तीनों जिहादी गुटों ने एक मंच साझा करते हुए, एक बड़े कार्यक्रम या कहें रैली को संबोधित किया। उस रैली में हर एक सरगना ने एक एजेंडे के तहत भारत विरोधी तकरीरें कीं, मन में जमा मवाद उगला और यहां तक कि भारत पर हमला तक बोलने जैसी बातें कीं। ये एजेंडा बेशक आईएसआई का ही तय किया होगा।
भारत को एक तरफ वार्ता का झांसा देकर दुनिया में अपनी मामूमियत साबित करने की साजिश रह रहा जिन्ना का देश दूसरी तरफ भारत को मिटाने को उतावले बैठे जिहादी गुटों में ‘सिनर्जी’ बनाने की कोशिश कर रहा है। इसका उदाहरण रावलकोट में देखने में आया जहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की नई भारत विरोधी चाल के तहत जैशे मोहम्मद, लश्करे तैयाबा और हमास जैसे जिहादी गुटों के सरगनाओं को एक मंच पर मिलाया गया।
रावलकोट में कल जो हुआ उसे जिन्ना के देश की शह पर जैशे-मोहम्मद, लश्करे-तैयबा और हमास के बीच समन्वय बढ़ाने की एक कसरत माना जा रहा है। तीनों जिहादी गुटों ने एक मंच साझा करते हुए, एक बड़े कार्यक्रम या कहें रैली को संबोधित किया। उस रैली में हर एक सरगना ने एक एजेंडे के तहत भारत विरोधी तकरीरें कीं, मन में जमा मवाद उगला और यहां तक कि भारत पर हमला तक बोलने जैसी बातें कीं। ये एजेंडा बेशक आईएसआई का ही तय किया होगा।
एक और दिलचस्प तथ्य यहां यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हमास के लड़ाके जिन्ना के देश के फौजियों के प्रशिक्षक हैं, उन्हें फौजी लड़ाई सिखाते हैं। उस देश की हालत के बारे में जरा सोचिए, एक प्रतिबंधित जिहादी संगठन किसी लोकतांत्रिक देश की वर्दीधारी फौज को प्रशिक्षण देता है!
कट्टर मजहबी और पाषाणकालीन तालिबान सोच के पोषक जिहादी गुट जैशे मोहम्मद तथा लश्करे तैयबा और इस्राएल से बुरी तरह पिटे हमास के साथ साठगांठ कर रहे हैं तो उनका एजेंडा क्या होगा? यह कोई छुपा तथ्य नहीं है कि पाकिस्तान में पल रहे उक्त दोनों जिहादी गुट भारत पर सीमा पार से आतंकी हमले करते रहे हैं। इन्होंने रैली की जगह भी चुनी तो पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट में। कार्यक्रम का बहाना बनाया ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ मनाना। इसी के मंच पर जैश, लश्कर और हमास के लड़ाके आधुनिक राइफलें थामे मौजूद थे। मंच पर बैठे हमास के सरगनाओं की हिफाजत बंदूकें थामे इन्हीं पाकिस्तानी जिहादी गुटों के लोग कर रहे थे, जैसे हमास उनका आका हो।
इसी मंच से जैशे मेाहम्मद के एक जिहादी ने अपनी तकरीर में कहा कि हमास के साथ पाकिस्तानी जिहादी गुट अब एकजुट हैं। और ऐसी रैलियों में जैसा होता आया है, उन्होंने भारत पर निशाना साधा, मन में जितना जहर जमा था उसे एक एक करके उगला।
#BREAKING: Hamas joins hands with Jaish e Muhammad and Lashkar e Tayyiba in Rawlakot of Pakistan Occupied Jammu & Kashmir. Jaish terrorist announces that Hamas and Pakistani Jihadi groups have united. Jaish gunmen can be seen on stage protecting Hamas leaders from Palestine. pic.twitter.com/p0Vn2rTKwW
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) February 5, 2025
उनकी तकरीरों पर इस्लामाबाद में बैठे उनके फरमाबरदार नेता रीझ—रीझ जा रहे होंगे। और जिहादियों के पास तकरीर में बोलने के लिए भारत सरकार को लेकर भड़काने वाली बातें बोलना ही था। जिहादी वक्तओं ने अपनी गंवारू भाषा में भारत के विश्व विख्यात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह को लेकर उलटा—सीधा बोला। एक जिहादी का कहना था कि अब फिलिस्तीन के मुजाहिद तथा कश्मीर के मुजाहिद एकजुट हो गए हैं। वह कहता गया कि दिल्ली में चारों तरफ खून की नदियां बहा देगा, कश्मीर को भारत से अलग करके मानेगा। जेएनयू के भारत विराधी वामपंथी ‘छात्रों’ जैसे ही ‘भारत के टुकड़े टुकड़े’ करने को लेकर भी गंवारू बातें कीं। उसके जैसी सोच के श्रोताओं ने उसकी बकवास सुन खूूब तालियां पीटीं।
दुनिया में बहुत ज्यादा लोग शायद यह नहीं जानते होंगे कि पाकिस्तान की सोच—विहीन नाकारा फौज को प्रशिक्षण यही हमास दे रहा है। इसके लड़ाके एक्सपर्ट के तौर पर जिन्ना के देश के फौजियों की क्लास लेते हैं और उन्हें भारत पर हमला करने के गुर सिखाते हैं। पाकिस्तान की बदहाल फौज और घिसे—पिटे फौजी उनसे सबक सीखते हैं।
पाकिस्तान का हमास के प्रति अनुराग नया नहीं है। यूं ही हमास के जिहादी पाकिस्तान के फौजियों को प्रशिक्षित नहीं कर रहे हैं। हमास के वायुसेना और नौसेना के जिहादी कमांडर आकर पाकिस्तान के फुंक चुके कमांडो को जिहादी कलाएं सिखाते हैं। इन हमासी कमांडरों की जिन्ना का देश दामाद की तरफ आवभगत करता है। इसके बदले में पाकिस्तान के बुद्धिहीन नेता हमास को मोटा पैसा देते हैं। इस्राएल के विरुद्ध षड्यंत्र रचने के लिए पाकिस्तानी नेता कतर जाते रहे हैं और वहां हमासी सरगनाओं से सलाह मशविरे करते रहे हैं।
इधर यह सब चल रहा है और उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ चेहरे पर बड़ी मासूमियत ओढ़कर संभवत: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रिझाने के लिए भारत से बातचीत करने की ‘इच्छा’ जताते हैं। उन्हें पता है ट्रंप और मोदी मित्र हैं। पाकिस्तान की कोशिश है कि ट्रंप को रिझाकर अपने भीख के कटोरे में चंद रुपए पड़वा ले। लेकिन पाकिस्तान की असलियत दुनिया जानती है।
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