...तो माफी मांग लें ‘बूढ़े और बीमार’ जावेद!
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

…तो माफी मांग लें ‘बूढ़े और बीमार’ जावेद!

मानहानि के एक मुकदमे से बचने के लिए गीतकार जावेद अख्तर ने बुढ़ापे और बीमारी को बनाया ढाल

by रतन शारदा
Jan 15, 2025, 04:04 pm IST
in विश्लेषण
जावेद अख्तर

जावेद अख्तर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कुछ दिन पहले फिल्मी गीतकार जावेद अख्तर के विरुद्ध दर्ज मानहानि मामले के संबंध में अनेक समाचार पढ़ने को मिले। अधिकतर समाचारों में दावा किया गया था कि मानहानि के एक मामले में जावेद बरी हो गए हैं और मामला दर्ज करने वाले वकील संतोष रामस्वरूप दुबे हार गए हैं। बता दें कि कुछ समय पहले जावेद अख्तर ने अपने एक बयान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ‘तालिबान के समान’ बताया था।

रतन शारदा
वरिष्ठ विचारक

इसी बयान को लेकर दुबे ने जावेद के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा किया था। जावेद की प्रार्थना पर न्यायालय ने एक ‘मध्यस्थता समिति’ का गठन किया। समिति के कहने पर दुबे ने अपना मुकदमा वापस ले लिया। फिर न्यायालय ने यह कह कर मामले को बंद कर दिया कि दोनों पक्षों ने ‘आपस में यह मामला समाप्त कर लिया है-सौहार्दपूर्ण ढंग से निबटारा।’ लेकिन इस निर्णय को ‘बरी’ के रूप में प्रस्तुत किया गया।

इस संबंध में कुछ बातें हैं। 5 नवंबर, 2024 की मध्यस्थता बैठक में जावेद अख्तर ने कहा, ‘‘वे विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी जो वादी या उसके संगठन संघ की मानहानि करे।’’ (क्रमांक 3)। क्रमांक 4 में वे कहते हैं, ‘‘बढ़ती उम्र के कारण वे स्वस्थ नहीं हैं और यह वक्तव्य वादी और उनके संगठन से जुड़ा नहीं था। वे तो अफगानिस्तान की परिस्थिति समझने की बात कर रहे थे।’’

मध्यस्थता समिति की रपट 8 नवंबर, 2024 को न्यायालय में प्रस्तुत की गई। इस रपट के आधार पर न्यायालय ने जावेद को ‘मुक्त’ कर दिया। वादी स्वयं वकील था, परंतु इतना भोला था कि उसके ध्यान से शायद यह बात निकल गई कि जब जावेद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरुद्ध अपना वक्तव्य दिया था, तब भी वे ‘बूढ़े और बीमार’ थे।

स्पष्ट है कि जावेद ने अपनी वृद्धावस्था और बीमारी का हवाला देते हुए बड़ी कमजोर दलील दी। सच तो यह है कि जावेद अभी भी कई मंचों पर जाते हैं और खूब बोलते हैं। परंतु जैसे ही उन्हें न्यायालय में घसीटा गया, वे ‘कमजोर और बीमार वृद्ध’ हो गए। हम यह न भूलें कि जावेद शब्दों की ही कमाई खाते हैं। इसलिए उनके मुंह से कोई शब्द यूं ही नहीं निकलता है।

दुबे शायद यह भूल गए कि उन्होंने मुकदमे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी मानहानि की बात की थी। क्या उन्होंने जावेद के विरुद्ध मुकदमा करने से पहले संघ की राय ली थी? क्या उन्होंने सोचा कि इस प्रकार के समझौते से क्या परिणाम हो सकते हैं?

यह एक सबक है, उन वकीलों के लिए जो ऐसे मानहानि के अन्य दावे न्यायालयों में लड़ रहे हैं। वे ऐसे सितारों के समझौतों के चक्कर में तब तक न पड़ें, जब तक कि वे सार्वजनिक माफी न मांगें, या उन्हें सजा न मिले। इन दिनों मुंबई के अलग-अलग न्यायालयों में राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह, तस्लीम रहमानी, जॉन दयाल और कम्युनिस्ट नेता ए. एन. जमीर के विरुद्ध मानहानि के मामले चल रहे हैं।

इनके पक्षकार संतोष दुबे की ‘नादानी’ से कुछ शिक्षा लें और सावधानी रखें। यह भी कहना उचित लग रहा है कि संघ के प्रति घृणा रखने वाले ‘बड़े’ लोग किसी मामले मेें न्यायालय में घसीटे जाते हैं, तो वे सत्य के लिए लड़ें, कभी व्यस्तता और कभी बुढ़ापे का सहारा लेकर भागे नहीं।

अगर मानहानि के मुकदमे लड़ने की हिम्मत नहीं है, तो सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। तारीख पे तारीख लगवा कर न्यायालय का समय बर्बाद न करें। सबसे बड़े राजनीतिक भगोड़े अरविंद केजरीवाल में इतनी बात तो है कि वे माफी मांग लेते हैं। क्या ही अच्छा हो अगर जावेद अपने सेकुलर हमराही से कुछ तो सीखें।

Topics: same as Talibanराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघअरविंद केजरीवालarvind kejriwalजावेद अख्तरJaved Akhtarपाञ्चजन्य विशेषराजनीतिक भगोड़ेRSSतालिबान के समानpolitical fugitive
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies