भारत में स्लीपर सेल का बढ़ता खतरा : कोई डॉक्टर है तो कोई ऑटो ड्राइवर, पढ़िए मजहबी आतंक की पोल खोलने वाली रिपोर्ट
July 17, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

भारत में स्लीपर सेल का बढ़ता खतरा : कोई डॉक्टर है तो कोई ऑटो ड्राइवर, पढ़िए मजहबी आतंक की पोल खोलने वाली रिपोर्ट

यह रिपोर्ट वर्ष 2013 से 2024 तक भारत में आतंकी स्लीपर सेल बनाकर देश विरोधी-आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे 27 प्रमुख घटनाओं पर आधारित है।

by SHIVAM DIXIT
Nov 20, 2024, 06:08 pm IST
in भारत, रक्षा, विश्लेषण
Analysis of the Sleeper Cell Incident in India

स्लीपर सेल की आड़ में सक्रिय मजहबी आतंकी (चित्र प्रतीकात्मक)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत में स्लीपर सेल आतंकवाद एक ऐसा खतरा बन चुका है, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर संकट में डाल दिया है। भारत सरकार ने 10 अक्टूबर, 2024 को देश के चार राज्यों तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्लीपर सेल बनाकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादी संगठन ‘हिज्ब-उत-तहरीर’ पर बैन लगा दिया। वर्ष 2013 से 2024 तक, स्लीपर सेल के माध्यम से आतंकवादी संगठनों ने कई हमलों को अंजाम दिया और देश के विभिन्न हिस्सों में अशांति फैलाने की कोशिश की। इन स्लीपर सेल की विशेषता यह है कि वे गुप्त रूप से काम करते हुए समाज के आम लोगों के बीच छुपे रहते हैं, और इनके संपर्क सीधे आतंकी संगठनों से जुड़े होते हैं।

आतंकवाद के इस खतरनाक स्वरूप को उजागर करने के लिए भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने कई बड़े ऑपरेशन किए। हिज्ब-उत-तहरीर, गज़वा-ए-हिंद, अलकायदा, और आईएस जैसे संगठन भारत के अलग-अलग राज्यों में स्लीपर सेल के जरिए अपनी नापाक साजिशों को अंजाम दे रहे थे। एनआईए, एटीएस और भारतीय खुफिया एजेंसियों की सक्रियता से कई आतंकी मॉड्यूल ध्वस्त हुए और आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया।

यह रिपोर्ट वर्ष 2013 से 2024 तक भारत में आतंकी स्लीपर सेल बनाकर देश विरोधी-आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे 27 प्रमुख घटनाओं पर आधारित है। इसमें उन प्रमुख घटनाओं का विस्तार से विश्लेषण है, जो स्लीपर सेल के माध्यम से देश की अखंडता और सुरक्षा को चुनौती देने वाले आतंकवादियों की साजिशों को उजागर करती हैं। यह न केवल इन संगठनों के मंसूबों की जानकारी देती है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए गए कड़े कदमों पर भी प्रकाश डालती है।

वर्ष 2024 घटनाएं

4 राज्यों में स्लीपर सेल… सीक्रेट ऐप पर मीटिंग, भारत के लिए खतरा बन रहा हिज्ब उत तहरीर!

दिनांक – 11 नवंबर, 2024
स्थान – दिल्ली

एनआईए द्वारा आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को लेकर यह खुलासा हुआ कि वह भारत के मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, और आंध्र प्रदेश में तेजी से स्लीपर सेल स्थापित कर रहा है। एनआईए ने अक्टूबर 2024 में तमिलनाडु और पुडुचेरी में एचयूटी के राज्य अमीर फैजुल रहमान को गिरफ्तार किया गया था, जो हिंसक गतिविधियों से शरिया आधारित इस्लामी राष्ट्र स्थापित करने की योजना बना रहा था।

ग़ज़वा-ए-हिंद आतंकी बनाते थे स्लीपर सेल

दिनांक: 19 अक्टूबर 2024
स्थान: जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुंछ जिले में आतंकवादी संगठन जम्मू-कश्मीर ग़ज़वा-ए-हिंद (जेकेजीएफ) से जुड़े दो आतंकवादियों अब्दुल अजीज और मनावर हुसैन  को गिरफ्तार किया। अब्दुल अजीज और मुनव्वर हुसैन ने पिस्टल चलाने और फायरिंग के प्रशिक्षण के लिए जंगलों में भी प्रशिक्षण लिया था। अब्दुल अजीज ने शिव मंदिर सुरनकोट, गुरु द्वारा महंत साहिब पुंछ,  आर्मी सेंट्री पोस्ट कंसार पुंछ,  सीआरपीएफ सेंट्री पोस्ट के पास स्कूल ग्राउंड और मुनव्वर हुसैन ने  जिला अस्पताल के क्वार्टर पर ग्रेनेड फेंका।

पाकिस्तानी आतंकी गोरी के तैनात स्लीपर सेल्स

दिनांक – 28 अगस्त, 2024
स्थान – भारत

वांटेड आतंकी फरहतुल्लाह गोरी ने टेलीग्राम पर एक वीडियो जारी कर दिल्ली-मुंबई समेत दूसरे शहरों में स्लीपर सेल्स के जरिए ट्रेन पटरियों को निशाना बनाने और सप्लाई चेन डिस्टर्ब करने की धमकी दी। 1 मार्च 2024 को रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में गोरी संदिगध है। एनआईए ने इस मामले में IED रखने वाले शाजिब और प्लानर ताहा को गिरफ्तार किया। गोरी 2002 में अक्षरधाम मंदिर और 2005 में हैदराबाद टास्क फोर्स ऑफिस पर हमलों का मास्टरमाइंड है।

स्लीपर सेल से जुड़ने से पहले अल्ताफ चलाता था ऑटो

दिनांक: 24 अगस्त, 2024
स्थान: लोहरदगा, झारखण्ड

एटीएस ने अल्ताफ अंसारी के घर पर छापा मारा था, जो अलकायदा इंडियन सबकान्टिनेंट (AQIS) के स्लीपर सेल से जुड़ा हुआ था।अल्ताफ कौवाखाप गांव में संचालित सामाजिक संगठन अंजुमन इस्लामिया का खजांची है। स्लपीर सेल से जुड़े डॉ. इश्तियाक को भी पुलिस ने हिरासत में लिया, जो रिम्स से एमबीबीएस करने के बाद वहीं से रेडियोलॉजी में काम करता था।

50 स्लीपर सेल तैयार करने की आईएस की साजिश में शामिल

दिनांक : 14 जुलाई, 2024
स्थान : नई दिल्ली

एनआईए ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के बेल्लारी मॉड्यूल में शामिल सात आतंकियों के खिलाफ 13 जून , 2024 को आरोपपत्र दाखिल किया। आतंकी 2025 तक भारत के प्रत्येक जिले में 50 स्लीपर सेल तैयार करने की आईएस की साजिश में शामिल थे। पकड़े गए आतंकियों पर स्लीपर सेल के तौर पर काम करने के लिए युवाओं को ‘मुजाहिदीन’ के रूप में भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहे थे। आतंकियों की पहचान मोहम्मद सुलेमान, मोहम्मद मुनीरुद्दीन, सैयद समीर और मोहम्मद मुजम्मिल, अनस इकबाल शेख, मोहम्मद शाहबाज  और दिल्ली के शायन रहमान उर्फ हुसैन के रूप में हुई।

एटीएस ने स्लीपर सेल मोहम्मद मेराजुद्दीन को जयपुर में पकड़ा

दिनांक –   23 फ़रवरी, 2024
स्थान – जयपुर, राजस्थान

राजस्थान के जयपुर में एटीएस ने स्लीपर सेल मोहम्मद मेराजुद्दीन पकड़ा। जयपुर एटीएस की टीम को 10 सालों से इसकी तलाश थी। साल 2014 में स्लीपर सेल द्वारा भारत के विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनायी थी, लेकिन इससे पहले ही इनके साथी सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में आ गए थे।

वर्ष 2023 की घटनाएं

स्लीपर सेल वांटेड अबू उस्मान घोषित हुआ डेजिग्नेटेड टेररिस्ट

दिनांक : 05 जनवरी 2023
स्थान : जम्मू-कश्मीर

कश्मीर निवासी ISIS के आतंकी एजाज अहंगर उर्फ अबू उस्मान अल कश्मीरी को यूएपीए के तहत नामित आतंकवादी घोषित किया गया। अबू उस्मान जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक स्टेट का सबसे बड़ा रिक्रूटर था। भारत में इस्लामिक स्टेट भर्ती सैल का प्रमुख एजाज अहमद अहंगर का अल-कायदा और अन्य वैश्विक आतंकी संगठनों से निकट संबंध रखता था और वह भारत में इस्लामिक स्टेट चैनलों को फिर से शुरू करने में लगा हुआ था।

स्लीपर सेल के तौर पर युवकों को गजवा-ए-हिंद का तालीम

दिनांक: 3 जुलाई 2023
स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश

रिजवान खान निवासी कश्मीर और सद्दाम शेख  निवासी  गोंडा, लखनऊ में आतंकी बनाने की पाठशाला तथा स्लीपर सेल के तौर पर युवकों को धर्म और गजवा-ए-हिंद के नाम पर कट्टरपंथ की तालीम दे रहे थे। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने दोनो आतंकियों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया। सद्दाम ने एटीएस को पूछताछ में बताया कि वह ओसामा बिन लादेन, जाकिर मूसा, रियाज नायकू,  नावेद जट जैसे आतंकियों की वीडियो को इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा रहा था।

महाराष्ट्र में सक्रिय थे ISIS के स्लीपर सेल, 4 आतंकी गिरफ्तार

दिनांक : 03 जुलाई, 2023
स्थान : महाराष्ट्र

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने महाराष्ट्र के 5 जगहों पर छापेमारी में 4 आतंकियों ज़ुबैर नूर, ज़ुल्फ़िकार अली, शरजील शेख और मोहम्मद शेख को गिरफ्तार किया। 28 जून 2023 को एनआईए ने ISIS के महाराष्ट्र मॉड्यूल को लेकर केस दर्ज किया था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से एनआईए ने आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए।

लोहरदगा में स्लीपर सेल बना रहा था आतंकी फैजान

दिनांक – 20 जुलाई,  2023
स्थान – लोहरदगा (झारखंड)

एनआईए ने लोहरदगा की मिल्लत कॉलोनी से आतंकी संगठनों के लिए स्लीपर सेल चला रहे आईएसआईएस आतंकी फैजान अंसारी को गिरफ्तार किया। फैजान, जो अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का छात्र था, डार्क नेट के जरिए आईएसआईएस के संपर्क में आया था। वह न केवल स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहा था, बल्कि अन्य स्लीपर सेल तैयार करने की योजना पर भी काम कर रहा था।

भारत में  स्लीपर सेल तैयार कर दंगे भड़काने का काम

दिनांक: 18 अगस्त, 2023
स्थान: उत्तर प्रदेश

कलीम अहमद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा था। कलीम ने आईएसआई हैंडलर्स को संवेदनशील जानकारी, जैसे राफेल विमान और सेना की तस्वीरें भेजी। कलीम पर आईपीसी की धारा 420 , 121-ए, 153-ए, 295-ए  की धाराओं के तहत कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया।

IS आतंकी की गिरफ्तारी के बाद 2 और अरेस्ट

दिनांक : 02 अक्टूबर, 2023
स्थान : दिल्ली

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का मोस्ट वांटेड आतंकी शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा को गिरफ्तार किया था। शाहनवाज पर एनआईए ने तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था और भारत में जिहादी स्लीपर सेल के लिए काम करता था। दिल्ली की स्पेशल सेल ने शाहनवाज से पूछताछ के बाद यह खुलासा किया कि शैफी के ही स्लीपर सेल में सक्रिय रिजवान अब्दुल उर्फ हाजी अली, अब्दुल्ला फैयाज शेख उर्फ डायपरवाला और तलहा लियाकत खान की पहचान हुई है।

वर्ष 2022 की घटनाएं

भारत में 4 आतंकी स्लीपर सेल एक्टिव

दिनांक: 2 अप्रैल, 2022
स्थान: उत्तर प्रदेश

रामनवमी के अवसर पर मुस्लिम दंगाइयो ने 2 अप्रैल 2022 को करौली और 3 अप्रैल 2022 को गोरखपुर में सिलसिलेवार तरीके से हिंदुओं पर हमला किया। सुरक्षा एजेंसियों ने जांच-पड़ताल में बताया कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर हुए हिंसा में आतंकी स्लपीर सेल का हाथ है, जिन्होंने सुनियोजित तरीके से हमले को अंजाम दिया।

‘स्लीपर सेल’ फिर से एक्टिव, खुफिया एजेंसियों के लिए बना सिरदर्द

दिनांक -19 अप्रैल, 2022
स्थान – भारत

भारत में आतंकवादी संगठनों जैसे अंसार अल इस्लाम और अंसारुल्ला बांग्ला टीम (ABT) के स्लीपर सेल सक्रिय थे, जो असम और अन्य राज्यों में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश किए। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और तमिलनाडु तौहीद जमात (TNTJ) की भूमिका को लेकर जांच चल रही है। TNTJ के सदस्यों की गिरफ्तारी ने PFI से उनके संभावित संबंधों की ओर इशारा किया।

मरगूब ने गजवा-ए- हिंद के नाम पर बनाया स्लीपर सेल

दिनांक : 15 जुलाई, 2022
स्थान : पटना, बिहार
बिहार पुलिस ने बिहार आतंकी मॉड्यूल मामले में पटना में एक और आरोपित मारगुव अहमद दानिश उर्फ  ताहिर को गिरफ्तार किया। मरगूब ने गजवा-ए- हिंद नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा था,  देश के खिलाफ नफरत पैदा की जाती थी। उसने अपनी स्लीपर सेल में भी कई युवाओं की भर्ती कर रखी थी।

राजस्थान के दस जिलों में सक्रिय आतंकी स्लीपर सेल

दिनांक : 02 अगस्त, 2022
स्थान : उदयपुर, राजस्थान

उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल (28 जून 2022) की गला रेतकर की गई हत्या के मामले में जांच के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राजस्थान पुलिस का एंटी टेररिस्ट स्क्ववाड (एटीएस) ने राज्य के टोंक, करौली, अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा, बाड़मेर, जैसलमेर, उदयपुर, झुंझुनूं और जोधपुर जिलों में सक्रिय स्लीपर सेल का खुलासा किया था। एजेंसी को जांच में पता चला था कि कन्हैयालाल हत्याकांड के दोनों मुख्य अभियुक्त मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद पिछले चार साल से आतंकी नेटवर्क से जुड़े हुए थे। दोनों ने पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया था।

पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल बना रहा था आतंकी फैजल अहमद

दिनांक : 22 सितंबर, 2022
स्थान: पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल एसटीएफ द्वारा बंगाल से उत्तराखंड तक स्लीपर सेल तैयार करने में जुटे आतंकी फैजल अहमद और बेंगलुरु से मालदा निवासी हसन शेख को गिरफ्तार किया। फैजल सहारनपुर के एक मदरसे में रहकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। उसका संपर्क आतंकी संगठन अलकायदा से था। मदरसों को आतंक का गढ़ बनाने का आरंभ प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया यानी सिमी ने किया था।

वर्ष 2021 की घटनाएं

इंडियन मुजाहिदीन के कई मॉड्यूल को देता था ट्रेनिंग

दिनांक: 12 जुलाई 2021
स्थान: दरभंगा, बिहार

तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उर्फ डॉक्टर इंडियन मुजाहिदीन के कई मॉड्यूल को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बनाने और ऑपरेट करने की ट्रेनिंग देता था। तहसीन अख्तर ने साल 2010 से 2013 के बीच कई धमाकों को अंजाम दिया था जिनमें साल 2013 का हैदराबाद बम ब्लास्ट भी शामिल है जिसमें 17 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। बिहार के समस्तीपुर के रहने वाला तहसीन अख़्तर 2005 से 2013 तक इंडियन मुजाहिदीन के आईटी (IT) सेल का मुख्य सदस्य भी रह चुका है।

देश में स्लीपर सेल तैयार करना चाहता था आइएस

दिनांक 12 अगस्त, 2021
स्थान: कर्नाटक

‘वायस आफ हिंद’ के नाम से एक आनलाइन पत्रिका निकालने वाले आइएस के माड्यूल का एनआइए ने पर्दाफाश किया। इसी मामले में कर्नाटक के भटकल से जुफरी जौहर दामुदी और अमीन जुहैब को 6 अगस्त 2021 को गिरफ्तार किया गया। जुफरी जौहर दामुदी अपनी पहचान बदल अबु हाजिर अल बदरी के नाम से सक्रिय था। जुफरी आइएस की अरबी में भेजे गई प्रचार सामग्री का मलयालम में अनुवाद करता था और इसके जरिये युवाओं को आइएस के लिए तैयार करता था।

इंडियन मुजाहिदीन द्वारा नए स्लीपर सेल बनाने की खुफिया सूचना

दिनांक : 20 दिसंबर, 2021
स्थान : नई दिल्ली

2018 में दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सुभान तौकरी और बटला हाउस एनकाउंटर के बाद से फरार चल रहे आरिज उर्फ जुनैद को गिरफ्तार किया। दरभंगा रेलवे स्टेशन पर बम से हमला करने वाले आतंकवादियों में से एक नासिर 2012 में प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गया था।

वर्ष 2020 की घटना

50 से ज्यादा सीरियल बम धमाके करने वाला आरोपी जलीस गिरफ्तार

दिनांक: 18 जनवरी, 2020
स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश

सीरियल बम ब्लास्ट का आरोपी आतंकी डॉ. जलीस अंसारी मुंबई से लापता हुआ कानपुर से पकड़ा गया। जलीस 26 दिसंबर 2019 से पैरोल पर था। वह आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ था और आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग देता था, लोग उसे ‘डॉक्टर बम’ के नाम से बुलाते थे।

वर्ष 2019 की घटना

देश को दहलाने की कोशिश में था स्लीपर मौलाना कलीमुद्दीन

दिनांक: 22 सितंबर 2019
स्थान: झारखंड

झारखंड एटीएस ने आतंकी संगठन अलकायदा के  आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन (निवासी  आजादनगर झारखंड) को गिरफ्तार किया जो स्‍लीपर सेल की सहायता से देश को दहलाने वाले किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।

वर्ष 2018 की घटना

इंडियन मुजाहिदीन के स्लीपर सेल को पकड़ा

दिनांक- 23 जनवरी, 2018
स्थान – पटना ,बिहार

बिहार के पटना में 23 जनवरी 2018 को महाबोधि मंदिर के के पास बैगों में घातक विस्फोटक मिले जिन्हे इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के स्लीपर सेल ने रखे थे। आईएम के मोस्ट वांटेड अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।

वर्ष 2016 की घटनाएं

पाकिस्तानी हैंडलर से भारत में आतंकवादियों का मार्गदर्शन

दिनांक :  21 जनवरी, 2016
स्थान : भारत

खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान स्थित हैंडलर भारत में अपने गुर्गों को आदेश देते टेलीफोन पर हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया। रिकॉर्डिंग में हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी के प्रमुख जान मोहम्मद और उसके संपर्क, कश्मीर घाटी में दारुगमुल नामक स्थान पर बैठा इम्तियाज नामक आतंकवादी के बीच बातचीत थी। पाकिस्तान की आईएसआई भारत में मौजूद आतंकी स्लीपर सेल का इस्तेमाल कर रही थी। आईएसआई की कुख्यात ‘एस’ विंग ऐसे स्लीपर सेल के सदस्यों के संपर्क में रहती है।

पकड़ गया ‘आईएस के पहले भारतीय स्लीपर सेल’ का सरगना

दिनांक : 23 जनवरी, 2016
स्थान : महाराष्ट्र

महाराष्ट्र एटीएस ने स्लीपर सेल के मुख्य सरगना मुदब्बिर शेख को 22 जनवरी 2016 मुंब्रा से गिरफ्तार किया और साथ कुछ विस्फोटक सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए थे। मुदब्बिर को भारत में आईएस का पहला स्लीपर सेल भी बताया गया। एटीएस ने मझगांव के बिजनेसमैन खान मोहम्मद हुसैन को भी दक्षिण मुंबई से अरेस्ट किया। मुदब्बिर पर आईएस के लिए भारत में भर्तियां करने और उनकी योजना को अंजाम देने  के लिये आरोपी को  इन गतिविधियों के लिए 6 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देता था।

गिरफ्तार आतंकवादी इमरान, सिमी के लिए स्लीपर सेल का काम

दिनांक: 18 मई, 2016
स्थान: जोधपुर, राजस्थान

आतंकवादियों की बैठकें करवाने वाले सिमी एजंट इमरान को राजस्थान एटीएस ने भीलवाड़ा में अरेस्ट किया है। इमरान पर गुजरात बम धमाकों से पहले 2008 में आइएम आतंकी साजिद मंसूरी के लिए जोधपुर में एक मीटिंग कराने का आरोप है। दो युवकों के सिमी के लिए सक्रिय तौर पर स्लीपर सेल का काम करने की पुख्ता जानकारी के बाद एटीएस अब गंभीरता से इस नेटवर्क को तोड़ने में लग गई है।

वर्ष 2013 की घटनाएं

यासीन भटकल ने तैयार किया था खूंखार स्लीपर सेल

दिनांक: 29 अगस्त, 2013
स्थान: दिल्ली

12 राज्यों की आतंक निरोधी एजेंसियों की चार्जशीट के मुताबिक यासीन भटकल देश भर में जर्मन बेकरी सहित कम से कम 10 आतंकी हमलों में शामिल रहा है। तहसीन अख्तर वसीम अख्तर शेख , असदुल्ला अख्तर जावेद अख्तर  और वकास उर्फ अहमद के साथ मिलकर 13 जुलाई, 2011 को मुंबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बजार और दादर पश्चिम में हुए तीन सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम दिया था। भटकल हमेशा अपने ठिकाने बदला रहता था. साथ ही वह भेष बदल कर खुद को छुपाने में, बम बनाने तथा स्लीपर सेल तैयार करता था।

भारत के लिए बड़ी चुनौती स्लीपर सेल के आतंकी

स्लीपर सेल आतंकवाद का मुकाबला करना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। आतंकवादी संगठनों ने अपनी गतिविधियों को गुप्त रूप से संचालित करने के लिए उन्नत तकनीकों, गुप्त मैसेजिंग ऐप्स और डार्क वेब का इस्तेमाल किया है। इसके बावजूद, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादियों की योजनाओं को विफल करने में असाधारण सफलता पाई है।

हिज्ब-उत-तहरीर, गज़वा-ए-हिंद, अलकायदा, और आईएस जैसे संगठनों के स्लीपर सेल को निशाना बनाते हुए एनआईए और एटीएस ने आतंकवादियों को गिरफ्तार कर उनके नेटवर्क को तोड़ने का काम किया। इसके साथ ही, नागरिकों को जागरूक करने और समुदायों को इन खतरों से बचाने के लिए सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।

भारत में स्लीपर सेल आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और निरंतर प्रयासरत हैं कि आतंकवादी संगठनों के नापाक मंसूबे सफल न हो सकें। यह लेख इस बात की पुष्टि करता है कि स्लीपर सेल आतंकवाद के खतरे को समझना और इसे समाप्त करना आज की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है।

“राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।”

 

 

 

 

 

SHIVAM DIXIT

शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।

उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।

वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।

शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।

उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया।

शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

  • SHIVAM DIXIT
    https://panchjanya.com/author/shivam-dixit/
    Jul 16, 2025, 07:48 pm IST
    छांगुर का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब : विदेशों में भी 5 बैंक अकाउंट का खुलासा, शारजाह से दुबई तक, हर जगह फैले एजेंट
  • SHIVAM DIXIT
    https://panchjanya.com/author/shivam-dixit/
    Jul 16, 2025, 05:01 pm IST
    …तो मैं आत्महत्या कर लूंगी : सामने आया ओडिशा पीड़िता का पत्र, लिखा- वो बार-बार मुझे धमकी दे रहे हैं
  • SHIVAM DIXIT
    https://panchjanya.com/author/shivam-dixit/
    Jul 16, 2025, 03:01 pm IST
    ‘मेरी बहन को छांगुर गिरोह ने लापता किया’ : गाजियाबाद में सिद्दीकी पर बड़ा आरोप, कई हिंदू लड़कियाँ लापता!
  • SHIVAM DIXIT
    https://panchjanya.com/author/shivam-dixit/
    Jul 15, 2025, 04:21 pm IST
    अंतरिक्ष से लौटा मां भारती का लाल : अब आइसोलेशन में रहेंगे शुभांशु शुक्ला, जानिए स्पेस री-एंट्री का पूरा प्रोसेस
Topics: Sleeper cell worksSleeper cell in Terrorist Organizationस्लीपर सेल भारत मेंहिज्ब-उत-तहरीर गतिविधियांगज़वा-ए-हिंद आतंकवादभारत में स्लीपर सेलएनआईए आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनस्‍लीपर सेलआईएस स्लीपर सेल योजनाएंस्‍लीपर सेल में भर्तीस्लीपर सेल और डार्क वेबस्‍लीपर सेल क्‍या होता हैSleeper Cells in Indiaस्‍लीपर सेल करते क्‍या हैंIS Sleeper Cell PlansSleeper CellSleeper Cells and Dark Web
Share109TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Mauala Chhangur ISI

Maulana Chhangur: हिंदू महिलाओं का निकाह ISI एजेंट्स से करवाकर स्लीपर सेल बनाने की साजिश

प्रतीकात्मक चित्र

हैदराबाद में बम धमाके की थी ISIS की साजिश, स्लीपर सेल किया एक्टिव, सिराज और समीर गिरफ्तार

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

26/11 के गुनहगार तहव्वुर राणा से NIA की पूछताछ शुरू : पाकिस्तान कनेक्शन और भारत में स्लीपर सेल पर बड़ा खुलासा संभव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

स्थापना दिवस : भारतीय मजदूर संघ, राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक प्रमुख संगठन

उत्तराखंड : युवाओं के लिए नई कौशल विकास रणनीति, सीएम धामी ने दिए प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश

क्रूर था मुगल आक्रांता बाबर

“बाबर का खूनी इतिहास: मंदिरों का विध्वंस, हिंदुओं का नरसंहार, और गाजी का तमगा!”

उत्तराखंड में पर्वतारोहण और स्नो लेपर्ड टूरिज्म की पहल

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: किसानों के लिए खुशखबरी, 18 जुलाई को आएगी 20वीं किस्त

उत्तराखंड : हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू, अतिक्रमणकारियों को भेजे जाएंगे नोटिस

अवाक्स सिस्टम

DRDO विकसित करेगा अगली पीढ़ी का स्वदेशी अवाक्स, बढ़ेगी वायुसेना की ताकत, केंद्र ने दी 20 हजार करोड़ की मंजूरी

Monsoon Travel Tips

मानसून ट्रिप कर रहे हैं प्लान? इन 5 जरूरी बातों का रखें ध्यान, ताकि हर पल बने यादगार

कांवड़ यात्रा को अंधविश्वास बताना सनातन परंपरा का अपमान: स्वतंत्र देव सिंह

CM Dhami

मदरसों में छात्रवृत्ति को लेकर फिर हुई गड़बड़ी, सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies