नई दिल्ली | भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को रमजान के दौरान रोजा न रखने पर बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन ने आड़े हाथों लिया है। मौलाना ने कहा कि रोजा इस्लाम में फर्ज करार दिया गया है और जो कोई भी इसे नहीं रखता, वह गुनहगार माना जाता है। मौलाना ने शमी को शरीयत के नियमों का पालन करने की नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें रोजा रखना चाहिए था।
माधवी लता ने दिया करारा जवाब
मौलाना शहाबुद्दीन की इस टिप्पणी पर बीजेपी की फायरब्रांड नेता माधवी लता ने इस पर कड़ा पलटवार किया है। माधवी लता, जो हैदराबाद में ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं, ने कहा कि शमी का कर्तव्य भारत के लिए खेलना है, और मौलाना को इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा- “मैं मौलाना साहब से पूछना चाहती हूं कि जब एक क्रिकेटर मैदान में भारत को जिताने के लिए खेल रहा है, तो इस पर आपत्ति क्यों? क्या अल्लाह खुश नहीं होंगे कि मोहम्मद शमी अपने देश के लिए खेल रहे हैं?”
माधवी लता ने आगे कहा कि रमजान के दौरान मौलाना खुद क्रिकेट क्यों देख रहे थे..? क्योंकि इस्लाम में रमजान के दौरान मनोरंजन से दूर रहने की बात कही जाती है। उन्होंने मौलाना से पूछा कि मजहब का पालन केवल खिलाड़ियों पर ही लागू होता है या बाकी सभी पर भी..?
इसके साथ ही माधवी लता ने मुस्लिम समाज में महिलाओं की स्थिति पर भी सवाल उठाते हुए कहा- “एक मुसलमान कई शादी कर सकता है, लेकिन मुस्लिम महिला को अपने पति की गुलाम बनकर रहना पड़ता है। क्या यह सही है..?”
शमी पर क्यों उठे सवाल..?
मोहम्मद शमी ने अपने व्यस्त क्रिकेट शेड्यूल के चलते रमजान में रोजा नहीं रखा, जिसे लेकर मौलाना ने उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक मुसलमान होने के नाते शमी को शरीयत के नियमों का पालन करना चाहिए था।
सोशल मीडिया पर गरमाया मुद्दा
मौलाना के बयान और माधवी लता की प्रतिक्रिया के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जहां कुछ लोग मौलाना के बयान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कई यूजर्स माधवी लता के बयान की सराहना कर रहे हैं और इसे खेल और धर्म को अलग रखने की जरूरत बता रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस विवाद पर मोहम्मद शमी खुद कोई प्रतिक्रिया देते हैं या नहीं।
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