नई दिल्ली । बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। संसद में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने एक जवाब में खुलासा किया कि 2024 में अब तक बांग्लादेश में हिंदुओं पर 2200 हमले हो चुके हैं। यह संख्या पाकिस्तान में इसी अवधि के दौरान हिंदुओं पर हुए 112 हमलों की तुलना में कहीं अधिक है।
बांग्लादेश में चौंकाने वाले हिंसा के आंकड़े
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले तेजी से बढ़े हैं।
- 2022 : बांग्लादेश में 47 और पाकिस्तान में 241 हमले।
- 2021 : बांग्लादेश में 302 और पाकिस्तान में 103 मामले।
- 2024 (8 दिसंबर तक) : बांग्लादेश में 2200 मामले, जबकि पाकिस्तान में 112
यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि बांग्लादेश हिंदुओं के खिलाफ क्रूरता में पाकिस्तान से भी आगे निकल गया है।
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंसा में बढ़ोतरी
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में हिंदुओं पर हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस इन घटनाओं को स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं। हालांकि, भारत सरकार ने बांग्लादेश के इस रवैये पर संसद में चिंता जताई है।
भारत सरकार का रुख
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की गई है।भारतीय विदेश सचिव की ढाका यात्रा के दौरान यह मुद्दा उठाया गया। ढाका स्थित भारतीय दूतावास इन घटनाओं पर करीबी नजर बनाए हुए है। भारत सरकार ने बांग्लादेश सरकार से कहा है कि वह हिंसा को रोकने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए।
मोहम्मद यूनुस पर उठे सवाल
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को हिंसा के मामलों पर निष्क्रियता के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनकी सरकार ने अब तक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। वहीं संसद में सरकार ने उनके झूठ और हिंसा पर चुप्पी की कड़ी आलोचना की।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा चिंताजनक है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर समझौता नहीं किया जाएगा। यह देखना बाकी है कि क्या बांग्लादेश सरकार इन मामलों में ठोस कदम उठाएगी या हालात और बिगड़ेंगे।
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