Bangladesh: 1971 में किए लाखों के कत्ल के पाप के लिए माफी मांगेगी कट्टर मुल्लावादी Jamaat-e-Islami!
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

Bangladesh: 1971 में किए लाखों के कत्ल के पाप के लिए माफी मांगेगी कट्टर मुल्लावादी Jamaat-e-Islami!

बांग्लादेश के आज के हालात में जमाते इस्लामी अपने लिए एक खास जगह देख रही है, वह कुलबुला रही है सत्ता की हिस्सेदारी करने के लिए

by WEB DESK
Dec 4, 2024, 12:17 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
जमाते-इस्लामी का प्रमुख नेता शफीकुर्रहमान

जमाते-इस्लामी का प्रमुख नेता शफीकुर्रहमान

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

1941 में जमाते-इस्लामी बनाई गई थी। बब्दुल आला मौदूदी ने हैदराबाद में इसकी शुरुआत की थी। तब भी इसका मकसद भारत में इस्लामी कायदों पर चलने वाला राज कायम करना था। वक्त बीतने के साथ जमाते इस्लामी राजनीतिक में घुसपैठ कर गई। 1947 में बंटवारे के बाद तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में अपना गढ़ जमाना शुरू कर दिया। और जैसा पहले बताया, 1971 के मुक्ति संग्राम में इसी जमाते इस्लामी ने बांग्ला राष्ट्रभाव की जमकर खिलाफत की थी। एक मुस्लिम मुल्क बनाने की पैरवी की थी। इसका पूरा झुकाव पश्चिमी पाकिस्तान के मजहबी आकाओं की तरफ था।


भारत के पड़ोसी इस्लामी मुल्क बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 के बाद से, आज जिस तरह के हालात दिख रहे हैं उसमें बेशक, वहां की कट्टर मजहबी जमात जमामे-इस्लामी का एक बहुत बड़ा हाथ है। जमात का एकमात्र मकसद बांग्लादेश को एक बार फिर से शरियत तले लाकर पाषाण युग में पहुंचाना दिखता है। इसी जमात और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बीएनपी पार्टी ने किसी ‘तीसरी ताकत’ के साथ मिलकर आज उस देश को गर्त में पहुंचाने की ठानी हुई है। इसमें हिन्दुओं का कत्लेआम और उनका नस्लीय परिमार्जन ‘मजहब का फरमान’ मानकर अंजाम दिया जा रहा है।

यही जमाते इस्लामी 1971 के मुक्ति संग्राम में सबसे बड़ी खलनायक पाई गई थी। उस काल में भी इसने हिन्दुओं और राष्ट्रभक्त पूर्वी पाकिस्तानियों का कत्लेआम मचाया था। परोक्ष रूप से तब भी जमात पाकिस्तान के मुल्लाओं की सरकार के साथ खड़ी थी और बांग्लादेश निर्माण के प्रयासों का विरोध कर रही थी। अपने इसी एजेंडे पर चलते हुए इसी ने लाखों लोगों की जान ली थी।

‘रजाकार’ अर्धसैनिक टुकड़ी

लेकिन आज अगर इसका नेता कहे कि यदि 1971 में इस जमात के किए काम गलत साबित होते हैं तो संगठन सार्वजनिक रूप से माफी मांगेगा। अपनी बात के साथ उस नेता यानी शफीकुर्रहमान ने अपनी बात के साथ ‘यदि’ शब्द लगाकर अपनी मंशा साफ कर दी है कि उसे नहीं लगता उसके संगठन ने तब और अब भी कोई ‘गलत काम’ किया है। लेकिन बांग्लादेश के आज हालात में जमाते इस्लामी अपने लिए एक खास जगह देख रही है, वह कुलबुला रही है सत्ता की हिस्सेदारी करने के लिए, उस देश में तालिबानी तर्ज का राज कायम करने के लिए।

जमाते-इस्लामी का प्रमुख नेता शफीकुर्रहमान ने बीते दिन कहा कि यदि 1971 में हुए मुक्ति संग्राम में उनके संगठन की ओर से जो भी कार्रवाई की गई वह गलत ठहरती है तो संगठन माफी मांगने को तैयार है। शफीकुर्रहमान को शायद अपने देश के इतिहास और 1971 में वहां जो कुछ घटा, और उस सबमें अपने कट्टरपंथी संगठन की करतूतें भूल चुकी हैं।

मुक्ति बाहिनी

5 अगस्त 2024 को जिस शेख हसीना को तख्तापलट करके प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटने को मजबूर किया गया उनकी सरकार ने जमाते इस्लामी के कई नेताओं पर युद्ध अपराध के मुकदमे चलाए थे और कुख्यात मुल्लाओं को फांसी या उम्रकैद दी गई थी। अनेक गंभीर आरोपों में जेल में बंद किए गए थे। हालांकि यूनुस सरकार के आने के बाद सब के सब थोक के भाव छोड़ दिए गए। इनमें अनेक कुख्यात जिहादी तत्व भी हैं।

लेकिन राजनीति में घुसपैठ करने को बेताब जमाते-इस्लामी मासूमियत भरे अंदाज में ‘माफी मांगने’ की बात कर रही है तो इसके पीछे के गहरे मायने समझने जरूरी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया से सारे केस हटा लिए गए हैं, लंदन में बसे उनके पुत्र से सारे केस हटा लिए गए हैं। जनवरी 2024 के आम चुनावों का बहिष्कार करने वाले दोनों दलों, बीएनपी और जमात ने खुद को चुनाव से दूर रखा था, क्योंकि दोनों जानते थे कि बांग्लादेश की विकास को तरसती जनता उनकी काली करतूतें जानती है और उनके चुनाव में बुरी तरह पिटने के साफ आसार हैं।

1941 में जमाते-इस्लामी बनाई गई थी। अब्दुल आला मौदूदी ने हैदराबाद में इसकी शुरुआत की थी। तब भी इसका मकसद भारत में इस्लामी कायदों पर चलने वाला राज कायम करना था। वक्त बीतने के साथ जमाते इस्लामी राजनीतिक में घुसपैठ कर गई। 1947 में बंटवारे के बाद तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में अपना गढ़ जमाना शुरू कर दिया। और जैसा पहले बताया, 1971 के मुक्ति संग्राम में इसी जमाते इस्लामी ने बांग्ला राष्ट्रभाव की जमकर खिलाफत की थी। एक मुस्लिम मुल्क बनाने की पैरवी की थी। इसका पूरा झुकाव पश्चिमी पाकिस्तान के मजहबी आकाओं की तरफ था।

मुक्ति बाहिनी की गिरफ्त में आया एक रजाकार

इसी जमात ने तब पश्चिमी पाकिस्तान के आकाओं के हुक्म पर मुक्ति बाहिनी के हजारों लड़ाकों को मारा, हिन्दुओं के लाखों परिवार उजाड़े, महिलाओं का बलात्कार कर काट डाला। पाकिस्तानी सेना के इशारे पर वहां रहकर मुक्ति संग्राम को कुचलने की कोशिश की। इसी जमात ने तब ‘रजाकार’ अर्धसैनिक टुकड़ी बनाई, जिसने कत्लों की झड़ी लगा दी। पूर्वी बंगाल के राष्ट्रभक्तों को चुन—चुनकर काट डाला।

एक आकलन के अनुसार इस पशुता के चलते 30 लाख से अधिक लोगों का कत्ल किया गया। जमाते इस्लामी के इन काले कारनामों को कौन नहीं जानता! तिस पर शफीकुर्रहमान की हिमाकत यह कि कहे ‘यदि काम गलत साबित हुए’ तो माफी मांगेंगे। जमात की छात्र इकाई ही थी जिसने रजाकार-अल-शम्स तथा अल-बद्र के साथी गुटों की बुनियाद रखी थी। जमाते इस्लामी के पाप इतने हैं कि गिनाए नहीं जा सकते। इसलिए शफीर्रहमान बड़ी धूर्तता के साथ आज अपना जो चेहरा दिखा रहा है, उस पर 1971 की इतनी गहरी कालिख लगी है कि जो किसी माफी से नहीं धुल पाएगी।

Topics: 1971जमाते इस्लामीRazakar1971 war#muslimmukti bahiniपाकिस्तानमुक्ति संग्रामPakistaneast bengalbangladeshhindu killingsislamicबांग्लादेशJamaat-e-Islami
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

आरोपी मौलाना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

बलरामपुर: धर्म की भूमि पर जिहादी मंसूबों की हार

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

ईरान से निकाले गए अफगान शरणा​र्थी   (फाइल चित्र)

‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के परखच्चे उड़ा रहे Iran-Pakistan, अफगानियों को देश छोड़ने का फरमान, परेशानी में ​Taliban

जनरल असीम मुनीर

जिन्ना के देश ने कारगिल में मरे अपने जिस जवान की लाश तक न ली, अब ‘मुल्ला’ मुनीर उसे बता रहा ‘वतनपरस्त’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

श्रीहरि सुकेश

कनाडा विमान हादसा: भारतीय छात्र पायलट की हवाई दुर्घटना में मौत

बुमराह और आर्चर

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: लॉर्ड्स में चरम पर होगा रोमांच

मौलाना छांगुर ने कराया 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का कन्वर्जन, बढ़ा रहा था मुस्लिम आबादी

Uttarakhand weather

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: 10 से 14 जुलाई तक मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

Pratap Singh Bajwa complaint Against AAP leaders

केजरीवाल, भगवंत मान व आप अध्यक्ष अमन अरोड़ा के खिलाफ वीडियो से छेड़छाड़ की शिकायत

UP Operation Anti conversion

उत्तर प्रदेश में अवैध कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 8 वर्षों में 16 आरोपियों को सजा

Uttarakhand Amit Shah

उत्तराखंड: अमित शाह के दौरे के साथ 1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी, औद्योगिक प्रगति को नई दिशा

Shubman Gill

England vs India series 2025: शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को झुकाया

मुंबई: ‘सिंदूर ब्रिज’ का हुआ उद्घाटन, ट्रैफिक जाम से मिलेगी बड़ी राहत

ब्रिटेन में मुस्लिमों के लिए वेबसाइट, पुरुषों के लिए चार निकाह की वकालत, वर्जिन बीवी की मांग

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies