अपने स्पष्ट और खरे विचारों के लिए दुनियाभर में विख्यात भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को एक बार फिर सलाह दी है कि ‘कश्मीर मुद्दे का रोना बहुत हुआ। जब तक चुराए हुए कश्मीर के हिस्से को वापस नहीं करोगे, तब तक कश्मीर का हल न हो पाएगा।’ ब्रिटेन की राजधानी लंदन के चैथम हाउस में विशेष वक्तव्य देते हुए उन्होंने भारत पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में आगे की राह का एकमात्र रास्ता यही बताया कि जम्मू कश्मीर के जिस हिस्से पर पाकिस्तान कब्जा किए बैठा है, बस वह उसे वापस कर दे तो कश्मीर का विषय हल हो जाएगा।
जयशंकर ने यह दो टूक समाधान पिछले साल 9 मई को दिए अपने वक्तव्य में भी रखा था। उस वक्त भी उनका कहना था कि पाकिस्तान ने कश्मीर का जो हिस्सा कब्जा रखा है वह भारत का अंग है। भारत की संसद प्रस्ताव पारित करके उसे वापस लेकर भारत को एक बार फिर अखंड बनाने का संकल्प ले चुकी है।
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने लंदन में अपने वक्तव्य भारत सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों और कश्मीर के मौजूदा हालात पर बेबाकी के साथ स्पष्ट रूप से अपने विचार रखे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना, कश्मीर का विकास, वहां चल रहीं आर्थिक गतिविधियों, सामाजिक न्याय का पालन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा उस केंद्र शासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव कराने पर बल दिया।
जयशंकर का कहना था कि समस्या है तो बस जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से को लेकर जो पाकिस्तान चोरी से कब्जाए बैठा है, उसे वह वापस कर दे तो समस्याएं खत्म हो जाएंगी। उसके बाद कश्मीर विवाद का विषय रह ही नहीं जाएगा।
भारत के विदेश मंत्री को सुनने के लिए पूरा सभागार भरा हुआ था और लोग जानना चाहते थे कि भारत के विदेश मंत्री कश्मीर के संबंध में क्या राय रखते हैं। इस बारे में जयशंकर से जब सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कश्मीर में बहुत अच्छे काम किए हैं। सरकार ने ज्यादातर मुद्दे हल कर दिए हैं। इसकी शुरुआत अनुच्छेद 370 को हटाने से हुई थी। उसके बाद जिस प्रकार कश्मीर में विकास हुआ, आर्थिक गतिविधि शुरू हुई उसे पूरी दुनिया ने देखा है।
जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति लोगों की रुचि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां चुनाव कराया गया, लोगों ने बढ़—चढ़कर इसमें भाग लिया, समाज के प्रत्येक वर्ग ने मतदान में रुचि ली। जयशंकर का कहना था कि हमें कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी का इंतजार है। उसे पाकिस्तान के अवैध तरीके से कब्जा रखा है। उसके वापस आते ही कश्मीर से जुड़े मुद्दों का हल हो जाएगा।
पिछले साल दिल्ली में एक कालेज में अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि कश्मीर के कब्जाए हिस्से को लेकर वे यही कह सकते हैं कि भारत का हर राजनीतिक दल पीओजेके, जो भारत का हिस्सा है, को भारत में वापस मिलाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
जयशंकर कहते हैं कि साल 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के साथ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के हिस्से पर सोचने के लिए रास्ता खुल गया था। अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला उचित ही था, उसके बाद से पीओजेके के विषय पर लोगों ने सोचना शुरू किया है। यह सकारात्मक संकेत है कि क्योंकि कोई चीज तभी होती है जब उसके बारे में सोचना शुरू किया जाए।
भारत के विदेश मंत्री ने ओडिशा में भी एक कार्यक्रम में पीओजेके पर स्पष्ट विचार रखते हुए कहा था कि कश्मीर का वह भाग कभी भी भारत से अलग नहीं हो सकता। इस देश के उस हिस्से को वापस लेने के लिए भारत की संसद संकल्प किए हुए है। उनका कहना था कि भारत ने आजादी के शुरुआती सालों में पाकिस्तान को इस इलाके को खाली करने के लिए नहीं कहा गया, इसी वजह से वहां ऐसी दुखद स्थिति है।
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