अमेरिकी हिन्दू समुदाय के हर मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाने का ही प्रतिफल है कि आज नवगठित संसद में ही नहीं, राजनीति से जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी हिन्दुओं का दबदबा कायम हो रहा है। सांसद थानेदार तो मानते हैं कि यह स्थिति हिन्दू भारतवंशियों के प्रयासों से ही आई है। थानेदार कहते हैं कि अमेरिका की नई संसद में चार हिंदू सांसद होना कोई छोटी बात नहीं है। अमेरिका की राजनीति में अब हिन्दुओं की भूमिका बढ़ने के साथ उनकी आवाज भी बलशाली होगी।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के नाते शपथ लेने में कुछ ही घंटे शेष हैं। व्हाइट हाउस के सामने जोश में झंडे लहराते अमेरिकी एक बड़े बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। दुनियाभर से शीर्ष नेता, अभिनेता, उद्योगपति और सामाजिक विभूतियां अमेरिका पहुंच चुके हैं। ट्रंप ने भी शपथपूर्व अपने भाषण में बड़े बदलावों की ओर संकेत किया है। केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव के नेतृत्व में भारत से भी एक दल गया है। दिलचस्प बात यह भी है कि नई गठित हो रही संसद में चार हिन्दू सांसदों की उपस्थिति रोचक परिदृश्य प्रस्तुत कर रही है।
नई संसद के बारे में जानकारी देते हुए मुखर भारतवंशी सांसद थानेदार का कहना है कि नवगठित संसद में चार हिन्दू सांसदों को होना दिखाता है कि अब हिन्दुओं की आवाज और प्रभावी रूप से सुनी जाएगी। वैसे, सब जानते ही हैं कि अमेरिका में आईटी, उच्च तकनीकी, कारोबार, शिक्षा आदि क्षेत्रों में हिन्दू समाज महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राजनीतिक क्षेत्र ही ऐसा बचा था जहां हिंदुओं की उपस्थिति उस अनुपात में नहीं थी। लेकिन आज हिंदू समुदाय की एकजुटता अपना प्रभाव दिखाने लगी है और इस तथ्य को अमेरिकी सत्ताधीश स्वीकार भी कर रहे हैं।
अमेरिकी हिन्दू समुदाय के हर मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाने का ही प्रतिफल है कि आज नवगठित संसद में ही नहीं, राजनीति से जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी हिन्दुओं का दबदबा कायम हो रहा है। सांसद थानेदार तो मानते हैं कि यह स्थिति हिन्दू भारतवंशियों के प्रयासों से ही आई है। थानेदार कहते हैं कि अमेरिका की नई संसद में चार हिंदू सांसद होना कोई छोटी बात नहीं है। अमेरिका की राजनीति में अब हिन्दुओं की भूमिका बढ़ने के साथ उनकी आवाज भी बलशाली होगी।
वाशिंग्टन में कल राष्ट्रपति की शपथ की पूर्वसंध्या पर हिंदू समागम कार्यक्रम हुआ। इसमें थानेदार का उत्साह देखते ही बनता था। हिन्दू एकजुटता में थानेदार सहित राजनीतिक—सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय हिन्दुओं की बड़ी भूमिका रही है। अमेरिका में हिंदुओं ने एकजुट होकर जो मांग उठाई है उसे सुनने के लिए अमेरिकी सत्ता को बाध्य होना पड़ा है। दीपावली के दिन छुट्टी और संसद में इसके आयोजन के उदाहरण देखे जा सकते हैं। थानेदार मानते हैं कि अब हिन्दू संसद के लिए चुने जा रहे हैं, अनेक हिन्दू मुख्यधारा राजनीति में बढ़—चढ़कर भाग ले रहे हैं।
इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय अमेरिकी हिंदू गठबंधन ने किया था। सांसद थानेदार इस संगठन में भी सक्रिय हैं। उनका मानना है कि अमेरिका की राजनीति और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सभी अल्पसंख्यक समूहों को शामिल होना चाहिए। हिन्दू समुदाय की विविधता तथा एकजुटता अमेरिका को बल देती है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य ही था डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने का उत्सव मनाना। इस कार्यक्रम का आयोजन ही उस देश में हिंदुओं के बढ़ते प्रभाव की ओर इशारा करता है। इस संगठन ने चुनाव में ट्रंप के पक्ष में प्रचार किया था। हिन्दुओं के साथ लातीनी अमेरिकी समुदाय भी ट्रंप के शपथ समारोह का जश्न मनाने के लिए आगे आया है।
लेकिन बड़ा सवाल है कि नई संसद में चार हिंदू सांसदों का होना क्या प्रभाव डालेगा? चार हिंदू सांसदों में से एक हैं डेमोक्रेट सांसद थानेदार और बाकी के तीन हैं सुहाश सुब्रमण्यम, राजा कृष्णमूर्ति और रो खन्ना। तीनों ही हिन्दू मुद्दों पर मुखर रहे हैं। इसमें संदेह नहीं है कि संसद में जब भी किसी विधेयक को लाया जाएगा तो इन चारों सांसदों की आवाज भी अपना असर दिखाएगी। विशेषकर भारत और हिन्दू समुदाय से जुड़े विषयों पर ये चारों सांसद भारतवंशी समुदाय की एकजुटता के बल पर अपनी प्रभावी भूमिका निभाएंगे।
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