संभल मस्जिद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला न्यायालय में चल रहे मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी है। 8 जनवरी को जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया। यह मामला शाही जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी की याचिका पर आधारित था, जिसमें उन्होंने जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 25 फरवरी तक इस मामले की सुनवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है और सभी पक्षों से चार हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामला क्या है?
संभल जिले के शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद 19 नवंबर 2024 को शुरू हुआ, जब हरिशंकर जैन और अन्य ने जिला अदालत में एक मुकदमा दायर किया। उनके मुताबिक, यह मस्जिद पूर्व में एक मंदिर की जगह पर बनी थी। इस मुकदमे में अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था, जिसके बाद 24 नवंबर को सर्वे के दौरान स्थिति बिगड़ गई थी और हिंसा हुई थी। हिंसा के कारण चार लोगों की मौत हो गई थी, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। इस घटना ने मामले को और जटिल बना दिया था।
हाई कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से जवाब देने को कहा है, जिसके बाद मस्जिद कमेटी को दो हफ्ते का समय दिया गया है ताकि वे अपने प्रत्युत्तर दाखिल कर सकें। हाई कोर्ट ने 25 फरवरी को इस मामले की फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश के अनुसार, जब तक यह मामला हाई कोर्ट में है, निचली अदालत को इस पर कोई कार्रवाई करने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमीशन को सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में जमा करने का आदेश दिया था।
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