मुस्लिम कट्टरपंथी लगातार देश में माहौल बिगाड़ने की साजिशें रच रहे हैं। इसका खुलासा एक बार फिर से तब हुआ, जब उत्तर प्रदेश की वाराणसी एटीएस की टीम ने शहर में ज्ञानवापी ढांचे, यूपी कालेज स्थित मस्जिद और वक्फ बोर्ड विवाद को लेकर लोगों से जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे म्यांमार के मुस्लिम घुसपैठिए को गिरफ्तार किया।
क्या है पूरा मामला
वाराणसी एटीएस को देश के अंदर बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैध तरीके से प्रवेश करवाने और उन्हें यहां बसाने के मामले में शामिल एक मुस्लिम कट्टरपंथी के बारे में खुफिया इनपुट मिला। इसी इनपुट के आधार पर एटीएस ने उसे फंसाने के लिए ट्रैप बिछा दिया। अब्दुस सलाम मंडल नाम के आधार कार्ड के साथ घुसपैठिया ज्ञानवापी जाता है और वहां की रेकी करता है। फिर वहां से निकलकर वो लोगों से यूपी कॉलेज के बारे में और उससे जुड़े वक्फ बोर्ड विवाद के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिशें करता है।
24 घंटे में शहर की चार मस्जिदों की रेकी करने के बाद जैसे ही वह वाराणसी स्टेशन से पश्चिम बंगाल जाने की कोशिश करता है तभी उसे एटीएस की टीम गिरफ्तार कर लेती है। उसके पास से फोन और तीन मेमोरी कार्ड भी जांच एजेंसी को मिलते हैं। तीनों ही मेमोरी कार्ड के अंदर से जांच एजेंसी को कई सारे नेटवर्क और कई लोगों के नामों की जानकारी मिली। एटीएस की पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह फर्जी तरीके से पश्चिम बंगाल के रास्ते से रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में घुसाता था।
मेदिनीपुर में बना रखा है घर
अब्दुल्ला ने बताया कि वो मूलत: म्यांमार के मांगडू के अकयाब जनपद का है। भारत में अवैध तरीके से घुसने के बाद वह पश्चिम बंगाल के मंदिनीपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गढ़बेटा थाना क्षेत्र के दुर्गबनकटी में रहता है। उसने अपना आधार, पैन और वोटर कार्ड बनवा रखा है। जांच एजेंसियां लंबे वक्त से उसकी तलाश कर रही थीं।
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