महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) से कोसों आगे दिख रहा है। महायुति की सफलता का मुख्य कारण गठबंधन में सीटों का आपसी तालमेल है। महायुति में सीटों का बंटवारा अन्य गठबंधनों के लिए एक उदाहरण बन चुका है। चूंकि भाजपा राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, इसलिए स्वाभाविक है कि वह सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
वहीं, महाविकास अघाड़ी को उम्मीद थी कि महायुति गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद होगा। एमवीए को यह भी भरोसा था कि शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के साथ सीटों के तालमेल में भाजपा को परेशानी होगी। लेकिन भाजपा ने राजनीतिक चतुराई दिखाते हुए सीटों के बंटवारे को बेहद कुशलता से सुलझा लिया। इसके तहत भाजपा ने शिवसेना और राकांपा को उनके परंपरागत गढ़ों में चुनाव लड़ने का पूरा मौका दिया है।
राकांपा : अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा मुख्य रूप से राकांपा (शरद पवार गुट) के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। दोनों पार्टियां पश्चिमी महाराष्ट्र के पारंपरिक गढ़ों में एक-दूसरे को टक्कर दे रही हैं।
शिवसेना : एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना अपनी आवंटित सीटों में से करीब 60% सीटों पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। कोंकण-ठाणे क्षेत्र में इन दोनों गुटों के बीच सीधा मुकाबला है, जो परंपरागत रूप से शिवसेना का गढ़ रहा है।
शिवसेना (शिंदे गुट) दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा पर कायम है, जबकि उद्धव गुट ने उनके राजनीतिक विरोधियों के साथ गठबंधन कर लिया है। इससे उद्धव गुट के लिए अपने पूर्व सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाना मुश्किल हो गया है।
कांग्रेस के खिलाफ भाजपा की रणनीति
भाजपा ने अपनी आवंटित सीटों में से आधी सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं। कुल 75 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा की यह रणनीति महायुति को विधानसभा चुनाव में बढ़त दिलाने में मददगार साबित हो सकती है।
परंपरागत गढ़ों में प्रदर्शन की उम्मीद
- शिवसेना (शिंदे गुट) कोंकण-ठाणे क्षेत्र में अपना पुराना प्रदर्शन दोहराने की पूरी कोशिश कर रही है।
- राकांपा (अजित पवार गुट) पश्चिमी महाराष्ट्र में मजबूत प्रदर्शन कर सकती है।
- भाजपा कांग्रेस के खिलाफ अपनी परखी हुई रणनीति के जरिए सीटों पर पकड़ बनाने में सक्षम दिख रही है।
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