मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देकर एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया। यह निर्णय अमेरिका द्वारा यूक्रेन को लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की आपूर्ति और उनके उपयोग की मंजूरी के बाद लिया गया है।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने इस बात की पुष्टि की कि राष्ट्रपति पुतिन ने इस फैसले पर हस्ताक्षर किए हैं। डिक्री में स्पष्ट किया गया है कि परमाणु हथियारों का उपयोग केवल देश की संप्रभुता की रक्षा और अत्यंत आपातकालीन स्थिति में किया जाएगा।
पुतिन की डिक्री में क्या कहा गया?
राष्ट्रपति पुतिन द्वारा जारी डिक्री के मुख्य बिंदु:
- परमाणु हथियारों का उपयोग : रूस अपनी संप्रभुता की रक्षा और सैन्य खतरों को रोकने के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा।
- गैर-परमाणु देशों का आक्रमण : यदि कोई गैर-परमाणु देश, परमाणु शक्ति से समर्थित होकर रूस पर हमला करता है, तो इसे संयुक्त हमला माना जाएगा।
- बेलारूस की रक्षा : बेलारूस पर किसी भी प्रकार के हमले को रूस पर हमला समझा जाएगा, और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा।
अमेरिका और यूक्रेन की ओर से उकसाने वाला कदम
अमेरिका द्वारा यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें प्रदान करने की मंजूरी ने तनाव को और बढ़ा दिया। यूक्रेन ने दावा किया है कि वह इन मिसाइलों का उपयोग रूस के अंदर सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए कर सकता है।यूक्रेन की सरकारी समाचार एजेंसी आरबीसी के अनुसार, अमेरिकी मिसाइलों से यूक्रेन ने ब्रांस्क क्षेत्र के कराचेव शहर के पास एक रूसी सैन्य सुविधा पर हमला किया। इस हमले के बाद रूस ने यह कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया।
वैश्विक प्रभाव और चिंता
राष्ट्रपति पुतिन के इस फैसले से वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई है। परमाणु हथियारों के उपयोग की मंजूरी ने न केवल रूस-यूक्रेन युद्ध को एक खतरनाक मोड़ पर पहुंचा दिया है, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- यह फैसला क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाने के साथ ही परमाणु हथियारों की होड़ को भी तेज कर सकता है।
- वैश्विक मंच पर रूस के खिलाफ अमेरिका और नाटो देशों की नीतियों में और कड़ाई आ सकती है।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे पर आपात बैठक की संभावना है।
“परमाणु हथियार अंतिम उपाय” : पुतिन
राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी डिक्री में कहा कि:
- “रूस की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा हमारी प्राथमिकता है।”
- “परमाणु हथियारों का उपयोग केवल असाधारण परिस्थितियों में किया जाएगा।”
- “हम किसी भी प्रकार के सैन्य खतरों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
क्या है रूस-यूक्रेन युद्ध का भविष्य.?
- अमेरिका-रूस संबंधों में तनाव : अमेरिका और रूस के बीच कूटनीतिक संबंध और अधिक खराब हो सकते हैं।
- यूक्रेन की रणनीति : यूक्रेन ने दावा किया है कि वह रूस पर और हमले करेगा, जिससे युद्ध का दायरा बढ़ सकता है।
- नाटो की भूमिका : नाटो देशों की सामूहिक प्रतिक्रिया रूस पर और दबाव डाल सकती है।
क्या है विशेषज्ञों की राय
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डॉ. अलेक्सी ग्रोमोव (रूसी रक्षा विशेषज्ञ) : “यह निर्णय रूस की सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है, लेकिन यह वैश्विक स्तर पर अस्थिरता पैदा कर सकता है।”
- सैमुअल वॉकर (अमेरिकी रक्षा विश्लेषक): “पुतिन का कदम बेहद खतरनाक है और यह परमाणु हथियारों के उपयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
रूस के इस फैसले ने वैश्विक मंच पर नई चिंताएं खड़ी कर दी हैं। अमेरिका और यूक्रेन के हालिया कदमों ने रूस को इस स्तर तक उकसाया है। अब सभी की नजरें संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर टिकी हैं कि वे इस स्थिति को कैसे संभालेंगे। यह कदम न केवल रूस-यूक्रेन युद्ध को और खतरनाक बना सकता है, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
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