कुछ लोग कहते हैं कि मंदिर से क्या होता है, उनके लिए ये अच्छा उदाहरण है कि मंदिर से अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर की रिपोर्ट भी यही कहती है। सबरीमाला मंदिर की तीर्थयात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो चुकी है। इस बार मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से मंदिर प्रशासन को 440 करोड़ रुपए की आय हुई है, जो कि पिछले वर्ष के राजस्व के मुकाबले 80 करोड़ रुपए अधिक है।
केरल कौमुदी की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के देवस्वम मंत्री वीएन वासवन ने इसकी पुष्टि करते हुए जानकारी दी है कि इस बार सबरीमाला में दर्शन के लिए 600,000 से भी अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। हालांकि, सरकार ने वर्चुअल लाइन और स्पॉट बुकिंग के लिए प्रतिदिन 80,000 भक्तों की सीमा को तय कर रखा था, लेकिन बाद में कुछ दिन तो एक लाख से अधिक लोगों ने सबरीमाला मंदिर में दर्शन किए।
मंदिर प्रशासन ने पिछले साल की तुलना में इस बार प्रबंधन को भी चाक चौबंद रखा था। इस बार दर्शन की शुरुआत से ही मंदिर प्रशासन ने दर्शन की समय सीमा को एक घंटे बढ़ाकर 18 घंटे कर दिया था। वहीं 80-90 भक्तों को भी प्रति मिनट के हिसाब से सीढ़ियां पार करने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा स्पॉट बुकिंग यानि के मंदिर पहुंचने के बाद टोकन लेने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 10,3,305 थी, जबकि 30 लाख से अधिक अन्न दान किया गया।
मंदिर के राजस्व की बात करें तो अरवाना की बिक्री 192 करोड़ रुपए रही, जो कि (पिछले साल 147 करोड़ रुपए थी), हुंडी दान: 126 करोड़ रुपये (पिछले साल: 109 करोड़ रुपये)।
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