‘अमेरिका पहले’ के अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बाजार में चीन और दूसरे देशों की वस्तुएं कम करने की गरज से मेक्सिको, कनाडा और चीन से टैरिफ लगाने की शुरुआत की है। ट्रंप ने चेतावनी तो ब्रिक्स देशों को भी दी है कि अमेरिकी डॉलर के बजाय कारोाबर के लिए कोई और वैकल्पिक मुद्रा तय की गई तो टैरिफ की तलवार लटकेगी। लेकिन ब्रिक्स देश इसे कोरी धमकी मान रहे हैं।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनकर डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे व्यापार के क्षेत्र में मोर्चा खोल दिया है। हालांकि कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ बढ़ाने की मंशा का खुलासा अपनी चुनाव रैलियों में कर ही चुके थे, लेकिन पद संभालते ही वे ऐसा करेंगे यह उन दोनों देशों को शायद लगा नहीं था। हालांकि अब कनाडा और मेक्सिको के साथ ही चीन पर भी ट्रंप ने टैरिफ में वृद्धि कर दी है। इससे जहां व्यापार के क्षेत्र में जबरदस्त तलवारें खिंचने के आसार बन गए हैं, वहीं चीन ने तो विश्व व्यापार संगठन में अमेरिका के विरुद्ध मुकदमा ठोंक देने की धमकी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कुछ देशों के टैरिफ बढ़ाने की बात से वैश्विक व्यापार क्षेत्र में असमंजस की स्थिति है और यह बात व्यापार विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। ट्रंप की इन घोषणाओं के बाद से शेयर बाजारों में भारी उठापटक देखने में आ रही है। ‘ट्रेड वार’ छिड़ने के आसार के बीच, चीन की ऐसी धमकी आना घटनाक्रम को महत्वपूर्ण मोड़ दे रहा है। तिस पर कनाडा और मेक्सिको ने भी अमेरिका पर पलटवार करते हुए उस पर तगड़ा टैरिफ लगा देने की बात की है। कनाडा ने तो अमेरिका के विरुद्ध कानूनी कदम उठाने की भी घोषणा की है।
‘अमेरिका पहले’ के अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बाजार में चीन और दूसरे देशों की वस्तुएं कम करने की गरज से मेक्सिको, कनाडा और चीन से टैरिफ लगाने की शुरुआत की है। ट्रंप ने चेतावनी तो ब्रिक्स देशों को भी दी है कि अमेरिकी डॉलर के बजाय कारोाबर के लिए कोई और वैकल्पिक मुद्रा तय की गई तो टैरिफ की तलवार लटकेगी। लेकिन ब्रिक्स देश इसे कोरी धमकी मान रहे हैं।
कारोबारी युद्ध के बांदल मंडराते देखने के बाद चीन ने दबाव बनाने की गरज से डब्ल्यूटीओ में मुकदमा करने की बात उछाली है। कनाडा ने भी चीन की देखादेखी कानूनी कदम उठाने की बात कही है। मेक्सिको और कनाडा ने अपनी ओर से अमेरिका पर टैरिफ लगाया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप मंझे हुए उद्योगपति हैं इसलिए कारोबारी दांवपेंच जानते हैं। वे जानते हैं कि डब्ल्यूटीओ में उनका पलड़ा भारी रहेगा इसलिए चीन के नए बयान पर उनकी अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
एक आकलन के अनुसार अमेरिकी व्यापार में घाटे के पीछे सबसे बड़ी भूमिका अगर किसी देश की है तो वे कनाडा, चीन और मेक्सिको ही हैं। अमेरिकी कारोबार घाटे चीन का हिस्सा 30.2 प्रतिशत है, मेक्सिको का 19 प्रतिशत है तो कनाडा 14 प्रतिशत घाटे का जिम्मेदार है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इस बारे में अपनी पोस्ट में लिखा है कि टैरिफ लगाए जाने से अमेरिका के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
कनाडा, मेक्सिको और चीन फेंटेनाइल जैसे मादक पदार्थ बनाने के दोषी बताए जाते हैं। अमेरिका ने कोशिश की है कि ये तीनों इसे बनाने और दूसरे देशों में बेचने पर रेाक लगाएं। कनाडा तथा मेक्सिको पर इस बात का भारी दबाव था कि वे इस नशे को अमेरिका में तस्करी के माध्यम से भेजना बंद करें। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन से अमेरिका भेजी जाने वाली सभी चीजों के आयात पर 10 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है तो मेक्सिको एवं कनाडा से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ 25 प्रतिशत रखा गया है। ट्रंप ने एक प्रकार आर्थिक इमरजेंसी घोषित की है।
अमेरिका को कनाडा से आयात होने वाला तेल, प्राकृतिक गैस तथा बिजली सहित ऊर्जा पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया है। मेक्सिको और कनाडा अमेरिका के सबसे बड़े कारोबारी साझीदार हैं। लेकिन अब इनके साथ अमेरिका की खटक गई है। ट्रंप के फरमान के बाद मेक्सिको की राष्ट्रपति ने भी पलटवार करके अमेरिका पर टैरिफ लाया है। ठीक वैसी ही जैसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो ने 25 प्रतिशत टैरिफ घोषित किया है।
कनाडा जाने वाले अमेरिका के फलों और शराब पर कनाडा का टैरिफ उस स्थिति में लागू होगा जब उसका कुल कारोबार 30 अरब डॉलर का होगा। कनाडा का मानना है कि अमेरिका पर उसके लगाए टैरिफ का बुरा असर पड़ेगा। अमेरिका के लोगों को अब राशन का सामान और अन्य जरूरी वस्तुओं महंगे दामों पर मिलेंगी।
त्रूदो ने यहां तक कहा कि क्या अमेरिका को याद नहीं है कि उसने अफगानिस्तान में उसके साथ मिलकर युद्ध किया था। कनाडा ही था जिसने कैलिफोर्निया में लगी भयंकर आग पर काबू पाने में अमेरिका की मदद की थी। इसी तरह कैटरीना तूफान के दौरान भी कितनी ही चुनौतियों को पार कराने कनाडा ने अमेरिका की सहायता की है।
कनाडा की तरह ही मेक्सिको वाले भी अमेरिका से चिढ़े बैठे हैं। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया का कहना है कि उनका देश भी अपने हितों की रक्षा करना जानता है और इसलिए वे भी अमेरिका पर टैरिफ लगा रहे हैं। अपनी पोस्ट में वे लिखती हैं, ”हम व्हाइट हाउस के इस आरोप को अमान्य करते हैं कि मेक्सिको सरकार का किन्हीं आपराधिक संगठनों के साथ साठगांठ है।”
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