नदियों को जोड़ने का सपना धरातल पर
July 20, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

नदियों को जोड़ने का सपना धरातल पर

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने का सपना देखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जन्मशती पर नदियों का मायका कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास किया

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jan 2, 2025, 08:10 am IST
in भारत, विश्लेषण, मध्य प्रदेश
नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव

नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मध्य प्रदेश के खजुराहो में गत 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली महत्वाकांक्षी केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास किया। नदियों को जोड़ने का सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था। उनके संकल्प और समृद्धि का सपना अब धरातल पर उतर चुका है। इस परियोजना के तहत छतरपुर और पन्ना जिले के पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा, 2.13 किलोमीटर लंबा बांध और दो सुरंगें बनाई जाएंगी।

2,853 मिलियन घनमीटर जल भंडारण की क्षमता वाला बांध बनने से प्रदेश के 10 जिले पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी व दतिया के लगभग 2,000 गांवों की 8.11 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे लगभग 7 लाख किसान लाभान्वित होंगे। साथ ही, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट का भी लोकार्पण किया गया, जो सूबे का पहला तैरता सौर प्लांट है।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच एक समझौता हुआ है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 72,000 करोड़ रुपये है, जिसमें 35,000 करोड़ रुपये मध्य प्रदेश और 37,000 करोड़ रुपये राजस्थान खर्च करेगा। इसमें केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 की होगी।

सुशासन मतलब सेवा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हम सुशासन कहते हैं तो शासन के केंद्र में सत्ता नहीं होती, सेवा का भाव होता है। अटल जी के जन्मदिवस पर हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला ‘सुशासन दिवस’ हमें यह याद दिलाता है कि शासन का मतलब केवल प्रशासन नहीं है, बल्कि हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाना है। सुशासन का यह पर्व सुशासन की ‘सु सेवा’ की हमारी प्रेरणा का भी पर्व है। देश के विकास में अटल जी का योगदान हमेशा हमारे स्मृति पटल पर अमिट रहेगा। हमारे लिए सुशासन दिवस सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम भर नहीं है। सुशासन भाजपा सरकारों की पहचान है।

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए देश के प्रबुद्ध लोगों से स्वतंत्रता के बाद 75 वर्ष में हुए विकास का आकलन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विचारवान लोग विकास, जनहित और सुशासन के 100-200 मानक तय करें और फिर हिसाब लगाएं कि जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां क्या काम होता है, क्या परिणाम होता है। जहां वामपंथियों ने सरकार चलाई, वहां क्या हुआ। जहां परिवारवादी पार्टियों की सरकार रही, वहां क्या हुआ। जहां मिली-जुली सरकारें रहीं, वहां क्या हुआ और जहां-जहां भाजपा को सरकार चलाने का मौका मिला, वहां क्या हुआ। उन्होंने दावे के साथ कहा कि देश में भाजपा को जहां भी सेवा करने का अवसर मिला, उसने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ कर जनहित, जनकल्याण और विकास कार्य किए। निश्चित मानदंडों पर मूल्यांकन हो, तो देश देखेगा कि भाजपा जनसामान्य के प्रति कितनी समर्पित है।

सुशासन का पैमाना

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सुशासन के लिए अच्छी योजनाएं बनाने के साथ उन्हें अच्छी तरह लागू करना भी जरूरी है। सरकार की योजनाओं का कितना लाभ हुआ, यह सुशासन का पैमाना होता है। अतीत में कांग्रेस सरकारें केवल घोषणाएं करती थीं। उसका फायदा लोगों को कभी मिला ही नहीं। हैरानी की बात है कि 35-40 साल पहले जितने शिलान्यास हुए, उन पर रत्ती भर भी काम नहीं हुआ। कारण, कांग्रेस सरकारों की न तो नीयत थी और न ही उनमें योजनाओं को लागू करने की गंभीरता।

उन्होंने आगे कहा कि सुशासन का मतलब ही यही है कि अपने हक के लिए लोगों को न तो सरकार के आगे हाथ फैलाना पड़ेऔर न ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। सुशासन का यही मंत्र भाजपा सरकारों को दूसरों से अलग करता है। आज पूरा देश इसे देख रहा है, इसलिए बार-बार भाजपा को चुन रहा है। जहां सुशासन होता है, वहां वर्तमान चुनौतियों के साथ भविष्य की चुनौतियों पर भी काम किया जाता है। लेकिन दुर्भाग्य से देश में लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार रही। कांग्रेस सरकार पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती है, पर सुशासन से उसका छत्तीस का नाता रहा है। इसलिए जहां कांग्रेस है, वहां सुशासन हो ही नहीं सकता। इसका खामियाजा दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने भी भुगता है। वहां के किसानों, माताओं और बहनों ने पीढ़ी दर पीढ़ी बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष किया है। ये हालात क्यों बने? क्योंकि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थायी समाधान के बारे में सोचा ही नहीं।

कांग्रेस का ओछापन

देश में नदियों के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भारत की जलशक्ति, जल संसाधन और जल संचय के लिए बांध बनाने का सपना बाबासाहेब आंबेडकर ने देखा था। लेकिन इस सच को दबा कर रखा गया। एक व्यक्ति को श्रेय देने के चक्कर में सच्चे सेवक को भुला दिया गया। भारत में जो भी बड़ी नदी घाटी परियोजनाएं बनीं, उन सबके पीछे बाबासाहेब आंबेडकर की ही दृष्टि थी। आज जो केंद्रीय जल आयोग है, उसके पीछे भी उन्हीं के प्रयास थे। लेकिन जल संरक्षण और बड़े बांधों के लिए बाबासाहेब के प्रयासों के लिए कांग्रेस ने उन्हें कभी श्रेय नहीं दिया। यहां तक कि किसी को पता तक चलने नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि आज सात दशक बाद भी देश के कई राज्यों के बीच पानी को लेकर कोई न कोई विवाद है। जब पंचायत से लेकर संसद तक कांग्रेस का शासन था, तब ये विवाद आसानी से सुलझ सकते थे। लेकिन कांग्रेस की नीयत खराब थी, इसलिए उसने इस दिशा में कभी ठोस प्रयास नहीं किए। जब देश में अटल जी की सरकार बनी तो उन्होंने पानी से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए गंभीरता से काम शुरू किया। लेकिन जैसे ही उनकी सरकार गई, उनके प्रयासों, उनकी योजनाओं और उनके सपनों को कांग्रेस ने सत्ता में आते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज हमारी सरकार देशभर में नदियों को जोड़ने के अभियान को गति दे रही है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट का सपना भी अब साकार होने वाला है। इससे बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खुलेंगे।

खुलेंगे समृद्धि के द्वार

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अटल जी ने लगभग 20 वर्ष पूर्व नदियों को जोड़ने का सपना देखा था। वे चाहते थे कि देशभर की नदियां आपस में जुड़ें, पानी की एक-एक बूंद का उपयोग समाज व राष्ट्र के लिए हो तथा समृद्धि आए। मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां नदियों को जोड़ने के महाअभियान के तहत दो परियोजनाएं शुरू की गई हैं। पार्वती-काली सिंध-चंबल व केन-बेतवा लिंक परियोजनाओं के माध्यम से कई नदियां जुड़ेंगी। राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच इस समझौते का बड़ा लाभ उत्तर प्रदेश को भी होने जा रहा है।

हमारा संकल्प है विरासत के साथ विकास। इसी के तहत परियोजना में ऐतिहासिक चंदेलकालीन 42 तालाब भी सहेजे जाएंगे। उन्होंंने कहा कि इस परियोजना से मध्य प्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पीने का पानी तो मिलेगा ही, बुंदेलखंड को सिंचाई की सुविधा भी मिलेगी। साथ ही, 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका लाभ पूरे प्रदेश को मिलेगा।

Topics: Babasaheb Ambedkarसमाज व राष्ट्रप्रधानमंत्री अटल बिहारीWater power of Indiaजल संसाधनWater ResourcesPrime Minister Atal Bihari Vajpayeeपाञ्चजन्य विशेषSociety and nationजल संचयबाबासाहेब आंबेडकरFEATUREWater Conservationभारत की जलशक्ति
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्ग: स्वाभिमान और स्वराज्य की अमर निशानी

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : शाैर्य के जीवंत प्रतीक

देश के वे गांव जहां बोलचाल की भाषा है संस्कृत

देश के वे गांव, जहां बोली जाती है संस्कृत, बच्चे भी लेते हैं योग और वेदों की शिक्षा

शिवाजी द्वारा निर्मित 12 किले यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल, मराठा सामर्थ्य को सम्मान

महाराणा प्रताप और इस्लामिक आक्रांता अकबर

महान प्रताप हैं, अकबर नहीं : इस्लामी आक्रांता को लेकर जानिये कैसे फैलाया गया झूठ

रा.स्व.संघ की सतत वृद्धि के पीछे इसके विचार का बल, कार्यक्रमों की प्रभावोत्पादकता और तपोनिष्ठ कार्यकर्ताओं का परिश्रम है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : विचार, कार्यक्रम और कार्यकर्ता-संगम

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्ग: स्वाभिमान और स्वराज्य की अमर निशानी

महाराष्ट्र के जलगांव में हुई विश्व हिंदू परिषद की बैठक।

विश्व हिंदू परिषद की बैठक: कन्वर्जन और हिंदू समाज की चुनौतियों पर गहन चर्चा

चंदन मिश्रा हत्याकांड का बंगाल कनेक्शन, पुरुलिया जेल में बंद शेरू ने रची थी साजिश

मिज़ोरम सरकार करेगी म्यांमार-बांग्लादेश शरणार्थियों के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड, जुलाई से प्रक्रिया शुरू

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

‘कोचिंग सेंटर का न हो बाजारीकरण, गुरुकुल प्रणाली में करें विश्वास’, उपराष्ट्रपति ने युवाओं से की खास अपील

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले गिरफ्तार

ISIS स्टाइल में कर रहे थे इस्लामिक कन्वर्जन, पीएफआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठन से भी कनेक्शन

छांगुर कन्वर्जन केस : ATS ने बलरामपुर से दो और आरोपी किए गिरफ्तार

पंजाब में AAP विधायक अनमोल गगन मान ने दिया इस्तीफा, कभी 5 मिनट में MSP देने का किया था ऐलान

धरने से जन्मी AAP को सताने लगे धरने : MLA से प्रश्न करने जा रहे 5 किसानों को भेजा जेल

उत्तराखंड निवेश उत्सव 2025 : पारदर्शिता, तीव्रता और दूरदर्शिता के साथ काम कर ही है धामी सरकार – अमित शाह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies