वक्फ बोर्ड पर जारी विवाद के बीच जमीयत उलेमा हिन्द मुस्लिम संगठन के मुखिया मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ संशोधन विधेयक-2024 को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को भड़काने और गुमराह करने की कोशिशें की हैं। मदनी ने आंध्र प्रदेश के कडप्पा में एक सभा के दौरान मदनी ने झूठ फैलाते हुए आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन बिल के जरिए मुसलमानों की जमीनों को हड़पना चाहती है।
मदनी ने ये भी कहा कि बिहार के नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू केंद्र सरकार की दो बैशाखी हैं। मदनी का कहना था कि वक्फ संशोधन बिल पर मुस्लिमों की आपत्ति पर सरकार ध्यान दे। मदनी ने मुस्लिमों से भरे मैदान में झूठ बोलते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल कोई बिल नहीं है, बल्कि यह मुसलमानों के औकाफ को खा लेने वाला बिल है। उनकी जमीनों को हड़पने की साजिश के तहत ये बिल लाया गया है। मदनी का आरोप है कि ऐसा करके सरकार मुस्लिमों से उनकी जायदाद को छीनने की कोशिश कर रही है।
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क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन विधेयक को केंद्र सरकार इसलिए लाई है ताकि वक्फ बोर्ड की मनमानियों को रोका जा सके। क्योंकि कांग्रेस सरकार के दौरान दी गई असीमित शक्तियों के चलते वक्फ बोर्ड लगातार संपत्तियों पर मनमाने तरीके से कब्जा करता जा रहा है। केंद्र सरकार ये स्पष्ट कर चुकी है कि इस बिल का उद्देश्य मुस्लिमों की मौजूदा संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना बिल्कुल भी नहीं है। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार करना है।
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इस बिल के खिलाफ विपक्ष संसद के अंदर भ्रम फैलाकर अपनी सियासत चमकाने की कोशिशें कर रहा है तो संसद के बाहर कथित मुस्लिम नेता और उनके पैरोकार माहौल बिगाड़ने में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि वक्त-वक्त पर इसमें संशोधन होते रहे हैं। 2024 में भी ऐसा ही हो रहा है। ये राष्ट्रहित में ही होगा।
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