नई दिल्ली । गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर संसद में हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि संविधान के आदर्शों और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के योगदान पर चर्चा के लिए दोनों सदनों में विचार होना था, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करके चर्चा को भटकाने का प्रयास किया। उन्होंने कांग्रेस को संविधान और आरक्षण विरोधी पार्टी करार दिया और कहा कि उनके शासन में संविधान के आदर्शों की बार-बार अनदेखी की गई।
संसद में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान की रचना और संविधान निर्माताओं के योगदान पर गौरवमयी चर्चा होनी थी। इस दौरान 75 वर्षों में देश की विकास यात्रा और उपलब्धियों पर भी बात की जानी थी। उन्होंने कहा, “यह स्वाभाविक है कि लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष का नजरिया अलग होता है। लेकिन संसद जैसे लोकतांत्रिक मंच पर चर्चा हमेशा तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।”
कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप
अमित शाह ने कहा, “कल से कांग्रेस जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है, वह निंदनीय है। भाजपा के वक्ताओं ने संविधान और उसके मूल्यों पर चर्चा की और यह बताया कि विभिन्न शासनकालों में इन आदर्शों का किस तरह संरक्षण और संवर्धन किया गया। इसके बावजूद, कांग्रेस ने केवल भ्रम फैलाने का काम किया।”
कांग्रेस को बताया आंबेडकर और आरक्षण विरोधी
उन्होंने कहा कि संसद में हुई चर्चा से यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस बाबा साहेब आंबेडकर की विरोधी है। उन्होंने आरोप लगाया कि, “कांग्रेस ने सावरकर जी का अपमान किया, आपातकाल लगाकर संविधान के मूल्यों को कुचला, महिलाओं के सम्मान को दरकिनार किया, न्यायपालिका का अपमान किया और सेना के शहीदों को भी नहीं बख्शा।”
नेहरू और आंबेडकर के संबंधों पर सवाल
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर जी को कभी वह सम्मान नहीं दिया जिसके वे हकदार थे। उन्होंने आरोप लगाया कि, “नेहरू जी ने अपनी सरकार में बाबा साहेब को कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया। बाबा साहेब को भारत रत्न भी कांग्रेस की सरकार में नहीं मिला। यह सम्मान 1990 में भाजपा द्वारा समर्थित सरकार ने दिया। नेहरू जी ने खुद को 1955 में और इंदिरा गांधी ने 1971 में भारत रत्न दिया, लेकिन आंबेडकर को यह सम्मान उनके जीवनकाल में नहीं दिया गया।”
भाजपा ने आंबेडकर को दिया सम्मान
गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने बाबा साहेब के जीवन से जुड़े पंचतीर्थों का विकास किया। इनमें मध्य प्रदेश के महू, लंदन का डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक, नागपुर की दीक्षाभूमि, दिल्ली का राष्ट्रीय स्मारक और मुंबई की चैत्रभूमि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 19 नवंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब के सम्मान में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया।
आपातकाल और संविधान का अपमान
गृह मंत्री ने आपातकाल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1975 में आपातकाल लगाकर संविधान के मूल्यों और लोकतंत्र का अपमान किया। उस समय प्रेस, न्यायपालिका और आम नागरिकों के अधिकारों को कुचल दिया गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा हमेशा संविधान के आदर्शों और बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि, “कांग्रेस ने बार-बार संविधान और आंबेडकर जी के सम्मान को नजरअंदाज किया। जबकि भाजपा ने बाबा साहेब के योगदान को मान्यता दी और उनके आदर्शों पर काम किया।”
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने संसद में भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को और तेज कर दिया है। अमित शाह के इन बयानों को कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के आक्रामक रुख का हिस्सा माना जा रहा है।
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