नई दिल्ली | पाकिस्तान की फौज अब अपने ही घर में घिरती नजर आ रही है। बलूच विद्रोहियों ने सेना के खिलाफ खुला युद्ध छेड़ दिया है, जिससे पूरे पाकिस्तान में 1971 जैसे हालात बनने लगे हैं। जिस तरह उस वक्त पाकिस्तान ने बांग्लादेश पर जुल्म किए थे और बाद में उसे अलग देश बनना पड़ा, ठीक उसी तरह क्या अब बलूचिस्तान भी अलग होने की राह पर है..? क्योंकि पाकिस्तानी सेना की नाकामी और सरकार की कमजोर नीतियों के कारण बलूचिस्तान अब खुद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करने की दिशा में बढ़ता दिख रहा है।
बलूच विद्रोहियों का कहर, 18 सैनिक ढेर
हाल ही में बलूचिस्तान में हुए भीषण हमले में 18 पाकिस्तानी जवान मारे गए, जबकि 24 विद्रोही भी ढेर हो गए। यह हमला बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने किया, जो लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने के लिए संघर्ष कर रही है।
क्यों विद्रोह कर रहे बलूच
बलूचिस्तान दशकों से पाकिस्तान के दमन का शिकार रहा है। यह इलाका प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, लेकिन पाकिस्तानी सेना और सरकार ने इसे हमेशा लूटा और वहां के लोगों को हाशिए पर रखा। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बलूच विद्रोही खुलेआम पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं और सैनिकों को मौत के घाट उतार रहे हैं।
सेना की हालत खराब..!
2024 की शुरुआत से ही पाकिस्तान अपने ही अलगाववादी समूहों और तालिबान समर्थित हमलों से जूझ रहा है। 2024 से अब तक पाकिस्तान में आतंकवादी और अलगाववादी हमलों में 1300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। बलूचिस्तान में ही जनवरी से लेकर अब तक कई बड़े हमले हो चुके हैं। अगस्त 2023 में विद्रोहियों ने 73 लोगों की हत्या कर दी थी। जनवरी 2024 में पाकिस्तानी सेना के छह जवानों को मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि फरवरी 2024 में अफगान सीमा पर पाकिस्तान सेना को करारा झटका लगा।
क्या टूटने की कगार पर है पाकिस्तान..?
अब सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान एक और विभाजन की ओर बढ़ रहा है..? क्या बलूचिस्तान बांग्लादेश की तरह पाकिस्तान से अलग होगा..? जिन्ना के बनाए इस देश की बुनियाद अब कमजोर हो चुकी है। सेना खुद को बचाने में असफल साबित हो रही है। बलूच विद्रोही अब पाकिस्तानी सैनिकों को कब्र में पहुंचाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। दुनिया की नजर पाकिस्तान पर टिकी है और अगर हालात ऐसे ही रहे, तो जल्द ही बलूचिस्तान एक नया देश बन सकता है।
पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी
पाकिस्तान खुद को दुनिया में ताकतवर दिखाने की कोशिश करता है, लेकिन हकीकत यह है कि उसकी फौज खुद को बचाने में नाकाम साबित हो रही है। बलूच विद्रोहियों का हमला साबित करता है कि अब पाकिस्तान अपने ही लोगों से युद्ध लड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ आतंकवाद का पोषण करने वाला पाकिस्तान खुद आतंक की आग में जल रहा है। अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि क्या पाकिस्तान खुद को बचा पाएगा या 1971 की तरह एक और टुकड़े में टूटने वाला है..?
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