प्रयागराज में महाकुंभ-2025 चल रहा है। 13 जनवरी से शुरू हुआ दिव्य महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। इस महाकुंभ में केवल भारत ही नहीं बड़ी संख्या में विदेशी लोग भी आए और स्नान किया। कुछ लोग सनातन धर्म से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सांसारिक मोह माया को छोड़कर सत्य की खोज के लिए सनातन धर्म की दीक्षा ले ली। अब तक 7000 महिलाएं भी संन्यास ले चुकी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, एक आधिकारिक बयान में धार्मिक अखाड़ों की ओर से बताया गया है कि अब तक 7,000 से अधिक महिलाओं ने संन्यास ग्रहण कर लिया है। ये 7,000 महिलाएं अलग-अलग धार्मिक अखाड़ों से जुड़ी हैं। इसके अलावा 246 नागा संन्यासियों को भी दीक्षा दी गई है। खास बात ये है कि सनातन धर्म अपनाकर संन्यास लेने वाली इन महिलाओं में अधिकतर वे महिलाएं हैं, जो कि बहुत ही अधिक शिक्षत हैं।
इसको लेकर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की अध्यक्ष औऱ संन्यासिनी डॉ देव्या गिरि बताती हैं कि महिलाएं भी बड़ी संख्या में नागा संन्यास ग्रहण कर रही हैं। इस बार के महाकुंभ में 246 महिलाओं ने नागा संन्यासी बनना स्वीकार किया है। जबकि, 2019 में 210 महिलाएं नागा संत बनी थीं। उन्होंने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजनों से लोगों को सनातन धर्म को समझने में आसानी होती है।
उल्लेखनीय है कि महाकुंभ में अब तक हजारों की संख्या में हजारों की संख्या में पुरुष भी नागा संन्यासी बने हैं। जो लोग भी संन्यास अपना रहे हैं, उनमें ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है, जो काफी शिक्षित लोग हैं। वही लोग अब सत्य को समझने के लिए संन्यास ले रहे हैं।
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