पश्चिम बंगाल में इस्लामिक कट्टरपंथ का एक और नजारा देखने को मिला है। जहां मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में कार्तिक पूजा मना रहे हिन्दुओं ने बोर्ड लगाया था, जिसको लेकर कुछ कट्टरपंथी मुस्लिमों विवाद शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में हुई झड़प में करीब 50 लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं। इस मामले में अब पुलिस 15 लोगों को हिरासत में ले लिया है।
हालात को देखते हुए इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, साथ ही इलाके में इंटरनेट को भी अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हिन्दुओं ने कार्तिक पूजा पंडाल बनाया था। उसके गेट पर डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया था, जिसमें लिखे गए संदेश से एक समूह (मुस्लिमों) की भावनाएं आहत हुई। दोनों पक्षों के बीच झड़प में पुलिस लोगों को मामूली चोटें आने का दावा कर रही है।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि शनिवार को बेलडांगा में कार्तिक पूजा मनाने के लिए हिन्दुओं की ओर से पंडाल लगाए गए थे। इसमें डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए थे, जिसमें लिखे शब्दों पर कुछ मुस्लिमों ने आपत्ति जताई। इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच लड़ाई शुरू हो गई। इस दौरान पत्थरबाजी गई। कट्टरपंथियों ने 30 से अधिक घरों में तोड़-फोड़ की, वहां पर आग लगा दी। इस हिंसा से बेलडांगा का वार्ड नंबर 10 बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इस दौरान आपराधिक तत्वों ने देसी बमों का भी इस्तेमाल किया।
इस मौके पर पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। जिले में रैपिड एक्शन फोर्स को डिप्लॉय किया गया है। बहरहाल हिंसा थम गई है, लेकिन, बेलडांगा, काजीसाहा और बेगुरबन इलाके में धारा 163 लागू की गई है।
राज्य सरकार पर निष्क्रियता का आरोप
इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया के जरिए ममता सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश में बदलने की साजिश है? हालांकि, टीएमसी भाजपा पर ही राजनीति करने का आरोप लगाते हुए माहौल को एकदम नॉर्मल बता रही है। लेकिन, सवाल ये उठता है कि अगर ये माहौल नॉर्मल है तो जब भाजपा नेता दिलीप घोष ने प्रभावित इलाके में जाने की कोशिशें की तो उन्हें क्यों रोक गया?
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