जीता सच, हारा प्रपंच
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

जीता सच, हारा प्रपंच

कल्याण की एक अदालत ने माना कि ठाणे के दुर्गाडी किले में स्थित स्थल मंदिर है, मस्जिद नहीं। 48 वर्ष पुराने इस मामले के निबटारे से हिंदुओं में खुशी

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Dec 18, 2024, 03:15 pm IST
in भारत, महाराष्ट्र
दुर्गाडी किले में स्थित मंदिर

दुर्गाडी किले में स्थित मंदिर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गत 10 दिसंबर को हिंदू समाज के लिए एक और शुभ समाचार आया। यह समाचार महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित ऐतिहासिक दुर्गाडी किले से जुड़ा है। इस किले में स्थित एक स्थल को कल्याण सत्र न्यायालय ने मस्जिद नहीं, मंदिर माना। जैसे ही न्यायालय का निर्णय आया, वैसे ही हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि, न्यायालय ने यह भी कहा कि किला सरकारी संपत्ति के रूप में ही बना रहेगा।

बता दें कि यह विवाद 48 वर्ष पुराना था। यह मामला 1971 में तब बढ़ा था, जब ठाणे के जिलाधिकारी ने दुर्गाडी किले में स्थित स्थल को मंदिर बताया था। वहीं दूसरी तरफ मुसलमानों के एक वर्ग ने इसे मस्जिद बताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। तभी से यह मामला न्यायालय में चल रहा था। हिंदू मंच के अध्यक्ष और याचिकाकर्ता दिनेश देशमुख ने अदालत में दलील दी कि किले की संरचना और विशेषताएं एक मंदिर की ओर इशारा करती हैं। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने 1971 के जिलाधिकारी के निर्णय को सही ठहराया। इसके साथ ही न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष द्वारा इसे वक्फ बोर्ड को स्थानांतरित करने की मांग को भी खारिज कर दिया।

हिंदू पक्ष ने दुर्गाडी किले के मंदिर होने का दावा यह कहते हुए किया था कि यहां मंदिर की खिड़कियां और मूर्तियों को रखने के लिए चबूतरा मौजूद है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे मस्जिद बताते हुए दलील दी कि यह स्थल उनके मजहबी महत्व का है। मुस्लिम पक्ष ने जिलाधिकारी के निर्णय को 1975-76 में ठाणे जिला न्यायालय में एक याचिका दायर कर चुनौती दी थी। बाद में उस याचिका को कल्याण सत्र न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया।

शिवसेना का आंदोलन

इस स्थल के लिए शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने 1976 में ‘घंटानाद आंदोलन’ चलाया था। इस आंदोलन को आनंद दिघे, पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जैसे शिवसैनिकों ने समय-समय पर गति दी। इस आंदोलन का उद्देश्य था किले को हिंदुओं का धार्मिक स्थल घोषित कराना। यही कारण है कि जब न्यायालय ने इसे हिंदू स्थल बताया, तब शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने वहां आरती कर खुशी मनाई।

न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए शिवसेना ने कहा है कि यह फैसला देवी दुर्गा के आशीर्वाद और हिंदू समुदाय की एकजुटता का परिणाम है। शिवसेना ने एक्स पर लिखा, ‘‘दुर्गा माते की जय, शिवसेना जिंदाबाद। कल्याण का दुर्गाडी किला अब आधिकारिक रूप से देवी दुर्गा का मंदिर है। न्याय की जीत हुई है। जय हिंदुत्व!’’

सरकारी वकील सचिन कुलकर्णी ने बताया कि दुर्गाडी किले की मरम्मत और प्राचीन वास्तुकला को संरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है। किले के कुछ हिस्से जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं, जिन्हें संरक्षित करने के प्रयास जारी रहेंगे।

यह निर्णय न केवल एक लंबी कानूनी लड़ाई का अंत है, बल्कि यह ऐतिहासिक किले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी स्थापित करता है। इस किले में दुर्गा माता का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है। दुर्गाडी किला ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह वह स्थान है जहां छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज्य के पहले नौसैनिक अभियान का श्रीगणेश किया था। यह किला हमेशा से हिंदू समुदाय के लिए आस्था का केंद्र रहा है।

न्यायालय के निर्णय से यह भी सिद्ध हुआ कि सत्य को कभी पराजित नहीं किया जा सकता। अब यह किला न केवल आस्था का केंद्र होगा, बल्कि मराठा इतिहास का एक जीवंत स्मारक भी बनेगा।

Topics: activists of Hindu organizationsShiv Sena's movementreligious and cultural importanceहिंदू समाजhindu societyपाञ्चजन्य विशेषहिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताशिवसेना का आंदोलनधार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

रात में भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें, हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

Earthqake in Delhi-NCR

दिल्ली-एनसीआर में 4.4 तीव्रता का भूकंप, झज्जर रहा केंद्र; कोई हताहत नहीं

आरोपी मौलाना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

बलरामपुर: धर्म की भूमि पर जिहादी मंसूबों की हार

kanwar yatra delhi

कांवड़ यात्रा 2025: मीट-मछली की दुकानें बंद, आर्थिक मदद भी, दिल्ली में UP वाला एक्शन

Punjab Khalistan police

पंजाब: पूर्व सैनिक गुरप्रीत सिंह गिरफ्तार, ISI को दे रहा था भारतीय सेना की खुफिया जानकारी

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

Guru Purnima

Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा पर इन संस्कृत श्लोकों के साथ करें अपने गुरु का आभार व्यक्त

Kolhapuri Slippers Dispute

कोल्हापुरी चप्पल विवाद: चोरी की ये कहानी है पुरानी

प्रतीकात्मक तस्वीर

फ्री इलाज के लिए बनवाएं आयुष्मान कार्ड, जानें जरूरी डाक्यूमेंट्स और पूरा प्रोसेस

Tarrif War and restrictive globlization

प्रतिबंधात्मक वैश्वीकरण, एक वास्तविकता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies