रूस में मुसलमानों के लिए चार शादियों का फतवा हुआ वापस : मौलाना बोले- 'अल्लाह की यही इच्छा'
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रूस में मुसलमानों के लिए चार शादियों का फतवा हुआ वापस : मौलाना बोले- ‘अल्लाह की यही इच्छा’

रूस में मुस्लिम पुरुषों के लिए चार शादियों की अनुमति देने वाला फतवा विरोध के बाद वापस ले लिया गया। इस्लामिक कानून और रूस के धर्मनिरपेक्ष कानून के बीच टकराव ने महिलाओं के अधिकारों और धार्मिक परंपराओं पर नई बहस छेड़ दी है।

by सोनाली मिश्रा
Dec 27, 2024, 07:00 am IST
in विश्व, विश्लेषण
चित्र प्रतीकात्मक है, इसे AI के माध्यम से बनाया गया है

चित्र प्रतीकात्मक है, इसे AI के माध्यम से बनाया गया है

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रूस में मुस्लिमों के लिए चार शादियों का फतवा वापस ले लिया गया है। रूस की एक इस्लामिक संस्था ने मुस्लिम आदमियों को चार शादी करने की इजाजत दी थी। आरटी न्यूज़ के अनुसार रूस के मुस्लिम नेताओं ने मुस्लिम आदमियों के लिए एक से ज्यादा शादियों के लिए हरी झंडी दे दी थी।

काउंसिल ऑफ उलेमा ऑफ द स्पिरिच्वल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ मुस्लिम्स (एसएएम) ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस संबंध में एक नया फतवा जारी हुआ था।

हालांकि यह फतवा इस्लाम के कानूनों के अनुसार है, मगर यह रूस के कानूनों के विपरीत है, जिसमें एक से अधिक शादियों पर रोक है। इस फतवे के जारी होने के बाद रूस के ईसाई समुदाय में हलचल मच गई और विरोध आरंभ हो गया। फतवे में कहा गया था कि एक आदमी कुछ शर्तों के साथ एक से ज्यादा शादियाँ कर सकता है। और ये शर्ते थीं कि हर बीवी के लिए अलग घर हो, उसे वित्तीय सहायता दी जाए और आदमी पहले से तय शेड्यूल के अनुसार सभी के साथ एक समान समय बिताए।

यह सब बातें पिछले शुक्रवार को मॉस्को के मुफ्ती इल्डार अलयोतदीनोव ने टेलीग्राम पर कहीं। हालांकि इसके लिए और भी शर्तें थीं कि चार शादियाँ तभी कोई आदमी कर सकता है जब उसकी बीवी के बच्चे न हो रहे हों, उसे कोई बीमारी हो, बूढ़ी हो या फिर वह बच्चे पैदा न करना चाहती हो।

हालांकि सोमवार को ही मीडिया ने यह रिपोर्ट की रूस के महाभियोजक कार्यालय (Prosecutor General’s Office) ने मुस्लिमों के मजहबी प्रशासन के प्रमुख को पत्र भेजकर फतवे को वापस लेने का अनुरोध किया। जिसमें उन्होनें रूस के कानून का हवाला देते हुए कहा कि यह रूस के कानून के खिलाफ है, जो एक से ज्यादा शादियों पर रोक लगाता है।

इस फतवे की जानकारी फैलते ही कई क्षेत्रों से आलोचना आरंभ हो गई थी। आरटी न्यूज़ के अनुसार “परिवार, महिलाओं और बच्चों पर राज्य ड्यूमा समिति की अध्यक्ष नीना ओस्तानिना ने इस बात पर जोर दिया कि रूस एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है जहाँ सभी नागरिकों को, चाहे वे किसी भी धर्म से जुड़े हों, नागरिक कानूनों का पालन करना चाहिए। Gazeta.ru समाचार आउटलेट के लिए एक टिप्पणी में, उन्होंने जोर देकर कहा कि फतवा रूस के संविधान और पारिवारिक कानून का खंडन करता है, जो विवाह को एक पुरुष और एक महिला के बीच मिलन के रूप में परिभाषित करता है।“

काउंसिल फॉर द डेवलपमेंट ऑफ सिविल सोसाइटी एंड हयूमेन राइट्स के सदस्य किरिल काबानोव ने भी इस निर्णय की आलोचना करते हुए चेताया कि ऐसे मजहबी फतवे देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

वहीं इसका धार्मिक विरोध भी देखने को मिला। सीनोडल विभाग के डेप्यूटी चेयरमैन वख्तंग किपशिद्ज ने कहा कि रूसी रूढ़िवादी चर्च एक से ज्यादा शादियों को अस्वीकार करता है। ईसाई सभ्यता एकविवाह पर आधारित है, जो विवाह में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान सम्मान सुनिश्चित करती है।

इतनी आलोचनाओं के बाद इस फतवे पर मौलाना को सफाई देनी पड़ी और हालांकि उन्होनें हालिया फतवे का बचाव किया मगर इसे वापस भी ले लिया। इस फतवे के बचाव में उन्होनें कहा कि इसका उद्देश्य मजहबी निकाह में औरतों के हक की रक्षा करना था। मगर इस फतवे को वापस लेते हुए उन्होनें कहा कि यही अल्लाह की इच्छा है और उलेमा काउंसिल ऑफ रशिया’ज स्पिरिच्वल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ मुस्लिम्स इस पर कोई भी बहस नहीं करना चाहती है।

Topics: बहुविवाह और इस्लामSecularism vs. Religious Lawइस्लामिक फतवा विवादWomen's Rights Islamरूस के मुस्लिम कानूनFatwa Withdrawnधर्मनिरपेक्षता बनाम धार्मिक कानूनHalala and Polygamyमहिलाओं के अधिकार इस्लामफतवा वापस लिया गयाहलाला और बहुविवाहFatwa on four marriages in RussiaPolygamy and IslamIslamic Fatwa Controversyरूस में चार शादियों का फतवाMuslim Laws of Russia
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