अश्लीलता पर पूरी तरह अंकुश लगाना जरूरी
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

अश्लीलता पर पूरी तरह अंकुश लगाना जरूरी

वर्तमान में सोशल मीडिया बहुत से लोगों के लिए कमाई का जरिया बन गया है। वे फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, एक्स पर रातोंरात लोकप्रिय होने और मोटी कमाई करने के लिए रील्स, ब्लॉग, स्टोरी, शार्ट वीडियो के जरिए सब्सक्राइबर और व्यूज बढ़ाने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। यहां तक कि तथ्यों से भी छेड़छाड़ की जा रही है।

by सुनीता मिश्रा
Feb 22, 2025, 02:50 pm IST
in भारत
प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यूट्यूब और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री को नियंत्रित करने पर विचार करने का अनुरोध किया। शीर्ष अदालत ने कहा, “यह तथाकथित यूट्यूबर्स का मामला है। हम चाहते हैं कि सरकार कुछ करे। इससे हमें खुशी होगी अन्यथा हम इसे ऐसे नहीं छोड़ सकते जैसे कि तथाकथित यूट्यूब चैनल इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। हमें इस मुद्दे की महत्ता और संवेदनशीलता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।”

अदालत ने यूट्यूबर और पाडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से राहत तो दी, लेकिन ‘इंडियाज गाट लेटेंट’ शो के दौरान अभिभावकों के संबंध में आपत्तिजनक कॉमेडी करने पर सख्त टिप्पणियां भी कीं। कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी किसी को भी कुछ भी अनुचित-अप्रिय बोलने की स्वतंत्रता नहीं देती और इस शो में जो कुछ कहा-सुना गया, वह सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन करने वाला था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट की इन टिप्पणियों के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म को हिदायत दी है कि वे कानून में निषिद्ध घोषित सामग्री प्रसारित करने से परहेज करें।

भारतीय संस्कृति, युवा पीढ़ी पर पड़ रहा असर

सोशल मीडिया पर अश्लील व भद्दे जोक्स को लेकर उपजे विवाद के बीच सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी ने स्वाभाविक ही सबका ध्यान खींचा है। लेकिन यह बात केवल रणवीर इलाहाबादिया और तथाकथित बोल्ड एवं डार्क कॉमेडी के लिए मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना की नहीं, बल्कि अधिकतर कॉमेडियन, कंटेंट क्रिएटर्स की है, जो अश्लील कॉमेडी, भद्दे जोक्स, आपत्तिजनक ब्लॉग और अधकचरे कंटेंट से लाइक, शेयर, सब्सक्राइबर और व्यूज बटोर रहे हैं। उन्हें लगता है कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी बोल सकते हैं। बेहूदा भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं। अश्लीलता फैला सकते हैं। इसका प्रभाव हमारी भारतीय संस्कृति और देश की युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है। बच्चे पढ़ने-लिखने और करियर बनाने की उम्र में अश्लील सामग्री की ओर आकर्षित हो रहे हैं। वे भी कूल और बोल्ड बनने के लिए इस तरह का कंटेंट परोसने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

क्रिएटिविटी के नाम अभद्र भाषा का प्रयोग

वर्तमान में सोशल मीडिया बहुत से लोगों के लिए कमाई का जरिया बन गया है। वे फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, एक्स पर रातोंरात लोकप्रिय होने और मोटी कमाई करने के लिए रील्स, ब्लॉग, स्टोरी, शार्ट वीडियो के जरिए सब्सक्राइबर और व्यूज बढ़ाने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। यहां तक कि तथ्यों से भी छेड़छाड़ की जा रही है। इसके अलावा क्रिएटिविटी के नाम अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। अश्लील वीडियो बनाकर ज्यादा से ज्यादा से व्यूज बटोरे जा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। कुछ तथाकथित यूट्यूबर्स को लोकप्रियता हासिल करने के लिए लाइव शादी करते और दो पत्नियों को एक साथ रखते हुए भी देखा गया है। यही नहीं ये अपने बच्चे के जन्म के बाद सोशल मीडिया पर भी उनका अकाउंट बना देते हैं और उससे मोटी कमाई कर रहे हैं। ऐसे यूट्यूबर्स को ‘बिग बास’ ओटीटी में बतौर कंटेस्टेंट बुलाया जाता है, ताकि शो की टीआरपी बढ़ाई जा सके। इससे और यूट्यूबर्स भी यहां तक पहुंचने के इस तरह की मानसिकता को बढ़ावा देते हैं। इस दौरान वे ये भी भूल जाते हैं कि इससे बहन, बेटियों, बच्चों और माता—पिता के अलावा पूरे समाज को शर्मिंदा होना पड़ता है।

यौन अपराधों को मिल रहा बढ़ावा

भारतीय संस्कृति में पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों को महत्व दिया गया है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई आपत्तिजनक कंटेंट की भरमार है, जिसे परिवार के साथ नहीं देखा जा सकता है। इसकी वजह से यौन अपराधों को भी बढ़ावा मिल रहा है। देश में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले गांव में इंटरनेट के ज्यादा यूजर्स हैं। यानी शहरों के साथ ग्रामीण लोगों के पास भी ये अश्लील कंटेंट पहुंच रहे हैं।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर परोसी जा रही अश्लीलता

आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर जो भी कुछ भी हो रहा है, वह बेहद शर्मनाक है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति न सिर्फ विचारों का प्रचार-प्रसार कर सकता है, बल्कि किसी भी तरह की सूचना का आदान-प्रदान करने का अधिकार भी रखता है। लेकिन इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि लोकतंत्र एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इनमें से किसी पर भी आंच आने पर दूसरा स्वत: विलुप्ति की कगार पर पहुंच जाता है।

इसलिए केंद्र सरकार को सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर परोसी जा रही अश्लील साम्रगी पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए और भी सख्त कानून बनाना होगा। अन्यथा आने वाली पीढ़ी पर इसका असर दिखेगा। साथ ही सोशल मीडिया से अश्लील सामग्री को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। यूट्यूब के एल्गोरिदम के मुताबिक कई बार वीडियो बिना लाइक या शेयर किए भी उसे बार-बार दिखाया जाता है। इसे रोकने के लिए सरकार के साथ समाज को भी आगे आना होगा। यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अश्लील और अभद्र भाषा वाले वीडियो, फोटो को देखते ही तुरंत उसकी रिपोर्ट करें, ताकि इसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

Topics: अश्लील कंटेंटPornographic contentCenterSupreme Courtसरकारसुप्रीम कोर्टgovernmentकेंद्रअश्लीलताobscenity
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार में 10 बीघा सरकारी जमीन पर बना दी अवैध मजार, हिंदू संगठनों में रोष, जांच के आदेश

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

Supreme court OBC reservation

सुप्रीम कोर्ट की नौकरियों में ओबीसी आरक्षण: क्या यह सामाजिक न्याय की नई शुरुआत है?

UMEED portal waqf

केंद्र सरकार ने लागू किए UMEED नियम: वक्फ संपत्तियों का डिजिटल प्रबंधन शुरू

women layer digitel arrest

महिला वकील को 9 दिन डिजिटल अरेस्ट में रखकर 3.25 करोड़ की साइबर ठगी: SC ने जताई चिंता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies