भारत में स्लीपर सेल आतंकवाद एक ऐसा खतरा बन चुका है, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर संकट में डाल दिया है। भारत सरकार ने 10 अक्टूबर, 2024 को देश के चार राज्यों तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्लीपर सेल बनाकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादी संगठन ‘हिज्ब-उत-तहरीर’ पर बैन लगा दिया। वर्ष 2013 से 2024 तक, स्लीपर सेल के माध्यम से आतंकवादी संगठनों ने कई हमलों को अंजाम दिया और देश के विभिन्न हिस्सों में अशांति फैलाने की कोशिश की। इन स्लीपर सेल की विशेषता यह है कि वे गुप्त रूप से काम करते हुए समाज के आम लोगों के बीच छुपे रहते हैं, और इनके संपर्क सीधे आतंकी संगठनों से जुड़े होते हैं।
आतंकवाद के इस खतरनाक स्वरूप को उजागर करने के लिए भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने कई बड़े ऑपरेशन किए। हिज्ब-उत-तहरीर, गज़वा-ए-हिंद, अलकायदा, और आईएस जैसे संगठन भारत के अलग-अलग राज्यों में स्लीपर सेल के जरिए अपनी नापाक साजिशों को अंजाम दे रहे थे। एनआईए, एटीएस और भारतीय खुफिया एजेंसियों की सक्रियता से कई आतंकी मॉड्यूल ध्वस्त हुए और आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया।
यह रिपोर्ट वर्ष 2013 से 2024 तक भारत में आतंकी स्लीपर सेल बनाकर देश विरोधी-आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे 27 प्रमुख घटनाओं पर आधारित है। इसमें उन प्रमुख घटनाओं का विस्तार से विश्लेषण है, जो स्लीपर सेल के माध्यम से देश की अखंडता और सुरक्षा को चुनौती देने वाले आतंकवादियों की साजिशों को उजागर करती हैं। यह न केवल इन संगठनों के मंसूबों की जानकारी देती है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए गए कड़े कदमों पर भी प्रकाश डालती है।
वर्ष 2024 घटनाएं
4 राज्यों में स्लीपर सेल… सीक्रेट ऐप पर मीटिंग, भारत के लिए खतरा बन रहा हिज्ब उत तहरीर!
दिनांक – 11 नवंबर, 2024
स्थान – दिल्ली
एनआईए द्वारा आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को लेकर यह खुलासा हुआ कि वह भारत के मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, और आंध्र प्रदेश में तेजी से स्लीपर सेल स्थापित कर रहा है। एनआईए ने अक्टूबर 2024 में तमिलनाडु और पुडुचेरी में एचयूटी के राज्य अमीर फैजुल रहमान को गिरफ्तार किया गया था, जो हिंसक गतिविधियों से शरिया आधारित इस्लामी राष्ट्र स्थापित करने की योजना बना रहा था।
ग़ज़वा-ए-हिंद आतंकी बनाते थे स्लीपर सेल
दिनांक: 19 अक्टूबर 2024
स्थान: जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुंछ जिले में आतंकवादी संगठन जम्मू-कश्मीर ग़ज़वा-ए-हिंद (जेकेजीएफ) से जुड़े दो आतंकवादियों अब्दुल अजीज और मनावर हुसैन को गिरफ्तार किया। अब्दुल अजीज और मुनव्वर हुसैन ने पिस्टल चलाने और फायरिंग के प्रशिक्षण के लिए जंगलों में भी प्रशिक्षण लिया था। अब्दुल अजीज ने शिव मंदिर सुरनकोट, गुरु द्वारा महंत साहिब पुंछ, आर्मी सेंट्री पोस्ट कंसार पुंछ, सीआरपीएफ सेंट्री पोस्ट के पास स्कूल ग्राउंड और मुनव्वर हुसैन ने जिला अस्पताल के क्वार्टर पर ग्रेनेड फेंका।
पाकिस्तानी आतंकी गोरी के तैनात स्लीपर सेल्स
दिनांक – 28 अगस्त, 2024
स्थान – भारत
वांटेड आतंकी फरहतुल्लाह गोरी ने टेलीग्राम पर एक वीडियो जारी कर दिल्ली-मुंबई समेत दूसरे शहरों में स्लीपर सेल्स के जरिए ट्रेन पटरियों को निशाना बनाने और सप्लाई चेन डिस्टर्ब करने की धमकी दी। 1 मार्च 2024 को रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में गोरी संदिगध है। एनआईए ने इस मामले में IED रखने वाले शाजिब और प्लानर ताहा को गिरफ्तार किया। गोरी 2002 में अक्षरधाम मंदिर और 2005 में हैदराबाद टास्क फोर्स ऑफिस पर हमलों का मास्टरमाइंड है।
स्लीपर सेल से जुड़ने से पहले अल्ताफ चलाता था ऑटो
दिनांक: 24 अगस्त, 2024
स्थान: लोहरदगा, झारखण्ड
एटीएस ने अल्ताफ अंसारी के घर पर छापा मारा था, जो अलकायदा इंडियन सबकान्टिनेंट (AQIS) के स्लीपर सेल से जुड़ा हुआ था।अल्ताफ कौवाखाप गांव में संचालित सामाजिक संगठन अंजुमन इस्लामिया का खजांची है। स्लपीर सेल से जुड़े डॉ. इश्तियाक को भी पुलिस ने हिरासत में लिया, जो रिम्स से एमबीबीएस करने के बाद वहीं से रेडियोलॉजी में काम करता था।
50 स्लीपर सेल तैयार करने की आईएस की साजिश में शामिल
दिनांक : 14 जुलाई, 2024
स्थान : नई दिल्ली
एनआईए ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के बेल्लारी मॉड्यूल में शामिल सात आतंकियों के खिलाफ 13 जून , 2024 को आरोपपत्र दाखिल किया। आतंकी 2025 तक भारत के प्रत्येक जिले में 50 स्लीपर सेल तैयार करने की आईएस की साजिश में शामिल थे। पकड़े गए आतंकियों पर स्लीपर सेल के तौर पर काम करने के लिए युवाओं को ‘मुजाहिदीन’ के रूप में भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहे थे। आतंकियों की पहचान मोहम्मद सुलेमान, मोहम्मद मुनीरुद्दीन, सैयद समीर और मोहम्मद मुजम्मिल, अनस इकबाल शेख, मोहम्मद शाहबाज और दिल्ली के शायन रहमान उर्फ हुसैन के रूप में हुई।
एटीएस ने स्लीपर सेल मोहम्मद मेराजुद्दीन को जयपुर में पकड़ा
दिनांक – 23 फ़रवरी, 2024
स्थान – जयपुर, राजस्थान
राजस्थान के जयपुर में एटीएस ने स्लीपर सेल मोहम्मद मेराजुद्दीन पकड़ा। जयपुर एटीएस की टीम को 10 सालों से इसकी तलाश थी। साल 2014 में स्लीपर सेल द्वारा भारत के विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनायी थी, लेकिन इससे पहले ही इनके साथी सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में आ गए थे।
वर्ष 2023 की घटनाएं
स्लीपर सेल वांटेड अबू उस्मान घोषित हुआ डेजिग्नेटेड टेररिस्ट
दिनांक : 05 जनवरी 2023
स्थान : जम्मू-कश्मीर
कश्मीर निवासी ISIS के आतंकी एजाज अहंगर उर्फ अबू उस्मान अल कश्मीरी को यूएपीए के तहत नामित आतंकवादी घोषित किया गया। अबू उस्मान जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक स्टेट का सबसे बड़ा रिक्रूटर था। भारत में इस्लामिक स्टेट भर्ती सैल का प्रमुख एजाज अहमद अहंगर का अल-कायदा और अन्य वैश्विक आतंकी संगठनों से निकट संबंध रखता था और वह भारत में इस्लामिक स्टेट चैनलों को फिर से शुरू करने में लगा हुआ था।
स्लीपर सेल के तौर पर युवकों को गजवा-ए-हिंद का तालीम
दिनांक: 3 जुलाई 2023
स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
रिजवान खान निवासी कश्मीर और सद्दाम शेख निवासी गोंडा, लखनऊ में आतंकी बनाने की पाठशाला तथा स्लीपर सेल के तौर पर युवकों को धर्म और गजवा-ए-हिंद के नाम पर कट्टरपंथ की तालीम दे रहे थे। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने दोनो आतंकियों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया। सद्दाम ने एटीएस को पूछताछ में बताया कि वह ओसामा बिन लादेन, जाकिर मूसा, रियाज नायकू, नावेद जट जैसे आतंकियों की वीडियो को इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा रहा था।
महाराष्ट्र में सक्रिय थे ISIS के स्लीपर सेल, 4 आतंकी गिरफ्तार
दिनांक : 03 जुलाई, 2023
स्थान : महाराष्ट्र
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने महाराष्ट्र के 5 जगहों पर छापेमारी में 4 आतंकियों ज़ुबैर नूर, ज़ुल्फ़िकार अली, शरजील शेख और मोहम्मद शेख को गिरफ्तार किया। 28 जून 2023 को एनआईए ने ISIS के महाराष्ट्र मॉड्यूल को लेकर केस दर्ज किया था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से एनआईए ने आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए।
लोहरदगा में स्लीपर सेल बना रहा था आतंकी फैजान
दिनांक – 20 जुलाई, 2023
स्थान – लोहरदगा (झारखंड)
एनआईए ने लोहरदगा की मिल्लत कॉलोनी से आतंकी संगठनों के लिए स्लीपर सेल चला रहे आईएसआईएस आतंकी फैजान अंसारी को गिरफ्तार किया। फैजान, जो अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का छात्र था, डार्क नेट के जरिए आईएसआईएस के संपर्क में आया था। वह न केवल स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहा था, बल्कि अन्य स्लीपर सेल तैयार करने की योजना पर भी काम कर रहा था।
भारत में स्लीपर सेल तैयार कर दंगे भड़काने का काम
दिनांक: 18 अगस्त, 2023
स्थान: उत्तर प्रदेश
कलीम अहमद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा था। कलीम ने आईएसआई हैंडलर्स को संवेदनशील जानकारी, जैसे राफेल विमान और सेना की तस्वीरें भेजी। कलीम पर आईपीसी की धारा 420 , 121-ए, 153-ए, 295-ए की धाराओं के तहत कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया।
IS आतंकी की गिरफ्तारी के बाद 2 और अरेस्ट
दिनांक : 02 अक्टूबर, 2023
स्थान : दिल्ली
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का मोस्ट वांटेड आतंकी शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा को गिरफ्तार किया था। शाहनवाज पर एनआईए ने तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था और भारत में जिहादी स्लीपर सेल के लिए काम करता था। दिल्ली की स्पेशल सेल ने शाहनवाज से पूछताछ के बाद यह खुलासा किया कि शैफी के ही स्लीपर सेल में सक्रिय रिजवान अब्दुल उर्फ हाजी अली, अब्दुल्ला फैयाज शेख उर्फ डायपरवाला और तलहा लियाकत खान की पहचान हुई है।
वर्ष 2022 की घटनाएं
भारत में 4 आतंकी स्लीपर सेल एक्टिव
दिनांक: 2 अप्रैल, 2022
स्थान: उत्तर प्रदेश
रामनवमी के अवसर पर मुस्लिम दंगाइयो ने 2 अप्रैल 2022 को करौली और 3 अप्रैल 2022 को गोरखपुर में सिलसिलेवार तरीके से हिंदुओं पर हमला किया। सुरक्षा एजेंसियों ने जांच-पड़ताल में बताया कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर हुए हिंसा में आतंकी स्लपीर सेल का हाथ है, जिन्होंने सुनियोजित तरीके से हमले को अंजाम दिया।
‘स्लीपर सेल’ फिर से एक्टिव, खुफिया एजेंसियों के लिए बना सिरदर्द
दिनांक -19 अप्रैल, 2022
स्थान – भारत
भारत में आतंकवादी संगठनों जैसे अंसार अल इस्लाम और अंसारुल्ला बांग्ला टीम (ABT) के स्लीपर सेल सक्रिय थे, जो असम और अन्य राज्यों में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश किए। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और तमिलनाडु तौहीद जमात (TNTJ) की भूमिका को लेकर जांच चल रही है। TNTJ के सदस्यों की गिरफ्तारी ने PFI से उनके संभावित संबंधों की ओर इशारा किया।
मरगूब ने गजवा-ए- हिंद के नाम पर बनाया स्लीपर सेल
दिनांक : 15 जुलाई, 2022
स्थान : पटना, बिहार
बिहार पुलिस ने बिहार आतंकी मॉड्यूल मामले में पटना में एक और आरोपित मारगुव अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया। मरगूब ने गजवा-ए- हिंद नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा था, देश के खिलाफ नफरत पैदा की जाती थी। उसने अपनी स्लीपर सेल में भी कई युवाओं की भर्ती कर रखी थी।
राजस्थान के दस जिलों में सक्रिय आतंकी स्लीपर सेल
दिनांक : 02 अगस्त, 2022
स्थान : उदयपुर, राजस्थान
उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल (28 जून 2022) की गला रेतकर की गई हत्या के मामले में जांच के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राजस्थान पुलिस का एंटी टेररिस्ट स्क्ववाड (एटीएस) ने राज्य के टोंक, करौली, अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा, बाड़मेर, जैसलमेर, उदयपुर, झुंझुनूं और जोधपुर जिलों में सक्रिय स्लीपर सेल का खुलासा किया था। एजेंसी को जांच में पता चला था कि कन्हैयालाल हत्याकांड के दोनों मुख्य अभियुक्त मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद पिछले चार साल से आतंकी नेटवर्क से जुड़े हुए थे। दोनों ने पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया था।
पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल बना रहा था आतंकी फैजल अहमद
दिनांक : 22 सितंबर, 2022
स्थान: पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल एसटीएफ द्वारा बंगाल से उत्तराखंड तक स्लीपर सेल तैयार करने में जुटे आतंकी फैजल अहमद और बेंगलुरु से मालदा निवासी हसन शेख को गिरफ्तार किया। फैजल सहारनपुर के एक मदरसे में रहकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। उसका संपर्क आतंकी संगठन अलकायदा से था। मदरसों को आतंक का गढ़ बनाने का आरंभ प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया यानी सिमी ने किया था।
वर्ष 2021 की घटनाएं
इंडियन मुजाहिदीन के कई मॉड्यूल को देता था ट्रेनिंग
दिनांक: 12 जुलाई 2021
स्थान: दरभंगा, बिहार
तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उर्फ डॉक्टर इंडियन मुजाहिदीन के कई मॉड्यूल को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बनाने और ऑपरेट करने की ट्रेनिंग देता था। तहसीन अख्तर ने साल 2010 से 2013 के बीच कई धमाकों को अंजाम दिया था जिनमें साल 2013 का हैदराबाद बम ब्लास्ट भी शामिल है जिसमें 17 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। बिहार के समस्तीपुर के रहने वाला तहसीन अख़्तर 2005 से 2013 तक इंडियन मुजाहिदीन के आईटी (IT) सेल का मुख्य सदस्य भी रह चुका है।
देश में स्लीपर सेल तैयार करना चाहता था आइएस
दिनांक 12 अगस्त, 2021
स्थान: कर्नाटक
‘वायस आफ हिंद’ के नाम से एक आनलाइन पत्रिका निकालने वाले आइएस के माड्यूल का एनआइए ने पर्दाफाश किया। इसी मामले में कर्नाटक के भटकल से जुफरी जौहर दामुदी और अमीन जुहैब को 6 अगस्त 2021 को गिरफ्तार किया गया। जुफरी जौहर दामुदी अपनी पहचान बदल अबु हाजिर अल बदरी के नाम से सक्रिय था। जुफरी आइएस की अरबी में भेजे गई प्रचार सामग्री का मलयालम में अनुवाद करता था और इसके जरिये युवाओं को आइएस के लिए तैयार करता था।
इंडियन मुजाहिदीन द्वारा नए स्लीपर सेल बनाने की खुफिया सूचना
दिनांक : 20 दिसंबर, 2021
स्थान : नई दिल्ली
2018 में दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सुभान तौकरी और बटला हाउस एनकाउंटर के बाद से फरार चल रहे आरिज उर्फ जुनैद को गिरफ्तार किया। दरभंगा रेलवे स्टेशन पर बम से हमला करने वाले आतंकवादियों में से एक नासिर 2012 में प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गया था।
वर्ष 2020 की घटना
50 से ज्यादा सीरियल बम धमाके करने वाला आरोपी जलीस गिरफ्तार
दिनांक: 18 जनवरी, 2020
स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
सीरियल बम ब्लास्ट का आरोपी आतंकी डॉ. जलीस अंसारी मुंबई से लापता हुआ कानपुर से पकड़ा गया। जलीस 26 दिसंबर 2019 से पैरोल पर था। वह आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ था और आतंकियों को बम बनाने की ट्रेनिंग देता था, लोग उसे ‘डॉक्टर बम’ के नाम से बुलाते थे।
वर्ष 2019 की घटना
देश को दहलाने की कोशिश में था स्लीपर मौलाना कलीमुद्दीन
दिनांक: 22 सितंबर 2019
स्थान: झारखंड
झारखंड एटीएस ने आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन (निवासी आजादनगर झारखंड) को गिरफ्तार किया जो स्लीपर सेल की सहायता से देश को दहलाने वाले किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।
वर्ष 2018 की घटना
इंडियन मुजाहिदीन के स्लीपर सेल को पकड़ा
दिनांक- 23 जनवरी, 2018
स्थान – पटना ,बिहार
बिहार के पटना में 23 जनवरी 2018 को महाबोधि मंदिर के के पास बैगों में घातक विस्फोटक मिले जिन्हे इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के स्लीपर सेल ने रखे थे। आईएम के मोस्ट वांटेड अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
वर्ष 2016 की घटनाएं
पाकिस्तानी हैंडलर से भारत में आतंकवादियों का मार्गदर्शन
दिनांक : 21 जनवरी, 2016
स्थान : भारत
खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान स्थित हैंडलर भारत में अपने गुर्गों को आदेश देते टेलीफोन पर हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया। रिकॉर्डिंग में हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी के प्रमुख जान मोहम्मद और उसके संपर्क, कश्मीर घाटी में दारुगमुल नामक स्थान पर बैठा इम्तियाज नामक आतंकवादी के बीच बातचीत थी। पाकिस्तान की आईएसआई भारत में मौजूद आतंकी स्लीपर सेल का इस्तेमाल कर रही थी। आईएसआई की कुख्यात ‘एस’ विंग ऐसे स्लीपर सेल के सदस्यों के संपर्क में रहती है।
पकड़ गया ‘आईएस के पहले भारतीय स्लीपर सेल’ का सरगना
दिनांक : 23 जनवरी, 2016
स्थान : महाराष्ट्र
महाराष्ट्र एटीएस ने स्लीपर सेल के मुख्य सरगना मुदब्बिर शेख को 22 जनवरी 2016 मुंब्रा से गिरफ्तार किया और साथ कुछ विस्फोटक सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए थे। मुदब्बिर को भारत में आईएस का पहला स्लीपर सेल भी बताया गया। एटीएस ने मझगांव के बिजनेसमैन खान मोहम्मद हुसैन को भी दक्षिण मुंबई से अरेस्ट किया। मुदब्बिर पर आईएस के लिए भारत में भर्तियां करने और उनकी योजना को अंजाम देने के लिये आरोपी को इन गतिविधियों के लिए 6 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देता था।
गिरफ्तार आतंकवादी इमरान, सिमी के लिए स्लीपर सेल का काम
दिनांक: 18 मई, 2016
स्थान: जोधपुर, राजस्थान
आतंकवादियों की बैठकें करवाने वाले सिमी एजंट इमरान को राजस्थान एटीएस ने भीलवाड़ा में अरेस्ट किया है। इमरान पर गुजरात बम धमाकों से पहले 2008 में आइएम आतंकी साजिद मंसूरी के लिए जोधपुर में एक मीटिंग कराने का आरोप है। दो युवकों के सिमी के लिए सक्रिय तौर पर स्लीपर सेल का काम करने की पुख्ता जानकारी के बाद एटीएस अब गंभीरता से इस नेटवर्क को तोड़ने में लग गई है।
वर्ष 2013 की घटनाएं
यासीन भटकल ने तैयार किया था खूंखार स्लीपर सेल
दिनांक: 29 अगस्त, 2013
स्थान: दिल्ली
12 राज्यों की आतंक निरोधी एजेंसियों की चार्जशीट के मुताबिक यासीन भटकल देश भर में जर्मन बेकरी सहित कम से कम 10 आतंकी हमलों में शामिल रहा है। तहसीन अख्तर वसीम अख्तर शेख , असदुल्ला अख्तर जावेद अख्तर और वकास उर्फ अहमद के साथ मिलकर 13 जुलाई, 2011 को मुंबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बजार और दादर पश्चिम में हुए तीन सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम दिया था। भटकल हमेशा अपने ठिकाने बदला रहता था. साथ ही वह भेष बदल कर खुद को छुपाने में, बम बनाने तथा स्लीपर सेल तैयार करता था।
भारत के लिए बड़ी चुनौती स्लीपर सेल के आतंकी
स्लीपर सेल आतंकवाद का मुकाबला करना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। आतंकवादी संगठनों ने अपनी गतिविधियों को गुप्त रूप से संचालित करने के लिए उन्नत तकनीकों, गुप्त मैसेजिंग ऐप्स और डार्क वेब का इस्तेमाल किया है। इसके बावजूद, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादियों की योजनाओं को विफल करने में असाधारण सफलता पाई है।
हिज्ब-उत-तहरीर, गज़वा-ए-हिंद, अलकायदा, और आईएस जैसे संगठनों के स्लीपर सेल को निशाना बनाते हुए एनआईए और एटीएस ने आतंकवादियों को गिरफ्तार कर उनके नेटवर्क को तोड़ने का काम किया। इसके साथ ही, नागरिकों को जागरूक करने और समुदायों को इन खतरों से बचाने के लिए सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
भारत में स्लीपर सेल आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और निरंतर प्रयासरत हैं कि आतंकवादी संगठनों के नापाक मंसूबे सफल न हो सकें। यह लेख इस बात की पुष्टि करता है कि स्लीपर सेल आतंकवाद के खतरे को समझना और इसे समाप्त करना आज की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है।
“राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।”
Shivam Dixit started his career in journalism from 2015. He first worked as Special Correspondent in Mansukh Times (Weekly Newspaper) and later came to Delhi and worked as Digital Editor in Sanchar Times Media Group.
After this he joined the News Network of India (NNI) and held the post of Reporter Coordinator in India's paper here. After successfully launching India's Paper Project, Shivam Dixit started his new innings as Social Media In-charge at News1India, Dainik Hint and Niwan Times.
After working in various media organizations for many years, Shivam Dixit is currently working in the national weekly 'Panchjanya' continuously since 1948.
Talking about his achievements, he managed 500 websites of various newspapers of "India's Papers" as manager in NNI. Talking about the output of this project, this project was registered in Limca Book of Records.
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