इटली से आई तीन महिलाओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की और अपने अनुभव साझा किए, जो कि न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी दिलचस्प था। इन महिलाओं ने अपनी यात्रा के दौरान भारतीय संस्कृति को गहरे से समझा और उसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया। मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के दौरान उन्होंने रामायण की चौपाई और ‘शिव तांडव’ स्तोत्र प्रस्तुत किया, जिससे मुख्यमंत्री आवास का माहौल भक्तिमय हो गया।
इन महिलाओं में से एक ने ‘मंगल भवन अमंगल हारी’ चौपाई गाई, जबकि अन्य ने शिव तांडव स्तोत्र और महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र प्रस्तुत किया। उनकी प्रस्तुति ने योगी आदित्यनाथ को खासा प्रभावित किया, और मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं का अभिनंदन करते हुए उन्हें ‘बहुत खूब’ कहा। यद्यपि इन महिलाओं को हिंदी या संस्कृत का गहरा ज्ञान नहीं था, फिर भी उनकी प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
यह प्रतिनिधि मंडल इटली के एक ध्यान और योग सेंटर के संस्थापक माही गुरु के नेतृत्व में आया था, जो प्रयागराज महाकुंभ से लौटने के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचा था। इन महिलाओं ने महाकुंभ में अपनी भागीदारी का वर्णन किया और बताया कि कैसे उन्होंने नागा साधुओं, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेकर भारतीय परंपराओं को महसूस किया। महाकुंभ के अनुभव को साझा करते हुए इन महिलाओं ने कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रदर्शन था।
इस दौरान, इन महिलाओं ने अपने जीवन में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। तीन विदेशी महिलाओं ने सनातन धर्म को अपनाते हुए नागा संन्यासिनी बनने का निर्णय लिया। इन्हें श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा विधिपूर्वक संन्यास की दीक्षा दी गई। गंगा स्नान के बाद इन महिलाओं का मुंडन कराया गया और उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाए गए। फिर पिंडदान करके उन्हें संन्यासिनी घोषित किया गया। इन महिलाओं को नए नाम भी दिए गए- फ्रांस की मरियम को ‘कामाख्या गिरि’, इटली की बंकिया को ‘शिवानी भारती’ और नेपाल की मोक्षिता राय को ‘मोक्षता गिरि’ नाम मिला ।
मरियम पहले एक निजी स्कूल में शिक्षिका थीं, बंकिया योग की प्रशिक्षक हैं, जबकि मोक्षिता राय ने पहले अपने जीवन में कई आध्यात्मिक बदलावों की शुरुआत की थी। इन तीनों महिलाओं ने अपनी यात्रा के दौरान भारतीय संस्कृति की गहराई और आध्यात्मिकता को महसूस किया और इसे अपनी जीवन यात्रा का अहम हिस्सा बना लिया।
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