नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झूठ का कथानक थोड़े समय के लिए ही प्रभावी होता है और आखिरकार तथ्य सबके सामने आ ही जाते हैं। पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस फिल्म को लेकर एक यूजर आलोक भट्ट की एक पोस्ट को कोट कर जवाब देते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि फिल्म ने सत्य को उजागर किया है और इसे जनता की भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “बहुत बढ़िया कहा आपने। यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है, और वह भी इस तरह से कि आम लोग इसे देख सकें। एक झूठी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, तथ्य हमेशा सामने आते हैं!”
Well said. It is good that this truth is coming out, and that too in a way common people can see it.
A fake narrative can persist only for a limited period of time. Eventually, the facts will always come out! https://t.co/8XXo5hQe2y
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2024
क्या है फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ में
फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ गोधरा कांड की घटनाओं पर आधारित है, जब 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच S-6 को इस्लामिक उन्मादियों ने आग के हवाले कर दिया गया था। इस हादसे में 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। फिल्म ने न केवल इस त्रासदी की सच्चाई को सामने लाने का प्रयास किया है, बल्कि उन झूठे नैरेटिव पर भी प्रहार किया है जो उस समय के राजनीतिक स्वार्थों से प्रेरित थे।
सोशल मीडिया पर फिल्म को सराहना
सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। आलोक भट्ट नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उन निर्दोष पुरुषों, महिलाओं, और बच्चों के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्हें उस दिन बेरहमी से जला दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म ने यह दिखाया है कि कैसे गोधरा कांड को एक निहित स्वार्थी समूह ने अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल किया।
आलोक भट्ट ने लिखा, “यह फिल्म आत्मनिरीक्षण करने का अवसर देती है कि कैसे साबरमती एक्सप्रेस के निर्दोष यात्रियों की मौत को राजनीतिक हथियार बनाया गया।”
पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि झूठ को कितना भी बड़ा बना दिया जाए, वह सदा के लिए टिक नहीं सकता। पीएम मोदी के अनुसार फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ ने गोधरा कांड की सच्चाई को आम जनता के सामने रखने का सराहनीय प्रयास किया है।
क्या है गोधरा कांड
27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों को ले जा रही साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच को उन्मादियों की भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था। इस हमले में 59 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे। इस घटना के बाद गुजरात समेत पूरे देश में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क उठी।
फिल्म के माध्यम से झूठे आख्यानों का पर्दाफाश
फिल्म ने उस समय फैलाए गए झूठे आख्यानों पर भी प्रकाश डाला है। कई समूहों और मीडिया द्वारा इस घटना को राजनैतिक लाभ के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। फिल्म ने उन स्वार्थी प्रयासों को उजागर किया है जो उस समय के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने के उद्देश्य से किए गए थे।
‘साबरमती रिपोर्ट’ को लेकर बढ़ती चर्चा
फिल्म के जरिए यह दिखाया गया है कि कैसे सत्य को झूठ के परदे के पीछे छिपाने की कोशिश की गई, लेकिन आखिरकार सत्य की जीत हुई। सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है और इसे ऐतिहासिक घटनाओं की सच्चाई को सामने लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
Shivam Dixit started his career in journalism from 2015. He first worked as Special Correspondent in Mansukh Times (Weekly Newspaper) and later came to Delhi and worked as Digital Editor in Sanchar Times Media Group.
After this he joined the News Network of India (NNI) and held the post of Reporter Coordinator in India's paper here. After successfully launching India's Paper Project, Shivam Dixit started his new innings as Social Media In-charge at News1India, Dainik Hint and Niwan Times.
After working in various media organizations for many years, Shivam Dixit is currently working in the national weekly 'Panchjanya' continuously since 1948.
Talking about his achievements, he managed 500 websites of various newspapers of "India's Papers" as manager in NNI. Talking about the output of this project, this project was registered in Limca Book of Records.
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