायपुर में स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक आयोजित हुई। इसमें स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान से जुड़े प्रदेश स्तर के 380 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए। पहला प्रस्ताव है-‘संभावित भारत अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता में किसान और लघु उद्योगों के हितों को मिले प्राथमिकता।’
इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा कई देशों से आयात पर मोटा ‘टैरिफ’ लगाने की अपनी मंशा की घोषणा और वैश्विक मुक्त व्यापार प्रणाली पर किए गए हमले के कारण अमेरिका द्वारा भारत सहित अन्य देशों के बीच द्विपक्षीय समझौते होने की प्रबल संभावना को देखते हुए यह मत प्रकट किया गया कि भारत को बहुपक्षीय व्यापार समझौते के बजाय द्विपक्षीय व्यापार समझौते के साथ अपने विदेशी व्यापार को बढ़ाना चाहिए।
अमेरिका और अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करते समय राष्ट्रीय हितों की रक्षा की जानी चाहिए विशेष रूप से हमारे किसान और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा अनिवार्य हो। इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा का नेतृत्व स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. अश्विनी महाजन ने किया।
दूसरा प्रस्ताव है-‘भारतीय सामाजिक आर्थिक चिंतन पर आधारित महान और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण।’ राष्ट्रीय परिषद ने इस प्रस्ताव के माध्यम से यह मत व्यक्त किया कि सामाजिक आर्थिक चिंतन पर आधारित महान और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण किया जाए। स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संयोजक प्रो. राजकुमार मित्तल ने बताया कि भारत को विकेंद्रीकरण की अर्थव्यवस्था को अपनाना होगा।
पहले दिन की बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री बी. भागैया ने छोटे-छोटे व्यवसायों को बढ़ाने, प्रोत्साहन देने और उनका संरक्षण करने की वकालत की। दूसरे दिन समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाहडॉ. कृष्ण गोपाल ने भारत के उत्पादन की ताकत एवं क्षमता को भारत के स्वास्थ्य के आधार पर बढ़ाने को आवश्यक बताया।
उन्होंने कहा कि भारत में विकास की अवधारणा स्वदेशी की अवधारणा के साथ ही बढ़ सकती है। वर्तमान में नए-नए काम आ रहे हैं। इनका प्रशिक्षण लेकर रोजगार पाया जा सकता है। लोगों को गांव एवं कस्बों में ही रोजगार मिले तो वे शहर की ओर नहीं भागेंगे। बैठक में 18 सत्र के माध्यम से देश एवं समाज के 22 से अधिक विषयों पर चिंतन-मंथन किया गया।
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