ईरना मध्यपूर्व इस्लामिक देशों में एक बड़ी ताकत बनकर उभरा है। वह परमाणु हथियार हासिल करने की कगार पर खड़ा है और उसे रोकने के लिए अमेरिका हर कोशिश कर रहा है। इसी क्रम में दो अमेरिकी सांसदों ने द्विदलीय विधेयक पेश किया है, जिसमें उन्होंने यूरोपीय संघ से ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को आतंकवादी संगठन घोषित करने की अपील की है।
क्या है वजह
अमेरिकी सांसदों का मानना है कि अगर वे IRGC को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करवा देते हैं तो ईरान के खिलाफ एक संयुक्त पश्चिमी मोर्चा तैयार किया जा सकेगा। इससे पहले IRGC को 2019 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ऐसा कर चुके हैं। उन्होंने IRGC को आतंकी संगठन घोषित करने के बाद ईराक की राजधानी बगदाद में इसके कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया था। बाद में एक ड्रोन हमले में सुलेमानी मारा गया था।
अब एक बार फिर से अमेरिका ऐसी ही कोशिश कर रहा है, ताकि ईरान पर दबाव बनाया जा सके। IRGC को आतंकी संगठन घोषित करने का प्रस्ताव लाने वाली अमेरिकी कांग्रेस की सांसद क्लाउडिया टेनी का दावा है कि IRGC केवल ईरानी बल नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया में आतंकवाद फैला रहा है और निर्दोषों की हत्याएं कर रहा है। टेनी कहती हैं कि अकेले दम पर अमेरिका इस आतंकवाद के खिलाफ लड़ सकता। रिपब्लिकन सांसद का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि हमारे यूरोपीय सहयोगी दल भी उसे आतंकी संगठन करार दें, ताकि ये संदेश दिया जा सके कि हम उनकी दुर्भावनापूर्ण कार्रवाइयों और आतंकी कृत्यों के खिलाफ उन्हें जिम्मेदार ठहरा सकें।
वहीं कांग्रेस सदस्य ब्रैड श्र्नाइडर का कहना है कि अब यही वक्त है कि हम सब एक साथ मिलकर तेहरान के खिलाफ शिकंजा कसते हुए IRGC को आगे बढ़ने से रोकें। मौजूदा हालात में ईरान पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुका है। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ लंबे वक्त से IRGC को आतंकी संगठन घोषित करने से इंकार करता रहा है। लेकिन, अब एक बार फिर से इसकी मांग जोर पकड़ने लगी है।
स्पष्ट कर दें कि IRGC ईरान का पैरामिलिट्री और इंटेलीजेंस संगठन है, इस क्षेत्र में शिया गुटों को हथियारों के साथ ही उन्हें ट्रेनिंग देने का काम करता है। गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह, यमन में हूती आतंकियों को ईरान IRGC के माध्यम से ही ट्रेंड करता है।
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