अयोध्या से जनकपुर के लिए निकली प्रभु राम की बारात में बाराती गीत—संगीत की लहरियां गुंजा रहे हैं। अयोध्या से निकली बारात के मुजफ्फरपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। कांति छिन्नमस्तिका मंदिर में जब बारात पहुंची तो पूरा वातावरण राममय हो गया। जय श्रीराम के जयकारों से आसमान गूंज उठा। मंदिर में महंतों और नगरवासियों ने बारात का पूजाअर्चन के साथ स्वागत किया। उपस्थित महिलाओं ने बधाई गीत गाकर माहौल को ऐसा भक्तिमय बना दिया कि जिसे देख देवतागण भी आनंदित हो गए होंगे।
नेपाल का जनकपुर इस समय राम बारात के स्वागत में पलक पांवड़े बिछाए बैठा है। दूल्हे राम के स्वागत की जनक की नगरी में आवभगत की भव्य तैयारियां की जा रही हैं। सड़कों पर फूलों की दिव्य सज्जा है तो घरों पर फूलों के बंदनवार बांधे गए हैं। जनकपुर में हर किसी को दूल्हे के रूप में राम के दर्शनों की अभिलाषा है। राम बारात अयोध्या से निकल चुकी है और यहां 3 दिसम्बर को पहुंच जाएगी।
जनकपुर की महिलाओं में अपनी बेटी के दूल्हे को देखने की उत्सुकता देखते ही बन रही है। वे मंगलगान कर रही हैं और दूल्हे के स्वागत के लिए घर—आंगन बुहार कर सजा रही हैं। मार्गों में विशेष पुष्पवर्षा की व्यवस्था की जा रही है।
अयोध्या से जनकपुर के लिए निकली प्रभु राम की बारात में बाराती गीत—संगीत की लहरियां गुंजा रहे हैं। अयोध्या से निकली बारात के मुजफ्फरपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। कांति छिन्नमस्तिका मंदिर में जब बारात पहुंची तो पूरा वातावरण राममय हो गया। जय श्रीराम के जयकारों से आसमान गूंज उठा। मंदिर में महंतों और नगरवासियों ने बारात का पूजाअर्चन के साथ स्वागत किया। उपस्थित महिलाओं ने बधाई गीत गाकर माहौल को ऐसा भक्तिमय बना दिया कि जिसे देख देवतागण भी आनंदित हो गए होंगे।
गत वर्ष 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद पहली बार वहां से यह राम बारात नेपाल में जनकपुर के लिए निकली है। और यह पहली ही बार है जब ‘विवाह पंचमी’ का आयोजन विशाल पैमाने पर किया गया है।
शहर के मार्गों पर दीवारें रामकथा से जुड़े विभिन्न प्रसंगों के चित्रों से सजाई गई हैं। लोकशैली में बने इन चित्रों की खूबसूरती शब्दों में नहीं बताई जा सकती। रामायण के विभिन्न पात्रों के दिव्य चित्र बनाए गए हैं। लोक कलाकार मिथिला की कला शैली में जनकपुर की दीवारों को सजाने में दिन—रात उत्साह के साथ जुटे हुए हैं।
राम बारात जहां से गुजर रही हैं वहां जगह जगह राम भजन गायन हो रहा है। आरतियां उतारी जा रही हैं। दूल्हे राम की छवि देख भक्त, विशेषकर महिलाएं भाव—विभोर हो रहे हैं। फूलों की वर्षा कर रहे हैं। रामलला की जय, प्रभु राम की जय, जय श्रीराम और माता सीता की जय के नारों से वातावरण गूंज रहा है।
अयोध्या से लेकर जनकपुर तक पड़ने वाले विभिन्न स्थानों पर भव्य स्वागत के लिए लोग प्रतीक्षारत हैं। हाथ में फूल लिए वे राम की एक झलक पाने की साध धारे हैं। जहां देखों वहां दूर तक शहर भक्तिरस में हिलोरें लेता दिखता है। राम बारात के 3 दिसंबर को जनकपुरधाम पहुंचने पर आनंद अपने चरम पर होगा। इसके बाद 6 दिसंबर को ‘विवाह पंचमी’ का भव्य आयोजन देखते ही बनेगा।
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