बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। शेख हसीना सरकार के तख्ता पलट के बाद से ही हमले बढ़े हैं। यह बात बांग्लादेश ने भी स्वीकार कर ली है। पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं, मंदिरों और हिंदुओं के घरों पर हमले की बात को नकार दिया था। भारत में फेक नैरेटिव गढ़ने वाले भी बांग्लादेश में हिंदुओं को सुरक्षित बता रहे थे। लेकिन अब बांग्लादेश सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर कई हमले हुए हैं।
बांग्लादेश सरकार ने मंगलवार को स्वीकार किया है कि हिंदुओं पर सांप्रदायिक हमले की 88 घटनाएं हुई हैं। मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल इस्लाम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताया है कि इन घटनाओं में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेश का यह बयान उस समय आया है जब भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा की बात उठाई। उन्होंने हमलों को खेदजनक बताया था। बांग्लादेशी नेतृत्व को हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने को कहा था।
एनडीवी की खबर के मुताबिक शफीकुल आलम ने पत्रकारों को बताया कि 5 अगस्त से 22 अक्टूबर तक अल्पसंख्यकों पर हिंसा के 88 मामले दर्ज किए गए। इसमें 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये मामले और गिरफ्तारियां और बढ़ सकती हैं।
भारत में भी प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि भारत में भी हिंदू समुदाय बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को साधु-संतों और प्रमुख हस्तियों ने बांग्लादेश उच्चायोग के पास भी प्रदर्शन कर बांग्लादेश को चेताया था कि वह हिंदुओं को कमजोर न समझे उनकी सुरक्षा के व्यापक प्रबंध करे।
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