देश का सबसे बड़ा साइबर क्राइम रैकेट सूरत से पकड़ा गया है। देश के हजारों लोगों के मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट समेत की जानकारी दुबई और चीन में बैठी हुई गैंग को दी जा रही थी। जिसके आधार पर इस गैंग ने पिछले कुछ महीनों में देश के 29 राज्यों में 866 लोगों के साथ साइबर फ्रॉड किए हैं। इस गैंग ने डिजिटल अरेस्ट, पैसे कमाने का लालच, जॉब फ्रॉड समेत के साइबर क्राइम किए हैं। इस केस में सूरत से तीन और मुंबई से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
देश के सबसे बड़े इस साइबर फ्रॉड केस में इससे पहले 8 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। सूरत साइबर क्राइम ब्रांच ने मुंबई एयरपोर्ट पर से दुबई जाने के प्रयास में लगे हिरेन बरवालिया को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरी तरफ सूरत में ही इस गैंग के अन्य तीन आरोपी अजय इटालिया, जल्पेश नड़ियादरा और विशाल ठुमर को भी पुलिस ने दबोच लिया है। इन चारों की पूछताछ में एवं उनके घर की तलाशी लेने पर इस पूरे साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ है।
हिरेन के खिलाफ था लुकआउट नोटिस
अमरेली के रहने वाले हिरेन बरवालिया के खिलाफ एक साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज होने पर उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। इस दौरान रविवार को हिरेन मुंबई एयरपोर्ट से दुबई भागने की कोशिश में था तभी सूरत पुलिस ने उसे एयरपोर्ट से ही दबोच लिया। साथ ही इस गेंग के अन्य तीन आरोपियों को भी सूरत से दबोचा गया।
चारों आरोपियों के घर से 86 डेबिट कार्ड समेत अन्य सामान बरामद
गिरफ्तार चारों आरोपियों के घरों और दफ्तरों पर जब छापेमारी की गई तो उनके पास से विभिन्न बैंकों के 86 डेबिट कार्ड, 180 पासबुक, 30 चेकबुक, 2 कंप्यूटर, एक लैपटॉप और 258 सिम कार्ड बरामद हुए।
आरोपियों के पास थे 623 बैंक अकाउंट
आरोपियों के घर और ऑफिस पर मारे गए छापे में सामने आया कि आरोपियों के पास 623 बैंक अकाउंट थे। इन सभी अकाउंट के जरिए 111.15 करोड़ रूपये के ट्रांजेक्शन किये गए थे। इनमें से 370 अकाउंट ऐसे है जिनके 866 साइबर फ्रॉड नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी दर्ज है।
बैंक के बाहर से पकड़े गए थे पहले के 8 आरोपी
बैंक के बाहर खड़े रहकर अकाउंट खुलवाने आनेवाले को 10 से 12 हजार की लालच देकर उनके एटीएम कार्ड, चेकबुक, पासबुक, मोबाइल नंबर समेत के डॉक्युमेंट्स गेंग के लोग ले लेते थे। इसी गेंग के 8 लोगो को पुलिस ने जुलाई में गिरफ्तार किया था। यह गिरोह ज्यादातर छोटे मजदूरों जैसे लोगों को निशाना बनाता था।
फ्रॉड के पैसे दुबई ट्रांसफर होते थे
इस गेंग के सभ्य सभी डॉक्युमेंट्स और सिमकार्ड दुबई भेजते थे। फ्रॉड के पैसे दूसरे के अकाउंट में जमा करते थे। जिसमें से डेबिट कार्ड से पैसे उठा लेते थे। गिरोह के सभी आरोपी कमीशन पर लिए गए बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करते थे और फिर उस पैसे को दुबई स्थित बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था। जितने पैसे दुबई भेजे जाते उससे सूरत की गैंग को कमीशन मिलता था।
आरोपियों ने 29 राज्य में किए 866 साइबर क्राइम
सभी आरोपियों ने गिरोह के माध्यम से 29 राज्यों में 866 साइबर अपराध किए हैं। इनमें से सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र (171), कर्नाटक (154), तेलंगाना (67) और गुजरात (54) में दर्ज किए गए हैं।
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